टिकारी के डाकबंगला में अखिल हिंद फॉरवर्ड ब्लॉक क्रांतिकारी के बैनर तले शहीद भगत सिंह की मनाई गई 118 वी जयंती समारोह: मोहम्मद जफर बारी अंसारी उर्फ छोटू मियां

अखिल हिन्द फारवर्ड ब्लाक क्रांतिकारी के प्रदेश प्रवक्ता सह पूर्व जिला पार्षद रामचन्द्र आजाद ने कहा कि भगत सिंह के शहादत के 93 वर्ष हो गये, लेकिन इनके मिशन की प्रासंगिकता आज भी मौजूद है. विश्वयुद्ध के बाद सम्राज्यवादियो के सिधि वेदशी गुलामी का अंत हो गया.

टिकारी के डाकबंगला में अखिल हिंद फॉरवर्ड ब्लॉक क्रांतिकारी के बैनर तले शहीद भगत सिंह की मनाई गई 118 वी जयंती समारोह: मोहम्मद जफर बारी अंसारी उर्फ छोटू मियां
118th birth anniversary of Shaheed Bhagat Singh celebrated

विश्वनाथ आनंद

टिकारी (बिहार ) : अखिल हिन्द फारवर्ड ब्लाक क्रांतिकारी के बैनर तले आजम शहीद भगत सिंह की 118 वीं जयंती समारोह 28 सितंबर को डाक बंगला टिकारी में धूमधाम से मनाया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो0 रामाश्रय रविदास एवं संचालन चन्द्रशेखर प्रसाद यादव ने किया.

कार्यक्रम की शुरुआत आजम शहीद भगत सिंह की तैलिये चित्र पर माल्यार्पण के साथ आरंभ किया गया. जिसमें ' अखंड भारत के आजादी का आंदोलन व भगत सिंह के समाजवाद' विषय पर पार्टी नेताओं द्वारा विचार गोष्ठी में अपना-अपना विचार प्रकट किया. अखिल हिन्द फारवर्ड ब्लाक क्रांतिकारी के प्रदेश प्रवक्ता सह पूर्व जिला पार्षद रामचन्द्र आजाद ने कहा कि भगत सिंह के शहादत के 93 वर्ष हो गये, लेकिन इनके मिशन की प्रासंगिकता आज भी मौजूद है. विश्वयुद्ध के बाद सम्राज्यवादियो के सिधि वेदशी गुलामी का अंत हो गया.

भारत ने अंग्रेजों के सुधारवादियों के सामने समझौते के कुटनीति की चाल चल दी. देशी पूंजीवाद,सामंतवाद का ब्रिटिश सम्राज्यवाद से 15 अगस्त 1947 मे समझौता कर लिया. इस समझौते में परोक्ष आर्थिक तकनीकी और संवैधानिक नई गुलामी का बिज मौजूद रह गया. 1995 में डब्ल्यू टी ओ की आड़ में भारत की श्रमशक्ति एवं प्राकृतिक सम्पदा की विदेशी लूट तेज हो गया. जब कारपोरेट वादी दल भाजपा सता मे आयी तो उसमें तमाम विदेशी बड़ी कंपनियों को न्योता दिया. और थल, जल नभ सभी रास्तउसके लिए खोल दिया गया. विदेशी कंपनियों के साथ मिलकर निजी करण के माध्यम से देश के संपतियों को लूटने लगा.

कार्यक्रम को बाल कुमार यादव, प्रो नरेश चन्द्र विद्यार्थी, महेश यादव, शीलम झा, शोषित समाज दल के पूनम देवी, छोटू मियां, अनिल पासवान, शम्भू यादव, उपेन्द्र पासवान समेत दर्जनों नेताओं ने भी संयुक्त रूप से संबोधित किया.