बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री की 136वीं जयंती समारोह में औरंगाबाद पहुंचे जम्मू कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर

बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री की 136वीं जयंती समारोह में औरंगाबाद पहुंचे जम्मू कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर
136th birth anniversary celebrations of the first Chief Minister of Bihar

लोजपा (रामविलास) सुप्रीमों सहित कई गणमान्य मंच पर रहे मौजूद

अजय कुमार पाण्डेय:

औरंगाबाद: (बिहार) बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री, बिहार केसरी डॉक्टर श्री कृष्ण सिंह जी की 136वीं जयंती समारोह सह मूर्ति अनावरण कार्यक्रम में शारदीय नवरात्र की सप्तमी तिथि यानी कि शनिवार दिनांक - 21 अक्टूबर 2023 को जम्मू कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर (उप राज्यपाल) एवं भारत सरकार के पूर्व रेल मंत्री, मनोज कुमार सिन्हा, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह जमुई सांसद, माननीय चिराग पासवान, बिहार सरकार के पूर्व मंत्री व महाराजगंज लोकसभा क्षेत्र के सांसद, जनार्दन सिंह सिग्रीवाल औरंगाबाद पहुंचे.

इसके अलावे औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र के भाजपा सांसद, सुशील कुमार सिंह, गोह विधानसभा क्षेत्र के पूर्व भाजपा विधायक, मनोज कुमार शर्मा, कुटुंबा विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस विधायक व बिहार विधानसभा में सत्तारूढ़ दल के सचेतक, राजेश कुमार उर्फ राजेश राम, औरंगाबाद सदर के कांग्रेस विधायक, आनंद शंकर सिंह, लोजपा (रामविलास) के प्रदेश महासचिव, रफीगंज विधानसभा क्षेत्र के पूर्व लोजपा प्रत्याशी, समाजसेवी व वरीय नेता, प्रमोद कुमार सिंह, लोजपा (रामविलास) के प्रदेश महासचिव, व रफीगंज विधानसभा क्षेत्र के पूर्व लोजपा प्रत्याशी, मनोज कुमार सिंह, लोजपा (रामविलास) के प्रदेश सचिव, अनूप कुमार ठाकुर, लोजपा (रामविलास) के जिला संयोजक व प्रदेश संसदीय बोर्ड उपाध्यक्ष, चंद्रभूषण कुमार सिंह उर्फ सोनू सिंह, लोजपा (रामविलास) की महिला मोर्चा प्रदेश सचिव व कुटुंबा विधानसभा क्षेत्र की पूर्व लोजपा प्रत्याशी, कुसुम देवी उर्फ कुसुम पासवान, लोजपा (रामविलास) के प्रधान महासचिव, अखिलेश पासवान, मीडिया प्रभारी, रौशन कुमार सिंह, जिला उपाध्यक्ष, निखिल कुमार सिंह, लोजपा (रामविलास) के दलित सेना जिलाध्यक्ष, जितेंद्र पासवान सहित कई गणमान्य भी मौजूद रहे.

इस कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे माननीय ने सर्वप्रथम बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री, बिहार केसरी डॉक्टर श्री कृष्ण सिंह जी के मूर्ति का अनावरण करते हुए एवं फूल माला चढ़ाकर नमन किया. इसके बाद कार्यक्रम में उपस्थित माननीय अनुग्रह नारायण सिंह मेमोरियल कॉलेज के प्रांगण में पहुंचकर बारी-बारी से बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री, बिहार केसरी डॉक्टर श्री कृष्ण सिंह जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला. जिसमें मंच पर मौजूद जम्मू कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर, मनोज कुमार सिन्हा, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह जमुई सांसद, माननीय चिराग पासवान, बिहार सरकार के पूर्व मंत्री व महाराजगंज लोकसभा क्षेत्र के सांसद, जनार्दन सिंह सिग्रीवाल तथा औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र के भाजपा सांसद, सुशील कुमार सिंह ने ही जनसभा को संबोधित किया, और अंत में धन्यवाद ज्ञापन गोह विधानसभा क्षेत्र के पूर्व भाजपा विधायक, मनोज कुमार शर्मा ने किया. बाकी मंच पर बैठे किसी भी जनप्रतिनिधियों या पार्टी पदाधिकारियों को मंच पर बोलने का मौका ही नहीं दिया गया. जिसके वजह से लोगों ने जनसभा को संबोधित नहीं किया.

