मोहम्मद साहब पर विवादित टिप्पणी के बाद हिंसा के दौरान प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने को लेकर सवाल
मोहम्मद साहब पर विवादित टिप्पणी के बाद हिंसा के दौरान प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने को लेकर सवाल
मोईन अहमद ख़ान :
पैगंबर मोहम्मद साहब पर विवादित टिप्पणी के ख़िलाफ़ झारखंड की राजधानी रांची में हुए प्रदर्शन के दौरान गोली लगने से घायल 15 साल के मुदस्सिर आलम और 24 साल के साहिल की मौत हो गई है.
गोली लगने के बाद सभी घायलों सहित इन दोनों को रांची के राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान में भर्ती कराया गया था, संस्थान के आधिकारिक सूत्रों ने इन दोनों की मौत की पुष्टि की है.
झारखंड पुलिस के प्रवक्ता अमोल वी होमकर ने संवाददाता से इन मौतों की पुष्टि की है.
उन्होंने कहा, कल हुई हिंसा के दौरान हमें प्रदर्शनकारियों की तरफ़ से भी फ़ायरिंग की जानकारी मिली है. उग्र लोगों को क़ाबू करने के लिए पुलिस ने भी हवाई फ़ायरिंग की. इस दौरान 12 पुलिसकर्मी और 12 प्रदर्शनकारी घायल हुए. इनमें एक पुलिसकर्मी समेत कुछ लोगों को बुलेट इंजरी आई है.
देश के कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों ने उग्र रूप लिया उसका कारण यह बताया जा रहा है कि पहले पुलिस की तरफ से कुछ शरारती तत्वों ने पत्थरबाजी की और कुछ पुलिसवालों के साथ मिलकर पत्थर चलाएं. इसके चलते मुस्लिम प्रदर्शनकारियों की तरफ से पत्थरबाजी हुई. कई जगहों पर यह देखा गया कि मुस्लिम नौजवानों को पकड़कर टॉर्चर किया गया, उन्हें मारा पीटा गया और धार्मिक अपशब्दों से प्रताड़ित किया गया.
रांची में पुलिस के फायरिंग करने के अंदाज़ पर सवाल उठाया गया कि क्यों खड़े होकर सर पर गोली मारी गई? यह सरासर मुस्लिम नफरत का उदाहरण है? सिर्फ मुसलमानों पर ही f.i.r., मुस्लिम नौजवानों को टारगेट किलिंग, मुसलमानों के घरों पर ही बुलडोजर, मुसलमानों को ही जेल, आखिर कब तक जुल्म होता रहेगा.
एक मुसलमान की नजर में यह दुनिया मच्छर का पर, धोखे का घर, और मकड़ी के जाले से बढ़कर कुछ नहीं.
जहां तक बात नबी ए करीम मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की है. तो कोई कुछ नहीं कह सकता. मैं पहले ही तोबा और अस्तगफार कर लेता हूं कुछ कहने से पहले. जब कुछ भी नहीं था तब सबसे पहले अल्लाह ने नबी का नूर बनाया और उनके ही सदके में सारी कायनात बनाई. उनके बाद ही बाकी नबी, फरिश्ते, अर्श, फर्श, जन्नत, जहन्नम, जमीन, हवा, पानी, आग, सात आसमान, तारे, सितारे सबकुछ नबी ए करीम सल्लल्लाहो अलेही वसल्लम के बाद बनाए गए हैं. नबी की शान में गुस्ताखी अल्लाह को बर्दाश्त नहीं, और नबी का नाम अल्लाह के नाम के साथ जुड़ा हुआ है. अरे नालायको अगर कुछ मालूम नहीं है तो दीन के आलिमों और मुफ्तियों से पूछो फिर जुबान खोलो. इसलिए तौबा करना बहुत जरूरी हो जाता है. दुनिया में जो आया है उसे जाना ही है इसलिए क्यों अपने पालनहार की नाराजगी लेते हो.