राष्ट्रीय लोक अदालत लंबित वादों को निस्तारण का है एक सशक्त माध्यम है } अधिक से अधिक लोग इसका उठायें फायदा : जिला एवं सत्र न्यायाधीश
National Lok Adalat is a powerful medium for disposal of pending cases
अजय कुमार पाण्डेय:
औरंगाबाद: ( बिहार ) जिला विधिक सेवा प्राधिकार अध्यक्ष सह जिला एवं सत्र न्यायाधीश, माननीय सम्पूर्णानन्द तिवारी ने गुरुवार को आगामी 13 मई 2023 को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत तैयारियों को लेकर जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव, प्रणव शंकर के साथ एक समीक्षा बैठक की. इस समीक्षा बैठक में जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने राष्ट्रीय लोक अदालत की तैयारियों को लेकर अब तक की प्रगति पर समीक्षा की, तथा विभिन्न निर्देश भी दिया. जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत को जन मानस तक पहुंचाने में जिले के विभिन्न समाचार पत्रो, प्रिंट मिडिया / इलेक्ट्रानिक मिडिया का महत्वपूर्ण योगदान होता है, और अब तक उन लोगो द्वारा सहयोग मिलने के कारण शहर के साथ - साथ दूर दराज लोगो तक राष्ट्रीय लोक अदालत के महत्व को समझा गया है. आगे भी उनके द्वारा मीडिया के लोगो से प्रेस विज्ञपित जारी करते हुए कहा गया है, कि संविधान के चतुर्थ स्तम्भ है, और बिना उनके सहयोग के कोई भी कार्यक्रम का पूर्ण लाभ जन मानस तक नहीं पहुॅच सकता है.
जन मानस के हित को देखते हुए मीडिया इस राष्ट्रीय लोक अदालत को प्रमुखता से प्रकाशित कर अधिक से अधिक लोगो तक इसकी जानकारी सुलभ कराएं. माननीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने सभी न्यायिक पदाधिकारियों को निर्देश दिया है, कि वे अपने - अपने न्यायालयों से संबंधित सुलहनीय वादों के निस्तारण हेतु युद्धस्तर पर कार्रवाई करें, ताकि सभी पक्षकारो तक नोटिस एवं कान्सेलिंग की प्रक्रिया समयानुसार सम्पन्न हो सके. उनके द्वारा निर्देश दिया गया है कि सभी न्यायालय यथाशिघ्र सुलहनीय वादों की सूची को प्राधिकार कार्यालय को उपलब्ध कराएं, ताकि प्राधिकार भी अपने स्तर से कार्रवाई कर सके. जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने सभी न्यायिक व्यवस्था से जुड़े कर्मियों को निर्देश दिया है, कि आगामी राष्ट्रीय लोक अदालत हेतु कोई भी कार्य बिना देर किए निष्पादन में सहयोग करें, ताकि पक्षकारो को राष्ट्रीय लोक अदालत के महत्व तथा त्वरित न्याय के प्रति विश्वास जगे.
जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वारा दोनों विधि संघ के अधिवक्ताओं से भी अपील किया गया है, कि वे कोई भी वाद को बिना उनके सहयोग के निस्तारित कराना संभव नहीं होता है, तथा पक्षकार के वे सबसे करीब है, और उनकी बात पक्षकार मानते हैं. जिसमें पक्षकार के साथ-साथ न्यायालय का सहयोग करते हुए अपनी महती भूमिका को निभाने में महत्वपूर्ण सहयोग दें, और आगामी राष्ट्रीय लोक अदालत को निष्पादन के मामले में राज्य स्तर पर स्थापित करने में जिला विधिक सेवा प्राधिकार का सहयोग करें. साथ ही जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने विश्वास जताया है कि अगर सभी स्टेकहोल्डर का सहयोग यूं ही मिलता रहा, तो इस बार का राष्ट्रीय लोक अदालत भी अपने निष्पादन के मामले में रिकार्ड स्थापित करेगा.