दुनिया से अनाज संकट होगा दूर, रूस और यूक्रेन का UN से समझौता
संयुक्त राष्ट्र और तुर्की के साथ रूस और यूक्रेन दोनों देशों ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। संघर्ष के बीच इस समझौते से विश्व बाजारों में अनाज निर्यात का रास्ताON साफ हो गया है।
रूस और यूक्रेन के बीच जंग को कई माह बीत चुके हैं लेकिन, यह महायुद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा है। दोनों देशों के बीच चल रही जिद और अपने वर्चस्व को बचाने की लड़ाई के कारण दुनियाभर के कई खाद्य संकट से गुजर रहे हैं। शुक्रवार को इस महायुद्ध के बीच बड़ी राहत तब सामने आई जब संयुक्त राष्ट्र और तुर्की के साथ रूस और यूक्रेन दोनों देशों ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। संघर्ष के बीच इस समझौते से विश्व बाजारों में अनाज निर्यात का रास्ता साफ हो गया है।.
संयुक्त राष्ट्र ने शुक्रवार को कहा कि उसे उम्मीद है कि काला सागर के माध्यम से यूक्रेन के अनाज निर्यात को फिर से शुरू करने के लिए सौदा कुछ हफ्तों में पूरी तरह से चालू हो जाएगा और शिपमेंट को पूर्व-युद्ध के स्तर पर पांच मिलियन टन प्रति माह बहाल कर देगा। यह समझौता दोनों देशों के बीच लड़ाई के बीच हुआ है। 23 जुलाई को रूस और यूक्रेन की जंग शुरू हुए पांच महीने का वक्त हो जाएगा।
अंतरराष्ट्रीय खाद्य संकट टलेगा इस समझौते पर तुर्की की राजधानी इस्तांबुल में हस्ताक्षर किए गए, जिसे युद्ध के कारण अंतरराष्ट्रीय खाद्य संकट को कम करने की दिशा में पहला कदम माना जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा, "आज, काला सागर पर एक आशा की एक किरण जगी। यह ऐसी स्थिति है जिसकी पूरी दुनिया को बहुत ज्यादा आवश्यकता थी।
दुनिया के शीर्ष खाद्य निर्यातक हैं रूस-यूक्रेन रूस और यूक्रेन दुनिया के शीर्ष खाद्य निर्यातकों में शामिल हैं। पूर्वी यूरोपीय देश के 24 फरवरी के आक्रमण के बाद से यूक्रेनी बंदरगाहों की नाकाबंदी हुई, दर्जनों जहाज फंस गए और 20 मिलियन टन अनाज साइलो में फंस गया और दुनिया भर में अनाज की कीमतें बढ़ गईं।
Source: livehindustan