कारगिल शहीद राम पुकार शर्मा का मनाया गया शहादत दिवस : हिमांशु शेखर

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टिकारी: ( बिहार ) कारगिल शहीद राम पुकार शर्मा का शहादत दिवस मनाया गया! बताते चलें कि कारगिल युद्ध भारतीय सैनिकों की अदम्य साहस की वीरगाथा है। टिकारी प्रखंड अंतर्गत केसपा पंचायत के कुतलुपुर ग्राम के लांस नायक रामपुकार शर्मा कारगिल युद्ध के दौरान पाकिस्तानियों से लोहा लेते हुए 01 जुलाई 1999 को शहीद हो गए थे।

आज शहीद के पैतृक ग्राम में कारगिल अमर शहीद लांस नायक राम पुकार शर्मा की 26वीं शहादत दिवस वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ मनाया गया। सर्वप्रथम उनकी आदमकद प्रतिमा को गंगाजल से स्नान कराया गया, तथा वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ हवन किया गया। संपूर्ण क्षेत्र भारत माता की जय एवं शहीद राम पुकार शर्मा अमर रहे के नारा से गूंज रहा था! शहीद के बड़े भाई धनंजय शर्मा एवं सच्चिदानंद शर्मा ने नम आंखों से अपने छोटे भाई को श्रद्धांजलि अर्पित किया! उनके उपरांत सभी उपस्थित आगंतुक एवं ग्रामीणों ने अमर शहीद के चरणों में पुष्पांजलि अर्पित किया। शहीद रामपुकार शर्मा इस क्षेत्र के युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत है।

इस अवसर पर राम एकबाल शर्मा, प्रमोद शर्मा, मनीष कुमार, श्रीधर कुमार, वेंकटेश शर्मा सहित सैकड़ों लोग उपस्थित थे। शहीद के भाई सच्चितानंद शर्मा बार – बार प्रशासन से गया स्थानांतरण की मांग कर रहे हैं! लेकिन प्रशासन उनकी मांग को अनसुना कर रहा है। रामपुकार शर्मा के शहादत के उपरांत प्रशासनिक पदाधिकारियों एवं नेताओं द्वारा वादों की झड़ी लगाई गई थी! उन्ही वादों में एक वादा केसपा ग्राम से कुतलूपुर का सड़क निर्माण था! जो आज तक अधूरा है। सरकार को तत्काल केसपा – कुतलुपुर सड़क निर्माण को पूर्ण करना चाहिए।

कारगिल विजय के उपरांत पटना में कारगिल चौक का निर्माण कराया गया, तथा बिहार के सभी कारगिल शहीदों का नाम अंकित किया गया! लेकिन दुर्भाग्यवश आज तक कारगिल चौक पर रामपुकार शर्मा का नाम अंकित नहीं किया गया है। बिहार – सरकार को कारगिल चौक में सम्मान के साथ राम पुकार शर्मा का नाम शामिल करना चाहिए। सामाजिक कार्यकर्ता हिमांशु शेखर ने कहा है कि, कारगिल विजय को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाना चाहिए।

रिपोर्ट: अजय कुमार पाण्डेय / विश्वनाथ आनंद.

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