बिहार में नगर पालिका चुनाव पर रोक लगने के बाद अति पिछड़ा प्रत्याशियों ने की बैठक
अजय कुमार पाण्डेय :
औरंगाबाद: ( बिहार ) नगर परिषद / नगर पंचायत में आरक्षण के आधार पर चेयरमैन / उप चेयरमैन पद के लिए होने वाले चुनाव पर जब माननीय उच्च न्यायालय, पटना ने सुनवायी के पश्चात मंगलवार दिनांक 04 अक्टूबर 2022 को प्रथम चरण में 10 अक्टूबर 2022 को एवं द्वितीय चरण में 20 अक्टूबर 2022 को होने वाली चुनाव को तत्काल स्थगित कर दी. तब जिला मुख्यालय औरंगाबाद स्थित जननायक कर्पूरी मंच के सभागार में आरक्षण के आधार पर इस बार नगर परिषद / नगर पंचायत चुनाव में नामांकन कर चुके प्रत्याशियों ने शनिवार दिनांक 08 अक्टूबर 2022 को एक बैठक की, जिसमें अति पिछड़ा समाज के लोगों ने एकजुट होकर रणनीति बनाने पर विचार विमर्श विमर्श किया.
इस बैठक में नगर परिषद औरंगाबाद के वर्तमान तक चेयरमैन रह चुके एवं पुनः चेयरमैन पद हेतु प्रत्याशी बने, उदय कुमार गुप्ता, चेयरमैन प्रत्याशी, औरंगाबाद, रमन कुमार उर्फ बालाजी, चेयरमैन प्रत्याशी, अजय कुमार शर्मा, नगर परिषद, औरंगाबाद के वार्ड नंबर 07 से पूर्व में लगातार दो बार वार्ड पार्षद, रह चुके एवं वर्तमान उपाध्यक्ष पद प्रत्याशी, राजीव रंजन उर्फ विनोद कुमार ठाकुर, पूर्व वार्ड पार्षद, दिलीप प्रसाद, नरेश पाल, लक्ष्मी प्रसाद, सिनेश राही, विनोद चन्द्रवंशी, विकास कुमार चंद्रवंशी, मोहम्मद एहसान, किशोर कुमार, राजरूप पाल, डॉक्टर शारदा सिंह, अधिवक्ता, रामप्रवेश ठाकुर, दिनेश कुमार पाल तथा नगर पंचायत, रफीगंज की उपाध्यक्ष पद प्रत्याशी बनी रेखा देवी के प्रतिनिधि, पप्पू कुमार गुप्ता वगैरह ने भी भाग लिया. इसके अलावे इस बैठक में कुटुंबा प्रखंड के प्रखंड प्रमुख, धर्मेंद्र कुमार ने भी अति पिछड़ा समाज का समर्थन करते हुए भाग लिया. इस मौके पर नगर परिषद औरंगाबाद के वर्तमान तक चेयरमैन रह चुके उदय कुमार गुप्ता ने सभागार में संबोधित करते हुए कहा कि अभी यहां जितने भी लोग आए हुए हैं.
नगर निकाय चुनाव में सभी प्रत्याशी ही थे. सभी प्रत्याशी आरक्षण के आधार पर ही नगर परिषद / नगर पंचायत का चुनाव लड़ रहे थे. राजनीति में हम लोग अपने बल पर ही आए थे. हम लोगों को कोई विरासत में पद नहीं मिला है. 2007 में भी हम वार्ड पार्षद बने थे. तब हम उस वक्त भी चेयरमैन बनने के लिए प्रयास किए थे. लेकिन लोग पैसा पर तोड़ फोड़ कर के वार्ड पार्षद को तोड़ लिए थे. जेनरल लोग के पास सियासत बाज, पुश्तैनी बाज लोग हैं. हम लोगों में पैसा पर भी लोग बिकने में पीछे नहीं रहते हैं. कुछ लोग डर से भी हट गए थे.
