राष्ट्र निर्माण में लगे कर्मयोगियो को दिया गया स्वराज रक्षक सम्मान-2024

स्वतंत्रता संग्राम के महावीर योद्धा राष्ट्रनायक चंद्रशेखर आजाद के बलिदान दिवस को 'वंदे मातरम दिवस' के रूप में मनाया.

राष्ट्र निर्माण में लगे कर्मयोगियो को दिया गया स्वराज रक्षक सम्मान-2024
Swaraj Rakshak Samman-2024

स्वतंत्रता वीर चंद्रशेखर आजाद के जीवन बलिदान आदर्शो और संकल्पों को समर्पित

मिशन वंदे मातरम फाउंडेशन, नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद के एनएसएस सेल ने आज स्वतंत्रता संग्राम के महावीर योद्धा राष्ट्रनायक चंद्रशेखर आजाद के बलिदान दिवस को 'वंदे मातरम दिवस' के रूप में मनाया. देश के स्वतंत्रता संग्राम के प्रति उनकी अदम्य भावना और अटूट प्रतिबद्धता को नमन करते हुए, चंद्र शेखर आज़ाद के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की गई.

स्मरणोत्सव में 'समर्थ भारत का दृष्टिकोण

राष्ट्रनायक चंद्र शेखर आजाद के जीवन आदर्शों और संकल्पों को समर्पित रहा' विषय पर केंद्रित एक परिचर्चा भी हुई. विशेष रूप से, 'स्वराज रक्षक सम्मान-2024' उन व्यक्तियों को प्रदान किया गया जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान दिया है, और उनके असाधारण प्रयासों कि सरहाना करी गई .

कार्यक्रम की शुरुआत कुलपति प्रोफेसर सुशील कुमार तोमर, मिशन वंदे मातरम फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष जितेंद्र तिवारी, विश्वविद्यालय और फाउंडेशन के पदाधिकारीयो और विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति में दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई.

विश्वविद्यालय के उप परीक्षा नियंत्रक डॉ. विनोद कुमार ने उपस्थित लोगों का गर्मजोशी से स्वागत किया और कार्यक्रम का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया. सभा को संबोधित करते हुए, श्री जितेंद्र तिवारी ने मिशन वंदे मातरम फाउंडेशन के उद्देश्यों, चल रहे कार्यों और भविष्य की योजनाओं पर प्रकाश डाला.

अपने संबोधन में, कुलपति प्रो. सुशील कुमार तोमर ने इस तरह के महत्वपूर्ण कार्यक्रम की संकल्पना और संचालन के लिए मिशन वंदे मातरम फाउंडेशन की सराहना की. उन्होंने युवा पीढ़ी को देश के वीर क्रांतिकारी योद्धाओं वीरांगनाओं के जीवन और बलिदान से परिचित कराने में उनकी भूमिका पर प्रकाश डालते हुए ऐसी पहलों के महत्व पर जोर दिया. प्रो. तोमर ने देश के स्वतंत्रता संग्राम में चंद्र शेखर आज़ाद के योगदान के स्थायी महत्व को रेखांकित किया, युवाओं से इन अमर बलिदानियो से प्रेरणा लेने और देश की सेवा के लिए खुद को समर्पित करने का आग्रह किया.

चर्चा में श्री गजेंद्र सोलंकी, कवि चरणजीत, वरिष्ठ पत्रकार रमा सोलंकी, प्रसार भारती के सलाहकार श्री उमेश चतुर्वेदी, उत्तर प्रदेश के पूर्व शिक्षा मंत्री श्री रविद्र शुक्ला और फरीदाबाद साहित्यिक और सांस्कृतिक केंद्र के अध्यक्ष श्री विनोद मलिक की अंतर्दृष्टि भी शामिल थी.

बुद्धिजीवियों, लेखकों, पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, डॉक्टरों और शिक्षकों सहित कुल 18 व्यक्तियों को अपने-अपने क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रतिष्ठित 'स्वराज रक्षक सम्मान-2024' से सम्मानित किया गया.

कार्यक्रम का समापन करते हुए, छात्र कल्याण के डीन प्रोफेसर मनीष वशिष्ठ ने एक औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन दिया, जो एक गहन सार्थक और प्रेरणादायक कार्यक्रम के समापन को चिह्नित करता है.