पूर्वी दिल्ली के मंडावली फ़ज़लपुर के मुसलमानों ने गुस्ताखे रसूल की गिरफ्तारी की मांग की ।
हाल ही में महाराष्ट्र के रामगिरी महाराज के बयान पर मध्य प्रदेश और अन्य स्थानों पर प्रदर्शन हुए, लेकिन भोपाल में मुसलमानों के घरों को निशाना बनाकर बुलडोजर चलाया गया. यह चिंताजनक है कि सरकार इन घटनाओं पर चुप है.
फरहान सिद्दकी, कार्यकारी संपादक :
New Delhi, 7 October, 2024 : हाल ही में जामा मस्जिद के इमाम कारी मुहम्मद सादिक माजरी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने स्थानीय पुलिस स्टेशन में गुस्ताखे रसूल नरसिंहानंद की गिरफ्तारी की मांग की. इस घटना ने न केवल दिल्ली में बल्कि पूरे देश में मुस्लिम समुदाय में गहरा शोक और गुस्सा पैदा किया है. यह लेख इस मुद्दे पर विस्तृत चर्चा करेगा.
मुसलमानों की भावनाएं
इस्लाम के पैगंबर पर दिए गए नरसिंहानंद के नफरत भरे बयानों के कारण दुनिया भर के मुसलमानों में चिंता और गुस्सा फैल गया है. नरसिंहानंद की यह हरकतें न केवल भारत के मुसलमानों बल्कि वैश्विक इस्लामिक समुदाय को भी प्रभावित कर रही हैं. कई बार वह मीडिया में भड़काऊ भाषण देता रहा है, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है.
प्रशासन की चुप्पी
नरसिंहानंद की हिम्मत बढ़ती जा रही है, और इस पर सवाल उठाना अनिवार्य हो गया है. क्या सरकार की चुप्पी उसे समर्थन देती है? क्या वह यह समझता है कि मुसलमान उसकी हरकतों के खिलाफ कुछ नहीं कर सकते? देश के विभिन्न स्थानों पर नरसिंहानंद के खिलाफ शिकायतें दर्ज की गई हैं, लेकिन उसकी गिरफ्तारी अभी तक नहीं हुई है.
मुस्लिम समुदाय की मांगें
भारत के मुसलमानों ने अदालत, राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल और स्थानीय अधिकारियों से गुस्ताखे रसूल के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. लेकिन हमेशा की तरह, इन मांगों का कोई परिणाम नहीं निकला है. दिल्ली में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन का सिलसिला जारी है, जिसमें मुस्लिम समुदाय ने एकजुट होकर अपनी आवाज उठाई है.
मंडावली की बैठक
आज दिल्ली के मंडावली से एक प्रतिनिधिमंडल, जिसमें मुफ्ती रिसालत, हाजी नईम, अफाक अहमद, मुफ्ती वसीम, आसिफ मुनीर, कारी शाह आलम, मौलाना अनस और मुफ्ती नूर आलम, सज्जाद अली ज़ैदी, साबिर अली शामिल थे, जामा मस्जिद के इमाम कारी मोहम्मद सादिक माजरी के नेतृत्व में स्थानीय थाना प्रभारी से मिले.
थाना प्रभारी को ज्ञापन
प्रतिनिधिमंडल ने थाना प्रभारी को बताया कि नरसिंहानंद ने इस्लाम और मुसलमानों के खिलाफ कई बार भड़काऊ बयान दिए हैं. उन्होंने कहा कि अब उसने पैगंबर के बारे में बेहद घटिया बातें की हैं, जिससे मुसलमानों की भावनाएं आहत हुई हैं.
नफरती बयानों का खतरा
प्रतिनिधिमंडल ने ज्ञापन देते हुए कहा कि नरसिंहानंद अपने नफरती बयानों से हिंदू और मुसलमानों के बीच खाई डालने का प्रयास कर रहा है. इससे समाज में तनाव और विद्वेष बढ़ सकता है. उन्होंने याद दिलाया कि इस बदजुबान के खिलाफ पहले भी एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं, लेकिन कार्रवाई अभी तक नहीं हुई है.
असामाजिक तत्वों का खतरा
प्रतिनिधिमंडल ने यह भी कहा कि कुछ असामाजिक तत्व मुसलमानों के खिलाफ सक्रिय हैं. हाल ही में महाराष्ट्र के रामगिरी महाराज के बयान पर मध्य प्रदेश और अन्य स्थानों पर प्रदर्शन हुए, लेकिन भोपाल में मुसलमानों के घरों को निशाना बनाकर बुलडोजर चलाया गया. यह चिंताजनक है कि सरकार इन घटनाओं पर चुप है.
सामाजिक सद्भाव की आवश्यकता
इस संकट के समय में, समाज के सभी वर्गों को मिलकर काम करने की आवश्यकता है. हमारा सभी हिंदू और अन्य समुदायों से अपील है कि वे नफरत फैलाने वाले लोगों को सुनना, देखना और बढ़ावा देना बंद करें. सामाजिक सद्भाव बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी है, ताकि देश में शांति और एकता बनी रहे.
निष्कर्ष
गुस्ताखे रसूल नरसिंहानंद के खिलाफ कार्रवाई की मांग एक गंभीर मुद्दा है, जो न केवल मुसलमानों की भावनाओं से जुड़ा है, बल्कि पूरे देश के साम्प्रदायिक सद्भाव को भी प्रभावित करता है. जब तक सरकार ठोस कदम नहीं उठाती, तब तक ऐसी घटनाएं आगे बढ़ती रहेंगी.
इस लेख के माध्यम से, हमने इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की है. उम्मीद है कि सरकार और समाज इस गंभीर मुद्दे पर ध्यान देंगे और उचित कदम उठाएंगे.