लोजपा (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने गया में जनसभा को किया संबोधित
लोजपा (रामविलास) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, डॉक्टर अरुण कुमार, रफीगंज विधानसभा क्षेत्र के पूर्व लोजपा प्रत्याशी, वर्तमान लोजपा (रामविलास) के प्रदेश महासचिव व गया जिला के सह प्रभारी, मनोज कुमार सिंह, रफीगंज विधानसभा क्षेत्र से ही सन् 2015 में लोजपा प्रत्याशी रह चुके, वर्तमान लोजपा (रामविलास) के प्रदेश महासचिव, समाजसेवी प्रमोद कुमार सिंह, गया जिलाध्यक्ष, दिलीप सिंह, कमलेश शर्मा, रेणुका देवी, सौरभ कुमार, संसदीय बोर्ड प्रदेश अध्यक्ष, हुलास पाण्डेय सहित पार्टी के तमाम पदाधिकारी मौजूद थे.
अजय कुमार पाण्डेय/ दिनेश कुमार पंडित:
गया: (बिहार) अखिल भारतीय दुसाध कल्याण परिषद एवं लोक सेवक रामविलास स्मृति मंच के तत्वाधान में आयोजित महापुरुषों का जन्मोत्सव सह संकल्प सभा कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह जमुई सांसद, माननीय चिराग पासवान ने मगध की धरती गया स्थित गांधी मैदान परिसर में बुधवार दिनांक - 26 अप्रैल 2023 को अपने निर्धारित समयानुसार संध्या 3:10 बजे पहुंचकर परिसर में मौजूद अपने समर्थकों का चार पहिया वाहन पर सवार होकर हाथ जोड़कर अभिवादन स्वीकार करते हुए मंच से जनसभा को भी संबोधित की.
ध्यातव्य हो कि लोजपा (रामविलास) सुप्रीमो माननीय चिराग पासवान को मंच पर पहुंचने के बाद सर्वप्रथम लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के उपस्थित पदाधिकारियों ने परंपरा अनुसार अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष का बड़े पुष्प का माला पहनाकर, अंग वस्त्र प्रदान करते हुए प्रतीक चिन्ह देकर भी सम्मानित किया. जिसमें मंच पर लोजपा (रामविलास) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, डॉक्टर अरुण कुमार, रफीगंज विधानसभा क्षेत्र के पूर्व लोजपा प्रत्याशी, वर्तमान लोजपा (रामविलास) के प्रदेश महासचिव व गया जिला के सह प्रभारी, मनोज कुमार सिंह, रफीगंज विधानसभा क्षेत्र से ही सन् 2015 में लोजपा प्रत्याशी रह चुके, वर्तमान लोजपा (रामविलास) के प्रदेश महासचिव, समाजसेवी प्रमोद कुमार सिंह, गया जिलाध्यक्ष, दिलीप सिंह, कमलेश शर्मा, रेणुका देवी, सौरभ कुमार, संसदीय बोर्ड प्रदेश अध्यक्ष, हुलास पाण्डेय सहित पार्टी के तमाम पदाधिकारी मौजूद थे.
ध्यातव्य हो कि मंच पर सम्मान कार्यक्रम के पश्चात लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह जमुई सांसद, माननीय चिराग पासवान अपने पूरे टीम के साथ मंच से सीधा नीचे उतर कर महापुरुषों की लाइन से सजाई हुई मूर्ति के पास खड़े होकर संयुक्त रुप से दीप प्रज्वलित कर महापुरुषों को याद करते हुए उन्हें नमन किया. इसके बाद सीधा मंच पर चले गए. तब लोजपा (रामविलास) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं जहानाबाद के पूर्व सांसद, डॉक्टर अरुण कुमार ने मंच से संबोधित करते हुए कहा कि आज महापुरुषों का जन्मोत्सव सह संकल्प सभा का आयोजन किया गया है. इसलिए आज आप लोग इस गांधी मैदान से संकल्प लें, कि चिराग लाओ, बिहार बचाओ. इन महापुरुषों से जो ऊर्जा मिलेगी. उससे जंगलराज, नकली सुशासन से मुक्ति मिलेगी. नया बिहार बनाएंगे.
इसके बाद तुरंत लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह जमुई सांसद, माननीय चिराग पासवान ने अपने समय को देखते हुए माइक थाम ली, तथा गांधी मैदान परिसर में जनसभा को संबोधित की. जनसभा को संबोधित करते हुए लोजपा (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह जमुई सांसद, माननीय चिराग पासवान ने कहा कि मकसद के साथ आप लोगों के बीच आज यहां पर ये सम्मान साधने आया हूं.
