बिहार में अपराधी बेलगाम
ज्ञात हो कि शुक्रवार दिनांक - 05 मई 2023 को भी एक ही बाइक पर सवार होकर तीन अपराधियों ने औरंगाबाद जिले की सीमा में बारुण थाना क्षेत्र अंतर्गत बृहत सोननद के पुल पर महिला से छीन लिया चैन, वृहत सोननद के पुल पर ही रो रही थी, चिल्ला रही थी महिला. अचानक उसी वक्त पहुंच गए औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र के भाजपा भाजपा सांसद, सुशील कुमार सिंह. तब सांसद ने पीड़ित महिला से पूछने के तुरंत बाद भाग रहे तीनों अपराधियों को पकड़ने के लिए अपनी पूरी टीम के साथ जोखिम लेकर अपने वाहन चालक से पीछा करवाकर अपराधियों को पकड़ लिया.
अजय कुमार पाण्डेय:
औरंगाबाद: (बिहार) बिहार में इन दिनों अपराधियों का मनोबल इतना अधिक बढ़ा हुआ है, कि दिन के उजाले में भी पुलिस प्रशासन को चुनौती देते हुए घटना का अंजाम देने से बाज नहीं आ रहे हैं. तभी तो शुक्रवार दिनांक - 05 मई 2023 को भी दिन के उजाले में ही लगभग 12:30 बजे डेहरी ऑन सोन - सोननगर के बीच बृहत सोननद पर बना हुआ गैमन इंडिया जमाने का बना हुआ पुल पर खुलेआम तीन अपराधियों ने मिलकर एक महिला की चैन छीन ली. लेकिन यह तो एक संजोग था, की ठीक उसी वक्त कुछ पलों में ही औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र के भाजपा सांसद, सुशील कुमार सिंह अपनी टीम के साथ रोहतास जिला मुख्यालय सासाराम की ओर से अपना जिला मुख्यालय औरंगाबाद वापस लौट रहे थे.
तब औरंगाबाद के भाजपा सांसद, सुशील कुमार सिंह ने अचानक उस पीड़ित महिला को बृहत सोननद के पुल पर ही रोते /चिल्लाते हुए देखा. तब भाजपा सांसद ने अपने चालक से गाड़ी रुकवाकर पीड़ित महिला से पूछा कि आप क्यों रो रही हैं. तब पीड़ित महिला ने औरंगाबाद सांसद को अपने साथ घटित घटना की सारी बातें बताई. इसके बाद औरंगाबाद सांसद ने देखा कि एक ही पल्सर बाइक पर सवार होकर तीन अपराधी काफी तेज गति से औरंगाबाद की तरफ मेन राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या - 02 पर भाग रहे हैं. तब औरंगाबाद सांसद ने अपने चालक से कहा कि होशियारी से ही भाग रहे इन तीनों अपराधियों का पीछा करो, और इन तीनों अपराधियों को पकड़ लेना है. लेकिन अपना वाहन भी ऐसा तरीका से बचते हुए चलाना है, कि किसी प्रकार की कोई अनहोनी घटना हम लोगों के वाहन से ना घटे, और हम लोग भी सुरक्षित रहें. तब सांसद के चालक ने भी होशियारी से ही वाहन चलाते हुए भाग रहे तीनों अपराधियों का पीछा करता रहा.