इसके अलावे स्थानीय लोगों में जोर-शोर से प्रत्येक स्थानों पर चर्चा यह भी सुनने को मिल रहा है, कि लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं ओबरा विधानसभा क्षेत्र के पूर्व लोजपा प्रत्याशी, डॉक्टर प्रकाश चंद्रा भी कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे. तब जम्मू कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर उप (राज्यपाल) के अंगरक्षकों ने मंच पर जाने ही नहीं दिया. जिसके वजह से गुस्साए डॉक्टर प्रकाश चंद्रा बिना कार्यक्रम अटेंड किए हुए ही रवाना हो गए.

ध्यातव्य हो कि इसी कार्यक्रम में पहुंचे जम्मू कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर एवं भारत सरकार के पूर्व रेलवे मंत्री, मनोज कुमार सिन्हा ने मंच से जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि आज मुझे सौभाग्य प्राप्त हुआ है, कि बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री, बिहार केसरी डॉक्टर श्री कृष्ण सिंह बाबू के 136वीं जयंती समारोह सह प्रतिमा अनावरण कार्यक्रम में औरंगाबाद आया हूं. जिन्होंने हमेशा जात-पात से ऊपर उठकर प्रत्येक क्षेत्रों में विकास का ही कार्य किया. इनका जन्म एक साधारण परिवार में ही हुआ था. विचार के भी धनी व्यक्ति थे. श्री कृष्ण बाबू बिहार के ऐसे मुख्यमंत्री थे. जिनको कम से कम 10 वर्ष तक बिहार में और मुख्यमंत्री रहना चाहिए था. तब आज बिहार भी विकास के मामले में गुजरात एवं अन्य राज्यों जैसा ही होता. बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री, श्री कृष्ण बाबू समाज को तोड़ने के लिए नहीं, बल्कि हमेशा जोड़ने का ही काम किया. जो एक बहुत बड़ा उदाहरण है.

इसके बाद बिहार सरकार के पूर्व मंत्री एवं महाराजगंज लोकसभा क्षेत्र के सांसद, जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने भी जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री, बिहार केसरी डॉक्टर श्री कृष्ण सिंह जी ने हमेशा जात पात से ऊपर उठकर प्रत्येक क्षेत्रों में तो काम किया ही. समाजवाद के भी धनी व्यक्ति थे, और बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री, बिहार केसरी डॉक्टर श्री कृष्ण बाबू तथा बिहार विभूति डॉक्टर अनुग्रह नारायण सिंह जी की भी अद्भुत जोड़ी थी. दोनों हमेशा प्रत्येक स्थानों पर साथ में ही चलते थे. आज मुझे औरंगाबाद में आने का मौका मिला. जो मेरे लिए भी बहुत बड़ी सौभाग्य की बात है.

इसके बाद लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह जमुई सांसद, माननीय चिराग पासवान ने भी जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि आज मैं यहां राजनीति नहीं करूंगा, क्योंकि आज एक ऐसे महापुरुष बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री, बिहार केसरी डॉक्टर श्री कृष्ण कुमार सिंह जी का 136वीं जयंती समारोह सह प्रतिमा अनावरण कार्यक्रम में जिला मुख्यालय औरंगाबाद आया हूं. जिन्होंने हमेशा जात-पात से ऊपर उठकर ही बिहार में विकास का प्रत्येक क्षेत्र में कार्य किया. चाहे शिक्षा की बात हो, स्वास्थ्य क्षेत्र की बात हो, कल कारखाना लगाने की बात हो, सिंचाई क्षेत्र की बात हो या किसी भी क्षेत्र में विकास करने की बात हो. प्रत्येक क्षेत्रों में इन्होंने ईमानदारी पूर्वक ही विकास करने का कार्य किया. लेकिन आज तो बिहार में ऐसी स्थिति है, कि विकास के बजाय सिर्फ जात पात, धर्म मजहब में ही बांटकर बिहार वासियों को उलझा कर रखा जा रहा है.

