महिला ने लगाया भारतीय जीवन बीमा निगम के विकास अधिकारी पर यौन शोषण का आरोप

Woman accuses development officer of Life Insurance Corporation of India of sexual exploitation

महिला ने लगाया भारतीय जीवन बीमा निगम के विकास अधिकारी पर  यौन शोषण का आरोप
Woman accuses sexual exploitation by LIC DO

महिला ने यौन शोषण / एस0सी0 / एस0टी0 एक्ट सहित सुसंगत धाराओं के तहत भारतीय जीवन बीमा निगम के विकास अधिकारी पर महिला थाना में दर्ज कराई प्राथमिकी

अजय कुमार पाण्डेय:

औरंगाबाद: (बिहार) किसी व्यक्ति ने अपने पुराने जमाने में देहाती (ग्रामीण भाषा) भाषा का उपयोग करते हुए कहावत सच ही कहा था, कि कब तक छुपोगे पत्ते की आड़ में, कहीं ना कहीं एक दिन तो बिकोगे ही शहर बाजार में. यानि कहने का तात्पर्य है कि कोई भी व्यक्ति चाहे जितना भी कुकर्म कर ले? लेकिन यह भी हकीकत है कि जब उसका पाप का घड़ा भर जाता है? तो घड़ा भी फूटता ही है? इसमें दो राय नहीं है? कुकर्मी व्यक्ति का एक न एक दिन तो विनाश होना तय है ही? आज यही कहावत चरितार्थ होते हुए दिख रही है, जिला मुख्यालय औरंगाबाद में. आज आप खास करके औरंगाबाद शहर के अंदर जहां भी जाइएगा? आपको लगातार यही चर्चा प्रत्येक स्थानों पर देखने सुनने को मिल ही जाएगी? मिले भी तो क्यों नहीं? क्योंकि शहर के एक प्रतिष्ठित व्यक्ति के नाम से जाने जाने वाले, भारतीय जीवन बीमा निगम शाखा कार्यालय, औरंगाबाद के चर्चित विकास अधिकारी के नाम से जाने जाने वाले, हमेशा भारतीय जीवन बीमा निगम शाखा कार्यालय, औरंगाबाद में टॉपर विकास अधिकारी बनकर दिखाने वाले, भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी औरंगाबाद के चेयरमैन पद पर रहने वाले, राजनीतिझ पर भी अच्छी पकड़ रखने वाले व समय-समय पर समाजसेवी बनकर भी दिखाने वाले संजय सिंह का जो मामला है? यह मामला काफी चर्चित भी हो चुका है.

मामला है कि भारतीय जीवन बीमा निगम शाखा कार्यालय, औरंगाबाद के चर्चित विकास अधिकारी संजय सिंह पर ही एक महिला ने यौन शोषण का आरोप लगाते हुए सदर अनुमंडल अंतर्गत महिला थाना में लिखित आवेदन देकर प्राथमिकी दर्ज कराई है? जिसका महिला थाना में कांड संख्या - 25 / 23 दिनांक - 26 जून 2023 दर्ज भी कर लिया गया है, और यह मुकदमा आई0पी0सी0 की धारा - 376 / 506,3 (1) (r) (s) w (1) (ii) 13 (2*va) एस0सी0 / एस0टी0 एक्ट के तहत दर्ज किया गया है, और महिला द्वारा लिखित आवेदन प्राप्त होने के पश्चात पुलिस जांच में भी जुट गई है. ज्ञात हो कि लिखित रूप से शिकायत करने वाली महिला ने महिला थानाध्यक्ष, औरंगाबाद के नाम से आवेदन देते हुए कहा है, कि मैं अपने भाई के केस के सिलसिले में औरंगाबाद कचहरी में आती जाती रहती थी. इसी बीच संजय सिंह, एल0आई0सी0 के डी0ओ0 से औरंगाबाद कचहरी में मुलाकात हो गया. उन्होंने हमसे परिचय और काम पूछकर अपना मोबाइल नंबर दिया, और बोले कि हम तुमको मदद करेंगे. मैं गरीब लोग का मदद करता हूं. इसी बीच पुनः दूसरी बार कचहरी में भेंट हो गया, तो वे अपने डेरा में रमेश चौक के नजदीक ले गये. उनके साथ एक आदमी और थे. फिर संजय सिंह हमारे साथ गलत करना शुरू किये, तो मैं विरोध की, तो उन्होंने कहा कि ज्यादा चिलाओगी, तो जान मार देंगे. इसके बाद हमारे साथ जोर - जबरदस्ती, गलत किये, और एक व्यक्ति वीडियो मोबाइल से बना रहा था. मैं बहुत रोने लगी, और जान मारने तथा वीडियो दिखाने के डर से किसी को कुछ नहीं बताई. यह घटना लगभग आज से 08 साल पहले का है. इसके बाद मुझे बराबर मेरे साथ शारीरिक संबंध बनाते रहे, और दूसरे लोग के साथ भी संबंध बनाने पर मजबूर कर दिए. मैं जब विरोध करती थी, तो पूरा वीडियो बनाकर दिखाते थे, और बोलते थे, कि किसी को बताएगी, तो वीडियो पूरा वायरल कर दूंगा, और जान मार कर फेंक देंगे? हमको कुछ नहीं होगा. पैसा पर एस0पी0 को खरीद लेंगे. उनके द्वारा मेरे साथ शारीरिक संबंध का भी वीडियो मेरे पास है. जो श्रीमान को दिखा रही हूं.

अतः श्रीमान से निवेदन है कि संजय सिंह के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई करने की कृपा की जाए, क्योंकि मैं एक गरीब पिछड़ी जाति की लड़की हूं. मुझे किसी भी समय जान मार सकते हैं. ज्ञात हो कि पीड़ित महिला ने जब से महिला थाना औरंगाबाद में लिखित आवेदन देकर प्राथमिकी दर्ज कराई है. तब से औरंगाबाद के चर्चित व भारतीय जीवन बीमा निगम के विकास अधिकारी संजय सिंह फरार है.

ज्ञात हो कि इसी संबंध में औरंगाबाद की पुलिस अधीक्षक, माननीया स्वप्ना जी मेश्राम ने भी एक मीडियाकर्मी को व्यान देते हुए कहा है कि एक एफ0 आई0 आर0 दर्ज हुआ है. मेडिकल टेस्ट भी कराया गया है, और आगे की भी कार्रवाई की जाएगी. लेकिन समाचार प्रेषण पूर्व तक काफी दिन बीत जाने के बावजूद भी इतने गंभीर आरोप मामले में भारतीय जीवन बीमा निगम शाखा कार्यालय, औरंगाबाद के चर्चित विकास अधिकारी संजय कुमार सिंह की गिरफ्तारी ना होना भी औरंगाबाद पुलिस प्रशासन पर सवालिया निशान तो खड़ा हो ही रहा है. जिसकी चर्चा खासकर औरंगाबाद शहर के प्रत्येक चौक चौराहों पर आम जनता भी कर ही रही है, कि अभी तक भी आरोपी विकास अधिकारी को औरंगाबाद की पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पायी है.