सकारात्मक दृष्टिकोण से जीवन का उत्थान
सकारात्मक विचार हमें और अधिक बेहतर करने के लिए प्रेरित करते हैं तथा सकारात्मक दृष्टिकोण हमें अपनी ऊर्जा का सही उपयोग करने में सहायता करते हुए जीवन में आने वाली चुनौतियों का सामना करने की शक्ति प्रदान करता है परिणाम स्वरूप हम नकारात्मक स्थिति में भी हम सहज बने रहते हैं.
प्रधानाचार्या डॉ हरलीन कौर ने गत दिवस गुरु नानक पब्लिक स्कूल राजौरी गार्डन के बेबे नानकी कॉन्फ्रेंस हॉल में अध्यापकों को सकारात्मक दृष्टिकोण के आधार पर कार्यरत होते हुए विद्यालय में सकारात्मक ऊर्जा तथा उत्साह पूर्ण सुंदर वातावरण निर्मित करने के लिए प्रेरित किया.
उन्होंने कहा कि जब अध्यापिका समय पर अपने पूरे लैसन प्लान के साथ मुस्कुराते हुए अपनी कक्षा में छात्रों के सामने उपस्थित होती है तो छात्रों का भी इस गर्मी में उदास और थका हुआ चेहरा उत्साहित और प्रफुल्लित हो जाता हैऔर ऐसी स्थिति में छात्र संपूर्ण ऊर्जा के साथ पढ़ाई में मन लगाते हैं.
उन्होंने अध्यापिकाओं को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि सकारात्मक विचार हमें और अधिक बेहतर करने के लिए प्रेरित करते हैं तथा सकारात्मक दृष्टिकोण हमें अपनी ऊर्जा का सही उपयोग करने में सहायता करते हुए जीवन में आने वाली चुनौतियों का सामना करने की शक्ति प्रदान करता है परिणाम स्वरूप हम नकारात्मक स्थिति में भी हम सहज बने रहते हैं.
उन्होंने कहा कि पुस्तकीय शिक्षा के साथ-साथ सकारात्मक विचारधारा भी छात्रों के जीवन के उत्थान में विशेष महत्व रखती है और इसके लिए आवश्यक है कि अध्यापिकाएं स्वयं उनके लिए सकारात्मक दृष्टिकोण रखते हुए रोल मॉडल बनें | डॉक्टर हरलीन ने अपने नीति निर्देशों के लिए बाबा गुरु नानक देव जी और श्री कृष्ण जी के कर्म -प्रधान' सूत्र का उदाहरण भी दिया इस प्रकार केमोटिवेशनल संभाषण निश्चित रूप से विद्यालय को उच्चतम कोटि के विद्यालयों में परिगणित करने योग्य बनाएगा.