विरासत भवन को सुरक्षित रखने में जिला एवं सत्र न्यायाधीश का है अमूल्य योगदान: पैनल अधिवक्ता

विरासत भवन को सुरक्षित रखने में जिला एवं सत्र न्यायाधीश का है अमूल्य योगदान: पैनल अधिवक्ता

अजय कुमार पाण्डेय:

औरंगाबाद: (बिहार) जिला विधिक सेवा प्राधिकार, औरंगाबाद के पैनल अधिवक्ता, सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि हमारे जिला का नगर परिषद, क्षेत्र का विरासत भवन जो व्यवहार न्यायालय, औरंगाबाद के सेंट्रल विल्डिंग माननीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश, (डिस्ट्रिक्ट जज) विल्डिंग के नाम से मशहूर है. यह अंग्रेज ज़माना में सन् 1915 का निर्मित है. जो यह बताता है कि बिहार में हमारी न्यायिक व्यवस्था कितना पुराना है.

जिला एवं सत्र न्यायाधीश, रजनीश कुमार श्रीवास्तव के प्रयास से डिस्ट्रिक्ट जज भवन के चारों ओर एल0 ई0 डी0 लैम्प से सौंदर्यीकरण किया जा रहा है. जिला एवं सत्र न्यायाधीश, के प्रयास से जिला वन अधिकारी ने व्यवहार न्यायालय, औरंगाबाद में लगाने के लिए बड़े पैमाने पर पौधे सहित गमला भी प्रदान किया है. जिला एवं सत्र न्यायाधीश, न्यायालय से लेकर व्यवहार न्यायालय गेट तक स्ट्रीट लाइट लगाने का कार्य भी प्रगति पर है..आम जनों की सुविधा हेतु तीन बोरिंग भी किया गया है, जिससे मुवक्किलों को हमेशा पानी भी उपलब्ध रहे.

पलना घर में भी बच्चों के लिए रसोई घर और बाथरूम बनाया गया है. व्यवहार न्यायालय, परिसर रास्ते के चारों तरफ फ्लाई ऐश ईंट लगाया जा रहा है. सुरक्षा व्यवस्था भी बढ़ा दी गई है, और अधिवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि डेंगू के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए प्रतिदिन एंटी लार्वा दवा, ब्लिचिंग पावडर का भी छिड़काव हो रहा है, तथा नगर परिषद द्वारा मशीन से फॉकिंग हो रही है. साफ़ सफाई पर भी विशेष ध्यान रखा जा रहा है.