इसके अलावे बिहार में कहीं भी विद्यालय है, तो पर्याप्त भवन उपलब्ध नहीं है. कहीं विद्यालय है, तो पर्याप्त मात्रा में शिक्षक  नहीं हैं. स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी यही हाल है कि अस्पताल है, तो चिकित्सक और पर्याप्त मात्रा में स्टाफ मौजूद नहीं है. बिहार की पूरी व्यवस्था ही चौपट हो गई है. जो पूरे बिहार वासियों को भी पता है.

इसके अलावे मंच पर जनसभा कार्यक्रम समाप्ति पश्चात जब लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह जमुई सांसद, माननीय चिराग पासवान से मौके पर मौजूद संवाददाताओं की टीम ने प्रेस को भी समय देने का आग्रह किया. तब लोजपा (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह जमुई सांसद, माननीय चिराग पासवान ने भी आग्रह को सहर्ष स्वीकार करते हुए काफी समय भी दिया.

तब संवाददाता ने लोजपा (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह जमुई सांसद, माननीय चिराग पासवान से सवाल पूछा कि लोकतंत्र में चार स्तंभ माने जाते हैं. कार्यपालिका, न्यायपालिका, विधायिका एवं पत्रकारिता. तीन स्तंभों को तो सारी सुख सुविधाएं एवं सुरक्षा मौजूद रहती है. लेकिन निष्पक्ष खबर छापने /प्रसारित करने पर पत्रकारों को सिर्फ धमकी ही मिलती है, या फिर उनकी हत्या ही करा दी जाती है? इस संबंध में आप क्या कहना चाहेंगे?

तब संवाददाता द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए माननीय चिराग पासवान ने कहा कि सचमुच में आप लोग जो निष्पक्ष पत्रकारिता का कार्य करते हैं. यह तो वास्तव में बहुत बड़ा जोखिम का कार्य है ही. मैंने भी खबर के माध्यम से देखा हूं, कि चाहे रूस - यूक्रेन की लड़ाई हो, अभी इज़राइल हमास की गाजा में हो रही लड़ाई हो, या कभी भी बॉर्डर की लड़ाई हो. प्रत्येक स्थानों पर पत्रकार बंधु अपना जान काफी जोखिम में डालकर भी ग्राउंड रिपोर्टिंग करते हैं. इसलिए आप लोग सबसे सर्वोपरि भी हैं.

इसीलिए मैंने भी पूर्व में बिहार के माननीय मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार एवं केंद्रीय गृह राज्य मंत्री, माननीय अमित शाह से भी मिलकर एवं लिखित आवेदन देकर भी पत्रकार बंधुओ की समस्या से अवगत कराया हूं, कि पत्रकार बंधुओ को भी सारी सुविधा एवं सुरक्षा मिलनी चाहिए. जिससे पत्रकार बंधु कहीं भी निडर होकर निष्पक्ष पत्रकारिता कर सकें.

इसके बाद उपस्थित संवाददाताओं की टीम ने जब पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह जमुई सांसद, चिराग पासवान से बिहार में जारी किए गए जातीय जनगणना आंकड़ा के संबंध में सवाल पूछा. तब पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए कहा कि बिहार में जारी यह जातीय जनगणना का आंकड़ा बंद कमरे में ही बैठकर तैयार किया गया है. जिसमें किसी जाति को अधिक, तो किसी जाति को बहुत ही कम संख्या दिखा दिया गया है. यदि बिहार में सही जातीय जनगणना कराकर आंकड़ा पेश किया जाता. तब हम लोग भी कहते, कि कम से कम बिहार में उचित जातिय जनगणना कराकर आंकड़ा पेश किया गया है.