हालांकि मुख्य राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या - 02 पर अपराधियों का पीछा करने के क्रम में सामने से ट्रक भी आ गई. तब सांसद की वाहन धीमी हो गई. जिसका फायदा उठाते हुए भाग रहे तीनों अपराधी लगभग एक किलोमीटर तक बाइक से आगे निकल गए. फिर भी सांसद के चालक ने अपराधियों का पीछा किया. नतीजतन हड़बड़ी में तीनों अपराधियों ने अपना लेन बदलकर दूसरे रास्ते से निकलकर भागना चाहा. लेकिन भाग रहे तीनों अपराधियों का दुर्भाग्य ही था, कि अपराधियों की बाइक पलट गई. इसके बाद भाग रहे तीनों अपराधी बाइक छोड़कर भागने लगे, और औरंगाबाद के भाजपा सांसद, सुशील कुमार सिंह तथा उनके साथियों पर भी पिस्टल तान दी, और अपराधियों ने कहा कि भाग जाओ. वर्ना गोली मार देंगे. लेकिन औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र के भाजपा सांसद, सुशील कुमार सिंह एवं उनके टीम में शामिल सभी लोगों ने मानवता के नाते अपना कर्तव्य समझते हुए हिम्मत से काम लिया, और अंततः तीनों अपराधी पकड़े गए. जिनके पास से पल्सर बाइक, पिस्टल, गोली, मोबाइल भी बरामद किया गया, और पीड़ित महिला द्वारा छीना हुआ चैन भी दो टुकड़ों में बरामद कर लिया गया. जिसकी पुष्टि करते हुए औरंगाबाद की पुलिस अधीक्षक, स्वप्ना जी मेश्राम ने भी कहा है कि अंबा थाना क्षेत्र अंतर्गत निवासी एक महिला अपने रिश्तेदार के साथ जमुहार से वापस लौट रही थी. लौटने के क्रम में ही बारुण पुल के पास काले रंग की पल्सर मोटरसाइकिल पर सवार तीन अज्ञात व्यक्ति द्वारा उनकी चैन छीन ली गई. तभी बारूण थाना की गश्ती जो है.
उसी क्रम में वहां से गुजर रही थी. गुजरने के क्रम में उन्होंने भाग रहे तीनों अपराधियों का पीछा किया. उसी समय औरंगाबाद के माननीय सांसद, सुशील कुमार सिंह सासाराम से औरंगाबाद वापस लौट रहे थे. उनके अंगरक्षको द्वारा भी थानाध्यक्ष को सहयोग करके तीनों अभियुक्तों को पकड़ लिया गया है. गिरफ्तार अभियुक्त, बीरू यादव, आनंद कुमार, गुड्डू कुमार तीनों रोहतास जिला का रहने वाला है. इनका अपराधिक इतिहास भी है,और साथ ही इनके पास से एक 09 एम0एम0 की देसी पिस्टल, एक देसी कट्टा, 07 जिंदा कारतूस, छीनी हुई चैन तथा 01 पल्सर मोटरसाइकिल को भी बरामद किया गया है. गश्ती पार्टी में हमारे ए0एस0आई0 दिलीप मंडल, चालक शंभू सिंह, सिपाही राम गजन शर्मा, देवेंद्र कुमार, शैलेश कुमार और सांसद के अंगरक्षक पवन कुमार, राजेश गर्ग, रोहित कुमार इत्यादि शामिल हैं. सबको पुरस्कृत किया जाएगा. लेकिन अब सवाल उठता है, कि यही वो डेहरी ऑन सोन एवं सोन नगर (बारूण) के बीच वृहत सोननद पर बना हुआ पुल है. जिस पर 01 जुलाई 2019 को भी वाहनों की लंबी लाइन लग गई थी, और पूरा पुल पर जाम लग गया था. जाम लगने का मुख्य वजह था,कि प्रशासन व बालू माफियाओं के बीच डेहरी ऑन सोन की तरफ पुल के समीप दिन के उजाले में ही खुलेआम जंग छिड़ गई थी. अफरा-तफरी का माहौल हो गया था. जनता में भी भगदड़ मच गई थी.
