सांसद पर आरोप बिल्कुल ग़लत है: मितेंद्र कुमार सिंह
राजद नेता अपने सरकार और बिहार - सरकार के उप मुख्यमंत्री तथा स्वास्थ्य मंत्री, तेजस्वी यादव के नाकामयाबी को छिपाने के लिए धरना पर बैठे हुए थे.
अजय कुमार पाण्डेय:
औरंगाबाद: ( बिहार ) सदर प्रखंड अंतर्गत फेसर थाना क्षेत्र के बाकन गाँव के समीप ट्रैक्टर अनियंत्रित होने की वजह से पलट गई. यही वजह है कि बघोई खुर्द निवासी, 40 वर्षीय विनय सिंह की मौत हो गई थी, और मृतक के 16 वर्षीय पुत्र रौशन कुमार को घायल अवस्था में सदर अस्पताल लाया गया था. सदर अस्पताल के अंदर इलाज में लापरवाही बरती गई, और इलाज के आभाव में ही रौशन कुमार की मृत्यु हो गई. इसी संबंध में भाजपा के जिला मीडिया प्रभारी, मितेन्द्र कुमार सिंह ने कहा है कि सदर अस्पताल में एक रोस्टर में दो डॉक्टर की ड्यूटी रहती है. उस समय मात्र एक डॉक्टर ही ड्यूटी में मौजूद थे. सदर अस्पताल में कार्यरत स्टाफ द्वारा समय पर इलाज नहीं होने की वजह से परिजन द्वारा विरोध किया गया, और परिजनों द्वारा औरंगाबाद सांसद, सुशील कुमार सिंह को सूचना दिया गया.
सांसद तथा भाजपा जिलाध्यक्ष, मुकेश शर्मा, मुखिया प्रतिनिधि, अमरीश सिंह अस्पताल पहुँचे, और स्थिति की जानकारी ली. सिविल सर्जन, अस्पताल उपाधीक्षक, अस्पताल प्रबंधक तथा डॉक्टर उपस्थित नही रहने पर सांसद ने सभी बातो से जिला पदाधिकारी, सौरभ जोरवाल को अवगत कराया. सांसद को अस्पताल में पहुंचने के 20 मिनट बाद सिविल सर्जन तथा उपाधीक्षक, सदर अस्पताल पहुँचे.
जब सांसद ने पूछा कि इलाज में लापरवाही क्यों बरती गई. और आप उस समय कहां थे. तब सिविल सर्जन ने कहा कि हम एवं अस्पताल उपाधीक्षक, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चल रहे मीटिंग में मौजूद थे. तब सांसद ने कहा कि जब कोई इमरजेंसी केस आया था. तब इलाज क्यों नहीं किया गया. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में कौन - कौन लोग थे. इसकी भी जाँच होनी चाहिए. कि यह झूठ बोल रहे है या सच. इन सभी बातों को लेकर अस्पतालकर्मी कल मंगलवार दिनांक - 28 मार्च 2023 की सुबह 9 बजे से धरना पर बैठ गये, और अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्था चरमरा गई.इस घटना की सूचना वरीय पदाधिकारी को दी गई थी, कि नहीं यह जाँच का विषय है. और अगर दी गई थी. तो सिविल सर्जन, अस्पताल उपाधीक्षक तथा अस्पताल प्रबंधक द्वारा इमरजेंसी के लिए पर्याप्त व्यवस्था क्यों नहीं की गई.
इस धरने के कारण और इमरजेंसी में व्यवस्था नही रहने की वजह से ही नवीनगर प्रखंड अंतर्गत काला पहाड़ निवासी, अशोक कुमार सिंह पिता - स्व0 सूर्यदेव सिंह का इलाज के अभाव में अस्पताल में आधे घंटे तक तड़पने के बाद दोपहर 2:40 बजे मौत हो गई. और कर्मी धरना पर बैठे रहे. तथा इलाज नही किया गया. इसलिए सांसद पर जो आरोप लगाए गए हैं. वह बिल्कुल गलत है. इसका भी जाँच सदर अस्पताल के वीडियो फुटेज से हो जाएगा. यह सभी बातें राजद के नेताओं द्वारा षड्यंत्र करके किया गया है.
राजद नेता अपने सरकार और बिहार - सरकार के उप मुख्यमंत्री तथा स्वास्थ्य मंत्री, तेजस्वी यादव के नाकामयाबी को छिपाने के लिए धरना पर बैठे हुए थे. इसलिए मैं माँग करता हुँ, कि इसकी उच्चस्तरीय जाँच होनी चाहिए. और अशोक कुमार सिंह का जो मृत्यु हुआ है. उसका जिम्मेवार धरना पर बैठे राजद के नेता और सिविल सर्जन, अस्पताल उपाधीक्षक, अस्पताल प्रबंधक तथा स्वास्थ्य कर्मी लोग है. इन सभी के ऊपर हत्या का मुकदमा दर्ज होना चाहिए. तथा जल्द से जल्द गिरफ्तारी होनी चाहिए. और मृत परिवार के सदस्यों को 50 लाख रुपया का मुआवजा मिलना चाहिए. आए दिन हमेशा इस तरह की लापरवाही देखने को मिलता है. कभी भी इलाज के आभाव में लोगों की मौत हो जाती है.