इसलिए आरक्षण के बिना हम लोग चेयरमैन या उप चेयरमैन नहीं बन सकते हैं. आरक्षण के लिए रणनीति तैयार कीजिए. हम भी आंदोलन के साथ रहेंगे. वहीं नगर पंचायत, रफीगंज की उपाध्यक्ष पद प्रत्याशी बनी, रेखा देवी के प्रतिनिधि, पप्पू कुमार गुप्ता ने सभागार में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि छोटे लोग को खंड खंड में तोड़ दिया गया है. हम दो महीना पहले भी भाई से बात किए थे, कि अति पिछड़ा समाज का भी जिला में कम से कम एक प्लेटफार्म यानी कि एक भवन होना चाहिए. व्यवस्था गजब है. कुछ थोड़ी ही समय में लोगों का सोना हो जा रहा है. अंग्रेज के शासनकाल से भी बुरा समय आ जाएगा. अति पिछड़ा वर्ग के साथ साजिश किया जा रहा है. तिरंगा लहराना होगा. नगर पंचायत, रफीगंज में रेखा देवी अभी हमारा कैंडिडेट थी. हम लड़ाई में साथ है.
नगर पंचायत, रफीगंज में उपाध्यक्ष पद प्रत्याशी बनी रेखा देवी के प्रतिनिधि, पप्पू कुमार गुप्ता ने सभागार में संबोधित करते हुए कहा कि एक तो हम लोग अति पिछड़ा समाज के लोग ऐसे ही पहले से पिछड़े हुए हैं, और इस बार केन्द्र सरकार ने साजिश के तहत और पिछड़ा बनाने का काम किया.
इसके बाद नगर परिषद, औरंगाबाद के दो बार पूर्व में वार्ड पार्षद रह चुके एवं वर्तमान उपाध्यक्ष पद प्रत्याशी, राजीव रंजन उर्फ विनोद कुमार ठाकुर ने भी सभागार में संबोधित करते हुए कहा कि अति पिछड़ों के साथ भद्दा मजाक किया जा रहा है. इसे हम लोग भविष्य में नहीं भूलेंगे. नगर परिषद, औरंगाबाद के चेयरमैन प्रत्याशी, अजय कुमार शर्मा ने भी उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि अभी जो हाल में माननीय उच्च न्यायालय, पटना से निर्णय आया है. सुनियोजित साजिश है.
माननीय उच्च न्यायालय, पटना आदेश का अध्ययन करके जो भी हमको कुर्बानी देना होगा. हम तन, मन, धन से देंगे. वहीं कुटुंबा प्रखंड प्रमुख, धर्मेंद्र कुमार ने भी सभागार में संबोधित करते हुए कहा कि आर्थिक रूप से बहुत खर्चा करके भी लोग नगर परिषद / नगर पंचायत, चुनाव में बैठ गए. जो चुनाव स्थगित कर दिया गया.
दशाहरा के मौके पर कोर्ट बंद रहने के बावजूद भी केंद्र सरकार ने यहां हस्तक्षेप करके कोर्ट खुलवा कर निर्णय दिलवाया. इसलिए केंद्र सरकार के खिलाफ हम लोग आंदोलन करेंगे. 10 तारीख को गांधी मैदान से जन आक्रोश मार्च पैदल निकालकर समाहरणालय तक लाएंगे. इसके बाद संरक्षक मंडल के लोग जिला पदाधिकारी, औरंगाबाद को ज्ञापन सौंपेंगे.
ज्ञात हो कि इस बैठक में एक वक्ता ने सभागार में यह भी संबोधित करते हुए कहा कि चुनाव में 500, 1,000 रूपया में लोग वोट तो बेच देते हैं. वर्तमान जितने भी लोग चुनाव लड़ रहे हैं. रुपया में कोई भी प्रत्याशी छोटा बड़ा हो सकता है. लेकिन आरक्षण मामले में संघर्ष करने की जरूरत है. जन संघर्ष के माध्यम से ही लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं. आंदोलन ही माध्यम है. नहीं तो आरक्षण चला जाएगा. बहुत बड़ी साज़िश हो रही है.
