औरंगाबाद में जिला स्तरीय प्रतिभा खोज प्रतियोगिता: एक नया अध्याय

एक निजी कोचिंग संस्थान ने जिला स्तरीय प्रतिभा खोज प्रतियोगिता का आयोजन किया. इस प्रतियोगिता में जिले भर से करीब 1,275 विद्यार्थियों ने भाग लिया, जिसमें सरकारी और निजी विद्यालयों के छात्र शामिल थे.

औरंगाबाद में जिला स्तरीय प्रतिभा खोज प्रतियोगिता: एक नया अध्याय
District level talent search competition in Aurangabad

बिहार के औरंगाबाद जिले में शिक्षा के क्षेत्र में एक नई मिसाल कायम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है. 27 अक्टूबर 2024 को अदरी नदी के किनारे स्थित एक निजी कोचिंग संस्थान ने जिला स्तरीय प्रतिभा खोज प्रतियोगिता का आयोजन किया. इस प्रतियोगिता में जिले भर से करीब 1,275 विद्यार्थियों ने भाग लिया, जिसमें सरकारी और निजी विद्यालयों के छात्र शामिल थे. यह आयोजन न केवल प्रतिभा को पहचानने का एक अवसर था, बल्कि यह शिक्षा के क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में भी एक प्रयास था.

आयोजन का उद्देश्य

प्रतिभा खोज प्रतियोगिता का उद्देश्य जिले के छात्रों में छिपी प्रतिभा को उजागर करना और उन्हें प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए प्रेरित करना है. दुर्गेश कुमार गुप्ता, जो कि इस कोचिंग संस्थान के संचालक हैं, ने बताया कि उन्होंने यह प्रतियोगिता इसलिए आयोजित की ताकि जिले के छात्र राज्य स्तर पर भी अपना नाम रोशन कर सकें.

उन्होंने कहा, "हमारा लक्ष्य यह है कि जिला टॉप 10 या स्टेट टॉप 10 में जो भी बच्चे आएं, वे हमारे औरंगाबाद जिले के हों." यह विचार न केवल छात्रों के आत्मविश्वास को बढ़ाता है, बल्कि उन्हें आगे की पढ़ाई के लिए भी प्रेरित करता है.

प्रतियोगिता का स्वरूप

प्रतिभा खोज प्रतियोगिता में विज्ञान और सामान्य ज्ञान से संबंधित प्रश्न पूछे गए. यह प्रतियोगिता छात्रों के लिए एक मंच प्रदान करती है, जहां वे अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन कर सकते हैं. दुर्गेश कुमार ने कहा, "इस तरह के आयोजनों से बच्चों की प्रतिभा को पहचानने का एक अवसर मिलता है."

उन्होंने यह भी बताया कि इस प्रतियोगिता का आयोजन हर साल बाल दिवस के अवसर पर किया जाता है, जिससे बच्चों को शिक्षा के महत्व को समझाने के साथ-साथ उन्हें प्रोत्साहित किया जा सके.

पुरस्कार वितरण

प्रतियोगिता के परिणामों की घोषणा 14 नवंबर 2024 को गांधी मैदान में की जाएगी. यह परिणाम न केवल छात्रों के लिए, बल्कि उनके माता-पिता और शिक्षकों के लिए भी महत्वपूर्ण होगा. दुर्गेश कुमार ने बताया कि अच्छे अंक लाने वाले छात्रों को प्रोत्साहन देने के लिए विशेष पुरस्कार भी दिए जाएंगे.

शिक्षा में परिवर्तन

दुर्गेश कुमार ने बताया कि आज की शिक्षा प्रणाली और पहले की प्रणाली में काफी अंतर है. "पहले, गांव और पंचायत स्तर पर प्रतिस्पर्धाएं होती थीं, लेकिन अब ऐसा बहुत कम हो रहा है," उन्होंने कहा. इसलिए, उन्होंने 2021 से संकल्प लिया है कि वे इस दिशा में काम करते रहेंगे.

उनका मानना है कि छात्रों को प्रतियोगिता के माध्यम से प्रोत्साहित करने से उनकी पढ़ाई में रुचि बढ़ती है और वे आगे की पढ़ाई के लिए प्रेरित होते हैं.

सामाजिक दायित्व

दुर्गेश कुमार ने यह भी बताया कि वे उन छात्रों के लिए विशेष प्रोत्साहन देते हैं जो मैट्रिक या इंटर के बाद पढ़ाई जारी नहीं रखना चाहते. उन्हें कुछ राशि देकर प्रोत्साहित किया जाता है ताकि वे आगे की पढ़ाई जारी रख सकें.

उन्होंने कहा, "हम हर साल 20 से 30 छात्रों को नि:शुल्क कक्षाएं प्रदान करते हैं, बशर्ते कि वे औरंगाबाद जिले के निवासी हों." यह कदम न केवल छात्रों के भविष्य को संवारने में मदद करेगा, बल्कि यह समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने का भी एक प्रयास है.

व्यक्तिगत प्रेरणा

दुर्गेश कुमार ने बताया कि वे भी एक गरीब परिवार से आते हैं और इसलिए उन्होंने सोचा कि वे कुछ ऐसा करें जो समाज के लिए लाभकारी हो. "मैंने अपने जीवन में ऐसा कार्य करने का निर्णय लिया जो मार्केट से बिल्कुल अलग हो."

उनकी सोच ने उन्हें इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया और आज वे जिले के हजारों बच्चों के लिए एक प्रेरणा बन गए हैं.

निष्कर्ष

औरंगाबाद में आयोजित यह जिला स्तरीय प्रतिभा खोज प्रतियोगिता न केवल छात्रों की प्रतिभा को पहचानने का एक मंच है, बल्कि यह शिक्षा के क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लाने का भी एक प्रयास है. दुर्गेश कुमार जैसे लोगों के प्रयासों से शिक्षा के क्षेत्र में नई रोशनी देखने को मिल रही है.

इस तरह के आयोजनों से न केवल छात्रों में आत्मविश्वास बढ़ता है, बल्कि उन्हें अपने भविष्य के लिए भी प्रेरित किया जाता है. यह प्रतियोगिता निश्चित रूप से औरंगाबाद के छात्रों के लिए एक नए अध्याय की शुरुआत करेगी, जहां वे अपनी प्रतिभा को पहचानने और विकसित करने का एक अवसर पा सकेंगे.

आगे की राह

भविष्य में, ऐसे आयोजनों को और भी विस्तारित किया जा सकता है, ताकि अधिक से अधिक छात्रों को इनका लाभ मिल सके. इसके अलावा, कोचिंग संस्थानों को भी यह सुनिश्चित करना होगा कि वे छात्रों को केवल परीक्षा के लिए नहीं, बल्कि जीवन के विभिन्न पहलुओं के लिए तैयार कर रहे हैं.

उम्मीद है कि औरंगाबाद की यह पहल न केवल बिहार में बल्कि अन्य राज्यों में भी शिक्षा के क्षेत्र में एक नई दिशा प्रदान करेगी. जब हम छात्रों को उनकी प्रतिभा के अनुसार आगे बढ़ने का अवसर देते हैं, तो हम न केवल उनके भविष्य को संवारते हैं, बल्कि समाज के विकास में भी योगदान देते हैं.

इस प्रकार, यह प्रतियोगिता एक नई शुरुआत है, जो शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. छात्रों को उनके सपनों को साकार करने का मौका मिलेगा, और वे अपने जिले का नाम रोशन करने में सफल होंगे.

-अजय कुमार पाण्डेय