केंद्र के फैसले के बाद यूपी सरकार ने मदरसा टीचरों की सेलरी बंद कर दी
मुस्लिम स्कूल को सरकारी फंडिंग समाप्त होने के कारण हजारों शिक्षक नौकरी खोने के कगार पर
NEW DELHI, 11 जनवरी: सू्त्रों के अनुसार उत्तर प्रदेश राज्य ने मदरसों में गणित और विज्ञान सहित विषयों के लगभग 21,000 शिक्षकों का भुगतान बंद कर दिया है जिससे ये शिक्षक पूरी तरह से अपनी नौकरी खो सकते हैं. याद रहे भारत में कई मदरसे मुस्लिम समुदाय के लोगों के दान से चलते हैं, जबकि कुछ सरकारी सहायता पर निर्भर हैं.
उत्तर प्रदेश राज्य में मदरसा आधुनिकीकरण योजना के तहत, स्नातक शिक्षकों को प्रति माह 8,000 रुपये का कुल मानदेय दिया गया और स्नातकोत्तर शिक्षकों को प्रति माह 15,000 रुपये दिए गए.
उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार ने मदरसा शिक्षकों को अतिरिक्त मानदेय बंद कर दिया है. राज्य सरकार द्वारा लिए गए निर्णय से लगभग 25,000 शिक्षक प्रभावित होंगे जिन्हें हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान और सामाजिक अध्ययन सहित मदरसों में विभिन्न विषयों को पढ़ाने के लिए काम पर रखा गया था.
केन्द्र सरकार ने मार्च 2022 में स्कीम फॉर प्रोवाइडिंग क्वालिटी एजुकेशन नामक कार्यक्रम को मदद देना बंद कर दिया. उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड के प्रमुख इफ्तिखार अहमद जावेद ने मीडिया को बताया कि 21,000 से अधिक शिक्षक अपनी नौकरी खोने वाले हैं.
अल्पसंख्यक मंत्रालय से पता चला है कि मोदी की सरकार ने 2017/18 और 2020/21 वित्तीय वर्षों में राज्यों को किसी भी नए योजना की मंजूरी नहीं दी है और जो चल भी रही है उन्हें भी बंद कर दिया गया है. जबकि प्रधान मंत्री चाहते हैं कि मुस्लिम बच्चों को इस्लामी और आधुनिक शिक्षा दोनों मिले. मगर अभी तो संकट नौकरी खोने का है.
उत्तरपूर्वी राज्य असम में मुस्लिम समुदायों के विरोध के बावजूद सैकड़ों मदरसों को पारंपरिक स्कूलों में परिवर्तित किया जा रहा है.
-न्यूज डेस्क इसमाटाइम्स