नगर परिषद / नगर पंचायत चुनाव के मामले में इलेक्शन कमिशन को पटना हाई कोर्ट ऑर्डर देता है. इसलिए कोर्ट भी षडयंत्र में आ गया है. अभी तो नगर परिषद / नगर पंचायत, गया है. पंचायत भी चला जाएगा. हमारा लड़ाई न्यायालय से नहीं केंद्र में कानून बनाने वालो से लड़ना है. न्यायालय द्वारा जो भी निर्णय लिया गया है. जैसे भी हम लोगों के गार्जियन चलेंगे. हम भी चलने के लिए तैयार हैं.
पूर्व नगर परिषद / नगर पंचायत, चुनाव तक तो किसी भी वार्ड से जीते हुए वार्ड पार्षद ही वोटिंग करके बहुमत के आधार पर किसी को चेयरमैन या उप चेयरमैन बनाते थे. लेकिन इस बार बिहार में पहली बार पूरे नगर परिषद / नगर पंचायत क्षेत्र की जनता के माध्यम से सीधे चुनाव कराकर चेयरमैन / उप चेयरमैन बनाने की बात हुई. जो चुनाव रुक गया है. इस बार माननीय उच्च न्यायालय, पटना द्वारा जो आदेश आया है. उप चेयरमैन का ही पद नहीं, चेयरमैन का भी पद जा सकता है. इसलिए लड़ाई लड़ने के लिए रणनीति बनाना होगा.
एक वक्ता ने सभागार में संबोधित करते हुए कहा कि कल जब माननीय मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार के साथ गठबंधन में सुशील कुमार मोदी नगर विकास मंत्री थे, तो उस वक्त विरोध क्यों नहीं किए थे. ऐसे भी मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार होता है. उसी अधिकार के हिसाब से हम लोगों का चुनाव होना चाहिए, नहीं तो हम लोग आंदोलन करेंगे.
बिहार के माननीय मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार ने अति पिछड़ों को सम्मान देकर जोड़ा. लेकिन आज नीतीश कुमार, बीजेपी से अलग हट चुके हैं. हम पूछते हैं कि गुजरात में नगर निगम का चुनाव या बिहार में पंचायत चुनाव भी इसी आधार पर क्यों नहीं कराया गया? लेकिन यहां बिहार में तो माननीय, नीतीश कुमार, बीजेपी से अलग हो गए हैं.
इसके अलावे सभागार में उपस्थित लोगों के समक्ष एक वक्ता ने संबोधित करते हुए कहा कि यदि ट्रिपल टेस्ट ही करवाना था, तो फिर केन्द्र सरकार जातीय जनगणना से पीछे क्यों हट रही है? इसलिए जान लीजिए कि हम लोगों को सभी जगह पर आरक्षण छीनने की प्लानिंग है.
अंत में सभागार में उपस्थित सभी लोगों ने एक स्वर से कहा कि हम लोग केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलन करेंगे, और नारा लगाते हुए कहा कि जो बिहार में अति पिछड़ो को आरक्षण की बात करेगा, वही बिहार पर राज करेगा.
ध्यातव्य हो कि जब माननीय उच्च न्यायालय, पटना ने विगत 04 अक्टूबर 2022 को नगर परिषद / नगर पंचायत चुनाव मामले में सुनवाई के पश्चात तत्काल चुनाव पर रोक लगा दी थी . तब औरंगाबाद भाजपा जिलाध्यक्ष, मुकेश शर्मा की अध्यक्षता एवं औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र के भाजपा सांसद, सुशील कुमार सिंह के नेतृत्व में भी विगत गुरुवार दिनांक 06 अक्टूबर 2022 को गांधी मैदान से रमेश चौक तक रैली निकालकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पुतला दहन किया गया था, और औरंगाबाद के भाजपा सांसद, सुशील कुमार सिंह ने संबोधित करते हुए कहा था कि मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार बिहार के लोगों को ठग रहे हैं. वह नगर निकाय चुनाव में पिछड़े वर्ग को आरक्षण देने का मामला हो, या बिहार के जनादेश के साथ छलावा हो. बिहार में लोहार जाति को अनुसूचित जाति में शामिल कराने का मामला हो, और यह मामला जब सुप्रीम कोर्ट में चल रहा था. तब उस समय भी इनके द्वारा लापरवाही किया गया था.