निरंतर सीखते रहना ही सफलता की चाबी है : सकरनी ग्रुप चेयरमैन
यह दीप एक प्रतीक था उस रोशनी का, जो “द लर्निंग मूवमेंट” के ज़रिए हर दिल और दिमाग तक पहुंचने वाली थी.
दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में इंटरनेशनल समिट ऑन स्टूडेंट ग्रोथ माइंडसेट के अंतर्गत “द इंपोर्टेंस ऑफ बिकमिंग ए लाइफलांग लर्नर” विषय पर एक शानदार कार्यक्रम रखा गया. इंटरनेशनल समिट ऑन स्टूडेंट ग्रोथ माइंडसेट में करीब 200 उत्साही छात्रों, शिक्षकों, और विशेषज्ञों को एकजुट करने में सफ़ल हुआ. यह सिर्फ़ एक कार्यक्रम नहीं था, बल्कि शिक्षा की दुनिया में एक नए युग का उद्घाटन था, जहां सीखना महज़ एक प्रक्रिया नहीं, बल्कि एक जीवनशैली बनती हुई देखी गई. यहाँ एमिटी यूनिवर्सिटी के छात्रों की भागीदारी ने भी एक विशेष रंग भर दिया.
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन से हुई, जहां द लर्निंग मूवमेंट के संस्थापक डॉ. संजय कुमार अग्रवाल, सकरनी के चेयरमैन डॉ. अशोक गुप्ता जी एवं चीफ गेस्ट डॉ. शैली बिष्ट ने ज्ञान की लौ जलाकर इस यात्रा की दिशा तय की. यह दीप एक प्रतीक था उस रोशनी का, जो “द लर्निंग मूवमेंट” के ज़रिए हर दिल और दिमाग तक पहुंचने वाली थी. इस विशेष अवसर पर डॉ. संजय कुमार अग्रवाल (संस्थापक, द लर्निंग मूवमेंट) की पुस्तक “Choose Your Beliefs” का विमोचन हुआ. यह पुस्तक हर व्यक्ति के भीतर छुपे विश्वास को उजागर करने में मदद करेगी, उसे आकार देने का तरीका सिखायेगी और जीवन की दिशा बदलने का संकल्प दिलायेगी.
कार्यक्रम में पैनल चर्चा के दौरान विज़नरी उद्योगपति डॉ. अशोक गुप्ता जी ने लाइफलॉन्ग लर्निंग की महत्वपूर्णता पर अपने विचार रखे. उनके शब्दों ने जैसे पूरे हॉल में एक नई ऊर्जा का संचार कर दिया. उन्होंने विद्यार्थियों को स्पष्ट किया कि “जैसे नकारात्मकता एक हरे-भरे पेड़ को सूखा देती है, वैसे ही नकारात्मक विचार आपके सपनों को खत्म करने की ताकत रखते हैं. अगर आप अपने लक्ष्यों को पूरा करना चाहते हैं, तो नकारात्मकता को अपनी सोच से निकाल फेंकें. अपने विश्वास, सकारात्मक ऊर्जा को बनाए रखें. पूरी मज़बूती और दृढ़ता से अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते रहें. आपकी सफलता की चाबी आपके विचारो में ही है.
आज की तेज़ी से बदलती दुनिया में, सीखने की प्रक्रिया कभी नहीं रुकनी चाहिए. सिर्फ़ डिग्री प्राप्त करना पर्याप्त नहीं है, बल्कि उन स्किल्स को भी हासिल करें जो भविष्य को सुरक्षित और सफ़ल बना सकें. आप जैसे सोचते हैं आप वैसे बन जाते है, इसलिए पॉज़िटिव माइंडसेट से कार्य करें”. डॉ. अशोक गुप्ता जी के शक्तिशाली विचारों ने वहां मौजूद हर एक शख़्स को सोचने की नई दिशा और दृष्टि दी. इस आयोजन ने साबित कर दिया कि “द लर्निंग मूवमेंट” महज़ एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक क्रांति है. यह एक ऐसा आंदोलन है, जो शिक्षा के हर पहलू को नए सिरे से परिभाषित करेगा, और इसे एक ऐसी दिशा में ले जाएगा जहां हर व्यक्ति निरंतर विकास और आत्मविकास के पथ पर अग्रसर होगा.