औरंगाबाद के भाजपा सांसद ने अपने आवास पर की प्रेस कॉफ्रेंस
औरंगाबाद के भाजपा सांसद, सुशील कुमार सिंह ने आयोजित प्रेस कॉफ्रेंस के दौरान ही बिहार पुलिस के कार्यशैली व पुलिस महानिदेशक पर भी उठाया सवाल, और औरंगाबाद के सांसद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में हीं जानकारी देते हुए बताया कि सन् 2014 में आचार संहिता उल्लंघन मामले में भी हमारे साथ-साथ कई लोगों पर नगर थाना औरंगाबाद में दर्ज कराया गया था प्राथमिकी. लेकिन उसी दर्ज प्राथमिकी में आज माननीय, औरंगाबाद के न्यायालय ने साक्ष्य के अभाव में भी सभी लोगों को कर दिया बरी
अजय कुमार पाण्डेय :
औरंगाबाद: (बिहार) ज्ञात हो कि मंगलवार दिनांक-01 नवंबर 2022 को औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र के भाजपा सांसद, सुशील कुमार सिंह ने अपने मुख्यालय स्थित आवास पर एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की, जिसमें सर्वप्रथम तो औरंगाबाद के भाजपा सांसद ने उपस्थित सभी पत्रकारों के समक्ष अपने ऊपर लगे गंभीर आरोप का पक्ष रखते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य अंतर्गत दुर्ग जिले में एक मेरे खिलाफ मिथ्या, अत्यंत भ्रामक, सौ प्रतिशत असत्य खबर चलाया गया है. जो असत्य खबर डकैती, हत्या से जुड़ी हुई है. खबर चलाया गया है कि उसमें चार लोगों की गिरफ्तारी भी हुई है, जिसमें एक अपराधी ने मेरा रिश्तेदार होने का नाम लेकर कह रहा है कि बिहार राज्य अंतर्गत पड़ने वाली वाली औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र के भारतीय जनता पार्टी सांसद, सुशील कुमार सिंह मेरा मौसा है, जबकि अपराधी से मेरा कोई संबंध नहीं है, और ना ही दूर-दूर तक कोई रिश्ता है.
इसी मामले को गंभीरता से लेते हुए आज हमने आप लोगों को अपने आवास पर बुलाकर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहा हूं. मैं आप लोगों को भी बता देना चाहता हूं कि मेरा सिर्फ रोहतास जिला के रहने वाले एक ही साढु है, और उनका बेटा का नाम मोहित है. जो झारखंड राज्य अंतर्गत धनबाद में रहते हैं. खबर तो मैंने भी देखा था. यह ग़लत खबर दो-चार दिनों से चल रही है.
शुरू में तो मैं भी इस खबर को हल्के में लिया था. मगर कल जब हमसे हमारे समर्थक, शुभचिंतक भी आकर इस गलत खबर के बारे में कहने लगे. तब हमने कल छत्तीसगढ़ राज्य अंतर्गत दुर्ग जिला के एस0पी0 को भी फोन करके बात किया, और उनसे पूछा कि क्या आप भी हमारे बारे में ऐसा कहे हैं? तब दुर्ग जिला के एस0पी0 ने भी जवाब देते हुए कहा कि नहीं. हमने तो आपके बारे में ऐसा कुछ कहा भी नहीं है. तब हमने उनसे कहा कि आप इस खबर का खंडन कीजिए. तब यहां हम भी चल रहे गलत खबर का खंडन करेंगे. चाहे जिसने भी वहां गलत खबर चलाया है, तो नियम कहता है कि उसका भी पक्ष लीजिए. लेकिन न तो दुर्ग के मीडिया ने और ना हीं दुर्ग के एस0पी0 ने हीं मुझसे पक्ष लिया है.
इसलिए आज के बाद यदि इस गलत खबर तो कोई भी लाइक, शेयर करेगा, तो हम कानूनी कार्रवाई करने के लिए बाध्य होंगे. चाहे जिस अपराधी ने भी अपराध किया है. उस अपराधी के विरुद्ध दुर्ग पुलिस जल्द से जल्द कड़ी से कड़ी कार्रवाई करें. यह गलत खबर सिर्फ मुझे बदनाम करने के लिए चलाया जा रहा है. आप लोगों का जब यहां खबर छप जाएगा. तब हम आप लोगों द्वारा छपी खबर के साथ साथ दुर्ग जिला में चल रही गलत खबर का भी कॉपी लगाकर दुर्ग एस0पी0 को व्हाट्सएप करेंगे. इसके बाद भी यदि दुर्ग एस0पी0 खंडन नहीं करेंगे. तब हम उनके विरूद्ध भी नियमाकुल तरीके से कानूनी कार्रवाई करने के लिए न्यायालय का शरण लेंगे.
इसके बाद उपस्थित पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि मेरे ऊपर आचार संहिता के मामले में भी 09 मार्च 2014 को नगर थाना औरंगाबाद में एक प्राथमिकी दर्ज कराया गया था, जिसमें कुल-21 लोगों को अभियुक्त बनाया गया था. अज्ञात लोगों पर भी प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. इस केस में अज्ञात लोगों को भी पुलिस नहीं खोज पाई,जिसमें एक तरफ वे अभियुक्त भी थे, और दूसरे तरफ साक्षी भी थे. कोर्ट से उनको नोटिस भेजा जाता रहा साक्ष्य के लिए, तो जिस तरह से बिहार में पुलिसिंग का इन्वेस्टिगेशन का एक स्तर है. जो मजाक का विषय है. इसलिए आज औरंगाबाद माननीय न्यायालय ने भी साक्ष्य के अभाव में मुझे बरी कर दिया है. मैं ये भी साथी से कहना चाहता हूं कि जब बिहार के डी0जी0पी0 को ही कोई ठग बहुत आसानी से ठग ले रहा है. वो अपने आपको बिहार का जस्टिस या चीफ जस्टिस बताते हुए डी0जी0पी0 को फोन करता है. ये ऐसा ओहदा है, जिनसे हमेशा एक दूसरे से इंटरैक्शन होता है, तो आवाज से भी पहचान होती है.
आवाज से भी उनको पता चलना चाहिए, या लहजे से भी पता चलना चाहिए, कि हां यह जज साहब बोल रहे हैं, या कोई अन्य व्यक्ति बोल रहा है. लेकिन जब बिहार पुलिस का सबसे बड़ा अधिकारी इतनी आसानी से ठगा जा सकता है, तो उनका आई0क्यू0 उनका लेवल क्या है? यह केवल उन्हीं का नहीं. बिहार में जिस तरह से अभी पुलिसिंग हो रही है, और राज्य सरकार कानून व्यवस्था को नियंत्रित करने में जिस तरह से विफल है, तो ये सब बिहार में कोई आश्चर्य की बात नहीं है. आए दिन बिहार में हत्या हो रही है. आए दिन लूट हो रही है, और कोई सुरक्षित नहीं है. बिहार में व्यापारी आज अपने आप को एकदम असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. बिहार में व्यापारी क्या? सब कोई नेता भी. यहां तक कि बिहार के मुख्यमंत्री के गृह जिले में ही हत्या हो रही है. उन्हीं की पार्टी की हत्या होती है. बिहार में 25 किलो मीटर तक अपराधी गोली चलाते हुए जाता है. ऐसा बेतिया और बेगूसराय दो जिला में हुआ है. इसलिए सरकार मस्त है, और जनता पस्त है.