जिला गायत्री परिवार ट्रस्ट औरंगाबाद ने हरीतिमा संवर्धन कार्यक्रम अंतर्गत सभी प्रखंडों में वृक्ष गंगा कावड़ यात्रा निकालने का लिया है संकल्प
अजय कुमार पाण्डेय:
औरंगाबाद: ( बिहार ) औरंगाबाद जिला गायत्री शक्तिपीठ के नेतृत्व में वृक्ष गंगा कावड़ यात्रा का शुभारम्भ प्रथम यात्रा, नगर स्थित गायत्री मंदिर परिसर से शांतिकुंज हरिद्वार से पधारे हुए आदरणीय बिरेन्द्र तिवारी, पूर्वी जोन प्रभारी एवं त्रिलोचन साहू द्वारा पौधों का विधिवत् पूजन करवाकर निकाली गई। इसमें कावड़िया अपने कंधे पर पौधा धारण कर मुख्यालय स्थित गायत्री शक्तिपीठ से बाईपास चौक, महात्मा गांधी रोड, रमेश चौक, समाहरणालय, ब्लाक मोड़ होते हुये पुनः गायत्री मंदिर परिसर पहुंची। जिला गायत्री परिवार ट्रस्ट के ट्रस्टी, अनुज सिंह, सहायक प्रबंध ट्रस्टी सह हरीतिमा स्वास्थ्य संवर्धन संचालक, नवनीत कुमार, सह संचालक रामध्यान बाबा के नेतृत्व में नगर के मुख्य मार्ग से निकाली गई इस वृक्ष गंगा कावड़ यात्रा का मुख्य उद्देश्य पौधे का संरक्षण के साथ पर्यावरण संरक्षण हेतु जनमानस को भी जागृत करना है। शांतिकुंज हरिद्वार से आए पूर्वी जोन प्रभारी, बिरेन्द्र तिवारी जी ने कहा कि श्रावण मास में स्वयं प्रकृति भी हरियाली से धरती का श्रृंगार करती है! इसे और प्रगाढ़ करने के लिए हम सब वृक्षारोपण करें, क्योंकि वृक्ष परोपकार के प्रतीक हैं! जो बिना कुछ माँगे हमको शीतल छाया, फल और हरियाली भी प्रदान करते हैं। मानव जीवन के ये करीब सहयोगी हैं, और सदैव हमारी सेवा में तत्पर रहते हैं। अतः हमें भी इनकी सेवा तथा देखभाल करनी चाहिए। श्रावण मास में वृक्षारोपण करने पर अनंत गुणा पुण्य लाभ भी प्राप्त होता है! वृक्षारोपण द्वारा इन भावनाओं को क्रियाओं में परिणत करने का संकल्प लिया जाता है! हमारी पर्व परंपरा के साथ - साथ सामूहिक कल्याण निहित है।
सावन माह में जिला गायत्री परिवार ट्रस्ट, औरंगाबाद की ओर से जिले के समस्त स्कूल के विद्यार्थियों द्वारा आने वाली श्रावण पूर्णिमा पर वृहत रूप में वृक्षारोपण हेतु प्रेरित कर उनसे पौधा रोपण कर उन पौधों को कम से कम एक साल तक संरक्षण एवं पोषण के संकल्प हेतु संकल्प पत्र भी भरवाए जायेंगे! अगले वर्ष जिन बच्चों ने अपने संकल्प पूर्ण किए! उन्हें जिला गायत्री परिवार ट्रस्ट, प्रशस्ति - पत्र प्रदान कर सम्मानित भी करेगा। इस वृहत् वृक्षारोपण हेतु पौधे उपलब्ध कराने हेतु जिला वन पदाधिकारी का हृदय से आभार प्रकट करते हुए भविष्य में भी सहयोग की अपेक्षा की गई है! वहीं वृक्ष गंगा काँवर यात्रा में पौधरोपण का महत्व बताते हुये सासाराम उप - जोन समन्वयक सह मीडिया - प्रभारी, नीरज कुमार सिंह ने कहा कि भगवान भास्कर की नगरी औरंगाबाद में प्राकृतिक वातावरण तथा वातावरण की प्रकृति आराधना की भावना सन्निहित है। वृक्षारोपण का शाब्दिक अर्थ है, कि वृक्ष को लगाकर उसकी देखभाल करना। मानव जीवन को सुखी समृद्ध एवं संतुलित बनाए रखने के लिए वृक्षारोपण का विशेष महत्व है। वर्तमान समय में वृक्षारोपण की अति आवश्यकता है। वृक्षारोपण से जनमानस को हो रहे ऑक्सीजन की समस्या का निराकरण होने के साथ ही वायुमंडल से कार्बन डाइऑक्साइड के साथ - साथ अन्य बहुत सारी हानि कारक गैसों का भी अवशोषण होगा, जिससे वायु शुद्ध और तरो - ताजा होगी। हम जितने अधिक पेड़ लगाएंगे! उतना ही अधिक ऑक्सीजन का उत्पादन भी होगा, और अधिक से अधिक विषाक्त गैसों को यह अवशोषित भी कर लेंगे। अगर हमारे क्षेत्र पेड़ों से घिरे होंगे! तब हमें शुद्ध वायु की प्रचुर प्राप्ति होगी, और हम स्वस्थ भी रहेंगे। इसलिए आइए संकल्प लें कि पर्यावरण संरक्षण और सम्मान के प्रति सतर्क रहना हम सबो का पावन कर्त्तव्य है। गायत्री परिवार के इस वृक्ष गंगा काँवर यात्रा में सभी प्रखंड से कुल 250 परिजन एवं 13 बिहार बटालियन एन0सी0सी0 औरंगाबाद के 50 कैडर शामिल हुए।