समय की मांग ईवीएम का प्रयोग बंद हो. क्या कहा मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने?
उच्चतम न्यायालय ने लोकसभा चुनाव 2024 से पहले एक ऐतिहासिक फैसले में चुनावी बॉन्ड योजना को असंवैधानिक करार देते हुए इसे निरस्त कर दिया और चंदा देने वालों, बॉण्ड के मूल्यों और उनके प्राप्तकर्ताओं की जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया.
New Delhi, 19 February, 2024: उच्चतम न्यायालय ने लोकसभा चुनाव 2024 से पहले एक ऐतिहासिक फैसले में चुनावी बॉन्ड योजना को असंवैधानिक करार देते हुए इसे निरस्त कर दिया और चंदा देने वालों, बॉण्ड के मूल्यों और उनके प्राप्तकर्ताओं की जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया. मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार के बयान के बाद ईवीएम से चुनाव का विरोध कर रहे लोगों को नई उम्मीद जगी है. राजीव कुमार ने ईवीएम के प्रयोग के बिना चुनाव कराने को लेकर उच्चतम न्यायालय में लंबित मामले से जुड़े प्रेस-प्रश्न पर कहा कि फैसला आने दीजिए, अगर जरूरत पड़ी तो अदालत के निर्देश के मुताबिक बदलाव किए जाएंगे.
मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि चुनाव आयोग बॉन्ड योजना के संबंध में उच्चतम न्यायालय के निर्देशों का पालन करेगा. आयोग हमेशा सूचना प्रवाह और भागीदारी में पारदर्शिता के आधार पर काम करता है, वह पारदर्शिता के पक्ष में है और जब आदेश जारी किया जाएगा, तो वह उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार कदम उठाएगा.
लोकसभा चुनाव 2024 से पहले आए इस फैसले में उच्चतम न्यायालय ने इस योजना को तत्काल बंद करने तथा इस योजना के लिए अधिकृत वित्तीय संस्थान एसबीआई को 12 अप्रैल, 2019 से अब तक खरीदे गए चुनावी बॉन्ड का विस्तृत ब्यौरा 6 मार्च 2024 तक निर्वाचन आयोग को सौंपने का भी निर्देश दिया.
माना यह जा रहा है कि अगर ईवीएम को लेकर कोई बड़ा फैसला होता है, तो मोदी सरकार पर सियासी संकट के बादल गहरा जाएंगे. जनता में यह चर्चा है कि ईवीएम की स्मार्ट सेटिंग से ही दो बार मोदी सरकार बन पायी है. ईमानदार सरकार के लिए ईमानदार प्रशासन जरुरी है. उसके लिए ईमानदार और सकारात्मक सोच वाले लोगों की ज़रूरत है. ईवीएम की स्मार्ट सेटिंग से चुनावी धांधली से बचने के लिए बैलेट पेपर से वोट करना आज के समय की मांग है.
-ismatimes newsdesk