वहीं औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र के भाजपा सांसद, सुशील कुमार सिंह ने भी मंच से संबोधित करते हुए कहा कि आज ऐसे महापुरुष एवं बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री, बिहार केसरी डॉक्टर श्री कृष्ण सिंह जी का जयंती समारोह सह प्रतिमा अनावरण कार्यक्रम है. जिन्होंने हमेशा जात-पात से ऊपर उठकर प्रत्येक क्षेत्रों में बिहार के अंदर विकास कार्य किया. ऐसे महापुरुष को मैं नमन करता हूं.

इसके बाद औरंगाबाद भाजपा सांसद, सुशील कुमार सिंह ने मंच संबोधित करते हुए कहा कि ऐसे महापुरुष के जयंती समारोह सह प्रतिमा अनावरण कार्यक्रम में जम्मू कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर एवं भारत सरकार के पूर्व रेल मंत्री, माननीय मनोज कुमार सिन्हा जी भी औरंगाबाद पहुंचे. इसके लिए मैं दिल से आभार व्यक्त करता हूं.

माननीय जम्मू कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर, मनोज कुमार सिन्हा जी भी बिहार के बगल में स्थित राज्य उत्तर प्रदेश अंतर्गत गाजीपुर जिला के ही रहने वाले हैं. बिहार एवं उत्तर प्रदेश में भी अधिकांश भोजपुरी भाषा ही बोली जाती है. दोनों राज्यों की भाषा एक जैसी है. जम्मू कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर, माननीय मनोज कुमार सिन्हा जी को जब जम्मू कश्मीर में उपराज्यपाल बनाया गया था. तब उस वक्त जम्मू कश्मीर में लगातार सिर्फ पत्थरबाजी ही होती थी. लेकिन इन्होंने जम्मू कश्मीर में धैर्य रखते हुए ऐसा काम किया, कि कहीं भी ऐसा कुछ नहीं हुआ, और जम्मू कश्मीर में अमन चैन भी कायम हो गया. माननीय लेफ्टिनेंट गवर्नर, मनोज कुमार सिन्हा जी ऐसे व्यक्ति हैं. जो अहम पद पर रहने के बावजूद भी कभी अपना संस्कार नहीं भूलते हैं. हमेशा सामाजिक रहे हैं. जो बहुत बड़ी बात है.

वहीं इसी कार्यक्रम में कुछ विलंब से पहुंचे कुटुंबा विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस विधायक व बिहार विधानसभा में सत्तारूढ़ दल के सचेतक राजेश कुमार उर्फ राजेश राम और विधायक के निजी सहायक, रामपति राम ने भी कार्यक्रम समाप्ति पश्चात दूसरे दिन संवाददाता से हुई मुलाकात के बाद बातचीत के क्रम में ही अपने जिला मुख्यालय स्थित आवास पर कहा कि बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री, बिहार केसरी डॉक्टर श्री कृष्ण सिंह जी एवं बिहार के प्रथम उपराज्यपाल, वित्त मंत्री, अनुग्रह नारायण सिंह उर्फ अनुग्रह बाबू दोनों की ऐसी जोड़ी थी, कि क्या कहना है. दोनों हमेशा साथ में ही चलते भी थे. दोनों ने हमेशा जात-पात से ऊपर उठकर प्रत्येक क्षेत्रों में विकास का कार्य किया.

बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री, बिहार केसरी डॉक्टर श्री कृष्ण सिंह जी लगातार 15 वर्षों तक बिहार के मुख्यमंत्री भी रहे. जिन्होंने अपने मृत्यु से पूर्व वसीयतनामा में एक लिफाफा पर लिख दिया था, कि 20,000 रुपया प्रदेश कांग्रेस कमेटी को चंदा दे दिया जाएगा. 3,000 रुपया मुनीब जी की बेटी के शादी में, 1,000 रुपया मेरा सेवक के इलाज में, और 500 रुपया अन्य कार्यों में दे दिया जाएगा. उस वक्त बिहार के माननीय मुख्यमंत्री, बिहार केसरी डॉक्टर श्री कृष्ण सिंह जी के पास मात्र 24,500 रुपया ही मौजूद था.