यौन अपराध के चलते सीपीएम विधायक के विरूद्ध वृंदा करात और एनी राजा द्वारा कार्यवाही की मांग
-एल.एस. हरदेनिया :
इस समय केरल के फिल्म उद्योग पर भारी संकट छाया हुआ है. वहां की महिला कलाकारों ने उनके साथ यौन दुष्कर्म की शिकायतें कीं. इन शिकायतों के मद्देनज़र वहां के मुख्यमंत्री ने एक अवकाश प्राप्त हाईकोर्ट जज की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति की नियुक्ति की थी. इस समिति ने वहां के फिल्म उद्योग की अनेक अभिनेत्रियों से जानकारी ली और समिति ने यह पाया कि वहां की अभिनेत्रियों द्वारा की गई शिकायतों में सत्यता है. समिति ने अपनी रिपोर्ट 2019 को मुख्यमंत्री को सौंप दी थी. परंतु किन्हीं कारणों के चलते मुख्यमंत्री ने यह रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की. उनका कहना था कि ऐसा नहीं करने की सलाह उन्हें समिति के अध्यक्ष न्यायमूर्ति ने स्वयं दी थी. उसके बाद 2024 के अगस्त माह में मुख्यमंत्री ने रिपोर्ट सार्वजनिक कर दी. उनमें अनेक तथ्य चैंकाने वाले थे.
रिपोर्ट में जिन लोगों के बारे में आरोप सत्य पाये गये उनमें मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के विधायक मुकेश भी शामिल हैं. साधारणतः पार्टियां अपने किसी वरिष्ठ नेताओं के विरूद्ध लगाये गये आरोपों के बारे में या तो चुप हो जाती हैं या आरोपों को आधारहीन बताती हैं. परंतु मार्क्सवादी पार्टी के नेताओं ने ऐसा नहीं किया. इनमें मार्क्सवादी पार्टी की वरिष्ठ नेता वृंदा करात और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की नेता एनी राजा भी शामिल हैं. इन्होंने सार्वजनिक रूप से विधायक मुकेश की आलोचना की और एनी राजा ने तो मुकेश को पार्टी छोड़ देने या पार्टी से हटा देने की मांग की. वृंदा करात ने इण्डियन एक्सप्रेस से चर्चा करते हुए कहा कि उन्होंने उस महिला के बयान को पढ़ा है जिसमें उसने यौन दुष्कर्म के गंभीर आरोप लगाए हैं.
करात सीपीएम के पोलिट ब्यूरो की सदस्य हैं. उन्होंने इण्डियन एक्सप्रेस को बताया कि हमारी पार्टी ने सारे मामले को बहुत गंभीरता से लिया है. न्यायमूर्ति हेमा समिति की रिपोर्ट का हम स्वागत करते हैं. इस कमेटी ने केरल के फिल्म उद्योग में जो गंदगी है, उसको उजागर किया है. इस रिपोर्ट ने स्पष्ट किया है कि फिल्म उद्योग में यौन दुष्कर्म काफी विस्तृत रूप में व्याप्त है. रिपोर्ट ने यह भी उजागर किया कि फिल्म उद्योग में काम करने की स्थिति में पूरी तरह शोषण व्याप्त है. विशेष रूप से उद्योग में महिलाओं का भारी शोषण होता है. इस तथ्य को उजागर करने के लिए समिति के हम आभारी हैं. करात ने इस सारे मामले की जांच के लिए केरल सरकार द्वारा एक समिति के गठन का स्वागत किया है. यह समिति सभी शिकायतों की जांच करेगी.
उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि ‘‘मैं फिल्म उद्योग की उन सभी महिलाओं के साथ खड़ी हूँ जिनका शोषण हुआ है और इस संबंध में शिकायतें करने का साहस दिखाया. न सिर्फ मैं बल्कि मार्क्सवादी पार्टी से संबंधित डेमोक्रेटिक महिला का संगठन भी इस मामले में पूरी तरह से साथ है. हम पूरे साहस के साथ उन महिलाओं का साथ देने को तैयार हैं जिन्होंने इन गंभीर तथ्यों को हेमा समिति के सामने रखा. मैं सिनेमा कलेक्टिव को भी बधाई देना चाहती हूं जिन्होंने पीड़ित महिलाओं को पूरा समर्थन घोषित किया है. मैं पुनः फिल्म उद्योग की उन महिलाओं को बधाई देती हूँ जिन्होंने उनके शोषण की हरकतों का खुलासा किया है. जहां तक मार्क्सवादी पार्टी के विधायक मुकेश का संबंध है मैंने उस युवती के बयान के बारे में सुना है जिसने मुकेश के विरूद्ध गंभीर आरोप लगाए हैं. चूंकि इस युवती ने शिकायत की है तो मुझे पूरा विश्वास है कि इस संबंध में अगली कार्यवाही की जायेगी. मुझे यह भी विश्वास है कि केरल की सरकार उसका साथ देगी. जहां तक विधायक के इस्तीफे का संबंध है इस संबंध में क्या किया जाना है यह तय किया जायेगा. मैं उस युवती को सलाम करती हूं जिसने ऐसे गंदे लोगों के विरूद्ध शिकायत करने की हिम्मत दिखाई. मेरी यह मान्यता है कि इस तरह के यौन दुष्कर्म करने वालों का गंदा चेहरा दिखाना भी न्याय अभियान का आवश्यक हिस्सा है.’’
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की वरिष्ठ नेता एनी राजा ने तो स्पष्ट रूप से मांग की है कि मुकेश को इस्तीफा दे देना चाहिए. ऐसा करने से ही उनके विरूद्ध ईमानदारी से जांच की जा सकेगी. हेमा कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद कुछ और महिला कलाकारों ने मुकेश के विरूद्ध उनका नाम लेते हुए गंभीर आरोप लगाए हैं. वे एक जिम्मेदार पदाधिकारी हैं. उनके विरूद्ध लगाए गए आरोपों के मद्देनज़र यह आवश्यक है कि वे इस्तीफा दें ताकि ईमानदारी से जांच की जा सके. केरल की वामपंथी सरकार ने ऐसे कदम उठाए हैं जिससे राज्य का फिल्म उद्योग, महिलाओं के लिए एक सुरक्षित स्थान बन सके. इसलिए यह भी आवश्यक है कि प्रदेश की वामपंथी सरकार से जुड़े हुए लोगों का यह उत्तरदायित्व है कि वे सरकार को फिल्म उ़द्योग को पूरी तरह से सुरक्षित स्थान बनाने के लिये उठाये गये प्रयासों में उनकी मदद करें. इसलिए भी मुकेश स्वयं इस्तीफा दें और उनके विरूद्ध की जाने वाली जांच में सहयोग करें.
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव विनय विशवम ने भी इसी तरह के विचार प्रकट किए हैं. यह न तो एक्स का सवाल है न ही वाई का. जो पीड़ित हैं उन्हें न्याय दिलाना चाहिए और उन्हें न्याय मिलेगा. उन्हें उद्योग के भीतर भी न्याय मिलना चाहिए. मुकेश के संबंध में जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने याद दिलाया कि सर्वोच्च न्यायालय ने 2013 में दिए गए एक निर्णय में यह बताया था कि पुलिस ऐसे मामले में तुरंत एफआईआर दर्ज करे जिन पर इस तरह के गंभीर आरोप लगाए गए हैं और यदि पुलिस ऐसा नहीं करती है तो ऐसा उसने क्यों नहीं किया इसके पीछे कारण होता है.