आप लोग सब जानते हैं कि एक साल बिहार के लिए ये बहुत महत्वपूर्ण साल होने वाला है. एक साल के लोकसभा चुनाव के साथ-साथ संभवतः बिहार में मध्यावधि चुनाव भी हो सकते हैं. ये चुनाव आने वाले 05 साल में बिहार का भविष्य तय करने वाले है, और इसीलिए एक साल में वर्ष इतना महत्वपूर्ण हो जाता है. क्योंकि ना जाने एक - एक - एक करके कितने हम लोगों ने ऐसे 05 साल गंवा दिए. परिणाम - परिणाम आज भी आजादी के 75 साल बाद भी बिहार को पिछड़ा प्रदेश कहा जाता है.
आज एक तरफ हम लोग आजादी के अमृत महोत्सव मना रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ हमारा प्रदेश जो आज भी पिछड़ा प्रदेश कहलाता है. जहां आज भी मूलभूत जरूरतें हमारे लिए सबसे बड़ी समस्या बना हुआ है. आज भी सड़क, बिजली, पानी, बेहतर शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य सेवाएं हमारे लिए समस्या बना हुआ है. जाइए दूसरे प्रदेशों में. हम लोग विकास की नई - नई गाथाएं लिख रहे हैं. जहां एजुकेशनल हब की बात होती है. जहां बड़े-बड़े एक स्वास्थ्य सेवाओं की बात होती है. तो वहीं हमारे प्रदेश में हमारी सोच सीमित होकर के रह जाती है. कि कैसे हमारे आंगन में एक चापाकल गड़े. कैसे हमारे गांव में ट्रांसफार्मर आए. कैसे हमारे घर के सामने नाली बने, गली बने. ये आज की हमारी बड़ी समस्या है. भाई कब तक. ये सवाल हम सबको पूछने की जरूरत है. कब तक बिहार पिछड़ा प्रदेश रहेगा. कब तक बिहारियों को हीन भावना के साथ देखा जाएगा. आज आप चले जाइए. भारत के किसी भी कोने में. कोई ऐसी जगह नहीं है. जहां पर आपको बिहारी नहीं मिलेगा. भाई क्यों जाता है. बिहारी अपने प्रदेश को छोड़कर. और दूसरे प्रदेशों में जाकर वो अपमानित होता है. लाठी चलाई जाती है. और तो और इस बिहारी शब्द तक को गाली बना दिया गया है.
हमारे बच्चे दूसरे प्रदेशों में जाते हैं शिक्षा के लिए. विद्यालयों में, कॉलेजेज में. बताते नहीं है वहां पर वो की हम बिहार से हैं. शर्माते हैं. घबराते हैं ये बताने से, की अगर हम बता देंगे कि हम बिहारी हैं. तो हमको यहां पर बेइज्जत किया जाएगा. क्यों भैया. जो शब्द, जो हमारा गुरूर, जो हमारा घमंड, जो हमारा स्वाभिमान होना चाहिए था. आज उस शब्द को अगर गाली बना दिया गया. बिहारी शब्द को अगर पहचान उससे छीन ली गई. तो इसके जिम्मेदार कौन हैं. ये जवाबदेही तय करने का समय है. चिन्हित करने का समय है भैया. कि किन लोगों की वजह से बिहार और बिहारी अपमानित होते हैं. भाई बिहारियों के सामर्थ्य में कोई कमी नहीं. आज चले जाइए.
देश या दुनिया के बड़े-बड़े बिजनेस हाउसेस में चले जाइए. बड़े-बड़े पदों पर बैठे हुए बिहारी आपको मिलेंगे. मेरे मीडिया के साथी यहां पर मौजूद हैं. मीडिया चैनलस में चले जाइए. बड़े-बड़े जितने भी मीडिया हाउसेज हैं. उसके बड़े बड़े पदों पर बैठे हुए अधिकारी बिहारी होंगे. अस्पतालों में चले जाइए. कॉलेजेज में चले जाइए. हर वो डिपार्टमेंट में वहां पर बिहारी होंगे. तो बिहारी जब इतना आगे है. तब हमारा बिहारी इतना पीछे कैसे रह गया. ये सवाल हम लोग को पूछने की जरूरत है.