यही वजह से 01 जुलाई 2019 को सोननगर (बारुण) की तरफ से डेहरी ऑन सोन जंक्शन पहुंचकर ट्रेन पकड़ने वाले यात्रियों के लिए भी काफी मुश्किल हो गया था. खासकर उन यात्रियों के लिए सबसे बड़ी परेशानी हो गई थी. जो बीच पुल पर ही जाम में फंस गए थे. उसमें फंसे हुए कई यात्रियों का तो ट्रेन छूट ही गया था. जो डेहरी ऑन सोन जंक्शन पहुंचकर सुपरफास्ट ट्रेन पकड़कर दिल्ली की ओर जाना चाह रहे थे. मगर उस वक्त कुछ यात्री ऐसे थे. जो सोननगर (बारूण) पुल प्रारंभ होते ही जाम में फंसे हुए थे. वे किसी प्रकार से पीछे घूम कर ही सोन नगर जंक्शन पर पहुंच गए. तब वे गया जंक्शन से खुलकर नई दिल्ली तक जाने वाली सुपर फास्ट महाबोधि एक्सप्रेस ट्रेन को सोन नगर जंक्शन पर पकड़ लिए थे, क्योंकि उसी वक्त संवाददाता ने सोन नगर जंक्शन के स्टेशन प्रबंधक से मिलकर स्थिति से अवगत कराते हुए आग्रह किया था, कि आप अपने मुगलसराय मंडल के वरीय अधिकारियों से इस गंभीर मुद्दे पर बात करके किसी प्रकार से भी दो मिनट के लिए महाबोधि एक्सप्रेस का ठहराव सोन नगर जंक्शन पर करवाईए. वर्ना कितने यात्रियों का ट्रेन में रिजर्वेशन खत्म हो जाएगा. कम से कम जो लोग सुपर फास्ट महाबोधि एक्सप्रेस ट्रेन पकड़कर नई दिल्ली तक यात्रा करने वाले हैं. वो तो इस ट्रेन को पकड़ कर नई दिल्ली तक चले जाएंगे. तब सोननगर जंक्शन के स्टेशन प्रबंधक ने भी मामले को गंभीरता से लेते हुए अपने मुगलसराय मंडल के वरीय अधिकारियों से विभागीय फोन पर ही बात करके सारी जानकारी बातों से अवगत कराई. तब शुरू में तो मुगलसराय मंडल के वरीय अधिकारी ने सोननगर जंक्शन पर सुपर फास्ट महाबोधि एक्सप्रेस ट्रेन रोकने के लिए मना ही कर दिया था, क्योंकि ट्रेन का ग्रीन सिंगल भी मिला हुआ था.
लेकिन जब संवाददाता ने पुनः सोननगर के स्टेशन प्रबंधक से आग्रह करते हुए कहा कि आप एक बार पुनः अपने मुगलसराय मंडल के वरीय अधिकारी से बात करके देखिए. नहीं तो कितने लोगों का रिजर्वेशन समाप्त हो जाएगा. तब फिर सोननगर स्टेशन के प्रबंधक ने पुनः अपने मुगलसराय अधिकारियों को इस संदर्भ में बताया. तब जाकर यात्रियों की परेशानियों को देखते हुए रेलवे के वरीय अधिकारी ने भी सोन नगर जंक्शन पर कुछ समय के लिए सुपर फास्ट महाबोधि एक्सप्रेस ट्रेन को रोकने के लिए मंजूरी दे दी थी. इसके बाद कुछ देर के लिए सोन नगर जंक्शन पर ट्रेन रुकी थी. तब महाबोधि एक्सप्रेस पकड़कर अपने गंतव्य स्थान तक जाने वाले दर्जनों यात्री ट्रेन पकड़कर यात्रा किए थे. अन्यथा उस वक्त यात्रियों के लिए दूसरा कोई विकल्प भी नहीं बचा हुआ था. जो डेहरी ऑन सोन जंक्शन जाकर सुपर फास्ट महाबोधि एक्सप्रेस ट्रेन पकड़ लेते. क्योंकि यात्रियों के लिए समय भी बहुत कम बचा हुआ था.
ज्ञात हो कि उसी वक्त जब रोहतास जिला अंतर्गत पड़ने वाली डेहरी ऑन सोन की तरफ बालू माफिया प्रशासन के साथ उत्पात मचाए हुए था. तब उसी दिन संध्या के वक्त संवाददाता ने रोहतास जिला पुलिस कप्तान के सरकारी मोबाइल नंबर पर संपर्क स्थापित कर अवैध बालू माफिया से संबंधित मुद्दे पर सवाल पूछा था. तब रोहतास जिला के पुलिस कप्तान ने पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए संवाददाता से कहा था कि इधर से हम लोग तो बालू माफिया पर कार्रवाई कर ही रहे हैं. लेकिन औरंगाबाद जिला की प्रशासन हम लोगों को सहयोग नहीं कर रही है. इसलिए कृपया करके आप औरंगाबाद जिला प्रशासन / पुलिस प्रशासन से भी बात करके कहिए, कि हम लोगों को बालू माफिया के विरुद्ध सहयोग करें. तब अब ऐसी परिस्थिति में तो सवाल उठेगा ही कि आखिर अवैध बालू माफियाओं या अपराधियों का मनोबल बढ़ाने में किसका कमी है.
