नीम है चमत्कारी रोग निवारण गुणों से भरपूर

Neem is full of miraculous disease prevention properties

नीम है चमत्कारी रोग निवारण गुणों से भरपूर
Neem is full of miraculous disease prevention properties

जबसे दुनिया को नीम के कीटनाशक और दुसरे गुणों का पता चला है तबसे नीम को बढावा देने का काम पुरी दुनिया में शुरू हो गया पर भारतवासी ने कभी इसकी परवा नही की. भारत में अभी नीम के 220 लाख पेड़ है पर चीन में जहां कभी एक भी नीम का पेड़ नही था वहाँ अब 250 लाख नीम के पेड़ उगाए गए है. अमेरिका, अफ्रीका, लातिन अमेरिका के सब देशों में जोरशोर से नीम के ऊपर काम हो रहा है. तंजानिया में 6 लाख, युगांडा में 2 लाख नीम के पेड़ हो गए हैं.

नीम है चमत्कारी रोग निवारण गुणों से भरपूर

नीम का इतिहास (History of Neem)

नीम एक ऐसा पेड़ है जो 537 कीड़ों को नियंत्रित कर सकता है परन्तु हमारे देश में इसकी कोई कद्र नहीं है. हमारे वैज्ञानिक इस पर बात नही करते. अगर आप धूप में नीम के पेड़ के निचे बैठें तो 10 डिग्री तापमान का फर्क होता है जो बहुत है एक तरह से नीम प्राकृतिक एयर कंडीशनर है. नीम 250 साल तक जिन्दा रहता है और यह एक ऐसा पेड़ है जो नुकसान दायक कीड़े की क्षमता कम कर देती है और अच्छे कीड़ों को बढावा देती है जो अद्भुत है. अगर जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) में नीम का फायदा जोड़ा जाये तो एक नीम के पेड़ से यह हर साल 25000 डॉलर का फायदा होता है.

नीम का उपयोग (use of neem)

सदियों से आयुर्वेद में नीम का प्रयोग किया जाता रहा है. यह त्वचा और शरीर के रोगों को ठीक करने के लिए बहुत असरकारी होती है. पुराने जमाने में लोग नीम की पत्तियों का प्रयोग पानी में उबालकर नहाने के लिए करते थे. नीम शरीर के भीतर खून को भी साफ करके हर बीमारी का नाश करती है. अगर आपको दमकता हुआ चेहरा चाहिए, तो नीम का प्रयोग करें.

यह लोशन, तेल, क्रीम और फेशियल पाउडर के रूप मेंभी प्रयोग किया जाता है.

नीम के उपयोग नीम का अर्क लगाने से त्वचा की खुजली, पिंग्मेंटेशन और दाग-धब्बों से छुटकारा मिलता है.

नीम के पेस्ट को त्वचा पर लगाने से पिंपल ठीक हो जाते हैं.

साथ ही यह रूखी त्वचा को नमी भी प्रदान करता है.

नीम की छाल का लेप सभी प्रकार के चर्म रोगों और घावों के निवारण में सहायक है. इससे बैक्टीरियल संक्रमण और फंगल संक्रमण भी दूर हो जाता है.

नीम दोनों ही तरह की ऑयली और रूखी त्वचा के लिए फायदेमंद है. माना जाता है कि यह एक असरदार स्किन क्लींजर है. स्किन पर पड़े रैश को नीम पेस्ट या फिर नीम के तेल के प्रयोग से सही किया जा सकता है.

नीम की पत्तियों को पानी में उबाल कर उस पानी से नहाने से चर्म विकार दूर होते हैं और ये खासतौर से चेचक के उपचार में सहायक है.

नीम के द्वारा बनाया गया लेप बालो में लगाने से बाल स्वस्थ रहते हैं और कम झड़ते हैं. नीम बहुत ही गुणकारी पेड़ है नीम की पत्तियां, छाल, नीम के फल सभी बहुत ही गुणकारी है.

नीम की पत्तियों का धुँआ मच्छरों और कीड़े मकोडो को दूर भगाता है. कुछ समय पहले तक इसका इस्तेमाल बड़े-बड़े गोदामों में नीम की पत्तियों का धुआं फैका जाता था जिसके कारण भंडारित अनाज में कीट पतंगे नहीं लगते थे.

नीम के छाल से कई प्रकार के रसायन मिलते है जो चमड़ा रंगने के काम आते है. नीम का उपयोग तेल साबुन, दन्त मंजन बनाने में भी किया जाता है.

नीम के वृक्ष में अन्य पेड़ की अपेक्षा अधिक ओक्सिजन होती है. नीम के हर भाग में औषधिक गुण है इसी कारण हमारे पुर्वज घरों के समीप नीम के पेड़ लगाते आये हैं.

गावों में चरम रोगों होने पर भी नीम की पत्तियों को उबाल कर नहाने की सलाह दी जाती है. पेट के कीड़ों और गठिया रोगों में भी नीम का तेल दवा के रूप में काम आता है. आयुर्वेद में नीम को सर्वरोग निवारण की संज्ञा है.

गावों में अक्सर लोग नीम का दातुन के रूप में इस्तेमाल करते रहे हैं जो मुंह व पेट के कई रोगों से रक्षा करता है.

सांप के काटने पर भी नीम की पत्तियों खिलाने का प्रचलन भी देहातों में है.

नीम के अनेको गुण है जिन लोगो ने इसे गंभीरता से जांचा परखा है उनका मानना है नीम अपने से दूसरी प्रजाति के पेड़ पौधों को भी सुरक्षा प्रदान करता है.

नीम में अनेक विशेषताएं है जो अधिक फसलों से उत्पादन में हमारी मदद करता है और भयंकर रोगों के उपचार हेतु प्रयोग में लाया जता है.

नीम के बेशुमार गुणों को देखते हुए आज आवश्कता इस बात की है कि इस बहुमूल्य पेड़ के बारे जनता को ज्यादा से ज्यादा जागरूक किया जाए ताकि जनता इससे फायदा उठा सके.

- संकलन : राव बिन्दु सार