और वर्तमान औरंगाबाद के भाजपा सांसद, सुशील कुमार सिंह ने भी महिला के साथ शुक्रवार दिनांक - 05 मई 2023 को वृहत सोननद के पुल पर ही औरंगाबाद जिला अंतर्गत बारुण थाना क्षेत्र में घटित चैन स्कैनिंग घटना के बाद सवाल उठाते हुए कहा ही है, कि बिहार में गिरती हुई कानून व्यवस्था का सामना आज मुझसे भी हो गया. यहां अपराधियों का मनोबल तो बढ़ा हुआ है ही. आज मैं डेहरी से आ रहा था इधर, औरंगाबाद की तरफ. उसी क्रम में सोन नदी के पुल पर औरंगाबाद जिले के सीमा में एक महिला खड़ी थी, और वो चिल्ला रही थी, और रो रही थी. मैंने गाड़ी रोका, और पूछा की क्या बात है. तो उसने कहा कि मेरा चैन छीन लिया, और अपराधी भाग रहे हैं. तब मैंने देखा कि सामने एक बाइक पर तीन अपराधी सवार थे. और बड़ी तेज गति से औरंगाबाद की तरफ भाग रहे थे. मैंने उनका पीछा किया. जब मेरी गाड़ी उनके एकदम नजदीक आई, तो अपराधियों ने हम लोगों के ऊपर पिस्टल तान दिया. लेकिन इसके बावजूद भी हम उनका पीछा करते जा रहे थे, और ये चाह रहे थे, कि किसी तरह इनको पकड़ लें, और हम यही चाह रहे थे, कि हमारी गाड़ी से टक्कर ना हो या किसी और गाड़ी से टक्कर ना हो, ताकि दुर्घटना भी ना हो. इनको हम सुरक्षित पकड़ लें. करीब-करीब हम आठ - दस किलोमीटर तक उनका पीछा करते रहे. बीच में ट्रैक्टर सामने आ गया. तब मेरी गाड़ी धीमी हो गई. इसका लाभ उन लोगों ने उठाया, और करीब - करीब एक किलोमीटर आगे बढ़ गया. फिर जब हमे मौका मिला, तो हमारा ड्राइवर ने बहुत तेज गति से अपनी गाड़ी चलाई. फिर उनके जब नजदीक आ गए. उसके बाद उन लोगों ने हम लोगों से बचने के लिए लेन चेंज करना चाहा. एक जगह प्रॉपर कट नहीं था. वहां उन लोगों ने घुसाया, और ये चाहा कि हम भाग जाएंगे, क्योंकि इनकी तो फोर व्हीलर है, तो फिर हमारा पीछा कर नहीं पाएंगे. कहीं प्रॉपर कट होगा. तभी यू टर्न लेंगे या कुछ करेंगे. चुकी वहां प्रॉपर कट नहीं था. वहां की मिट्टी लूज थी, और वो हड़बड़ी में भी थे. बाइक उनकी पलट गई, गिर गई. बाइक पलटने के बाद उन लोग भागने लगे . हमारे जवान और हम लोगों ने भी पिछा किया.
लेकिन बीच में एक जगह हल्का सा रुककर उन लोग ने पिस्टल फिर तान दिया, और कहा कि पीछे हट जाओ, रुक जाओ, नहीं तो गोली मार देंगे. लेकिन मैं और मेरे जवानों ने बहुत बहादुरी की. हमारे साथ एक लड़का रहता है मीडिया प्रभारी, मितेंद्र कुमार सिंह. उसने भी बहादुरी की, तो सब दौड़ते रहे, और फिर उनको पकड़ लिया, जबकि उनके पास हथियार थे. इसके बावजूद हमारे साथ रहे सुरक्षाकर्मी वो डरे नहीं. इसलिए बिहार में अपराधियों का हौसला तो बुलंद है ही, वर्ना दिन के उजाले में भी प्रशासन को इतनी बड़ी चुनौती नहीं देते.