डॉक्टर शंकर दयाल सिंह के मूर्ति अनावरण कार्यक्रम में भी मुख्यमंत्री का शरीक ना होना जिले वासियों का अपमान है : प्रमोद कुमार सिंह

Chief Minister's non-participation in the statue unveiling program of Dr Shankar Dayal Singh is an insult to the residents of the district: Pramod Kumar Singh

डॉक्टर शंकर दयाल सिंह के मूर्ति अनावरण कार्यक्रम में भी मुख्यमंत्री का शरीक ना होना जिले वासियों का अपमान है : प्रमोद कुमार सिंह
Pramod Kumar Singh ljp leader

अजय कुमार पाण्डेय:

औरंगाबाद: (बिहार) लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रदेश महासचिव, रफीगंज विधानसभा क्षेत्र के पूर्व लोजपा प्रत्याशी, समाजसेवी व वरीय नेता प्रमोद कुमार सिंह ने बिहार के मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार पर प्रहार करते हुए कहा है कि सोमवार दिनांक - 13 फरवरी 2023 को औरंगाबाद जिले में समाधान यात्रा के नाम पर मुख्यमंत्री पहुंचकर ही औरंगाबाद जिले का क्या समाधान किया.

बिहार के मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार समाधान यात्रा के नाम पर जहां भी जा रहे हैं. वहां उस जिले का समाधान हो या ना हो. इससे उनको कोई लेना-देना नहीं रह गया है. लेकिन हां इतना जरूर है कि मुख्यमंत्री चाहे जिस जिले में भी जा रहे हैं. वहां व्यवधान अवश्य खड़ा हो रहा है. बिहार के हर जिले में तो मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार का विरोधी ही हो रहा है. जो हमेशा मीडियाकर्मियों के माध्यम से हम लोगों के साथ साथ पूरे बिहार वासियों को भी सूचनाएं मिल रही है. जो अब किसी बिहार वासियों से भी छुपी हुई नहीं है.

लोजपा (रामविलास) के वरीय नेता, प्रमोद कुमार सिंह ने उपस्थित संवाददाता के समक्ष अपना पक्ष रखते हुए कहा कि 13 फरवरी  2023 को औरंगाबाद जिला अंतर्गत बारुण थाना क्षेत्र के पंचायत - सरकार भवन, कंचनपुर पहुंचकर तथा समाहरणालय स्थित योजना भवन सभागार में मात्र 35 मिनट समीक्षा बैठक के नाम पर बैठक करके ही औरंगाबाद जिले के लिए बिहार के मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार ने क्या समाधान कर दिया. जो मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार ने 17 वर्षो में भी बिहार का समाधान नहीं किया. वो अब औरंगाबाद जिले के लिए या किसी भी जिले के लिए क्या समाधान करेंगे. औरंगाबाद जिला में मेडिकल कॉलेज की मांग काफी दिनों से उठ रही है.

इसके बावजूद भी आज तक मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार मेडिकल कॉलेज नहीं दे पाए. जो अत्यंत जरूरी है. इसे मुख्यमंत्री का समाधान यात्रा नहीं. बल्कि व्यवधान यात्रा ही कहे तो बेहतर होगा. तब लोजपा (रामविलास) के वरीय नेता, प्रमोद कुमार सिंह से संवाददाता ने सवाल पूछा कि योजना भवन सभागार में जब मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार का समीक्षा बैठक समाप्त हो गया था.

तब योजना भवन सभागार से बाहर निकलने के बाद उपस्थित मीडिया कर्मियों ने कुटुंबा विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस विधायक, राजेश राम से सवाल पूछा था कि औरंगाबाद के भाजपा सांसद, सुशील कुमार सिंह जब अपने आवास पर कार्यक्रम से एक ही दिन पूर्व बिहार - सरकार के पूर्व मंत्री, व गया शहर से 09 बार विधायक बने डॉक्टर प्रेम कुमार के साथ प्रेस कॉफ्रेंस का आयोजन किया था. तब भाजपा सांसद, सुशील कुमार सिंह ने भी उपस्थित मीडिया कर्मियों द्वारा मुख्यमंत्री के आगमन से संबंधित मुद्दों पर पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए कहा था कि मात्र 35 मिनट के अंदर बिहार के मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार योजना भवन सभागार औरंगाबाद में क्या समीक्षा बैठक कर लेंगे. 10 - 15 मिनट तो कम से कम एक दूसरे के परिचय लेने देने में ही चला जाता है.

इसके बाद मात्र 20 मिनट का समय बचा. इसलिए यह मुख्यमंत्री द्वारा सिर्फ कोरम पूरा करने की ही बात है. यदि वास्तव में मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार को औरंगाबाद जिले के लिए समीक्षा ही करनी है. तो एक दिन का पूरा समय दें.इसलिए आप इस मुद्दे पर क्या कहना चाहेंगे. तब कुटुंबा विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस विधायक, राजेश राम ने उपस्थित मीडिया कर्मियों को पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए कहा था. कि 35 मिनट तो बहुत है. किसी भी काम को करने के लिए 10 मिनट का भी समय बहुत काफी है. इसलिए विरोधी तो माननीय मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार पर सवाल ही उठाएंगे ना. नहीं तो विरोधी पब्लिक के बीच में क्या मुद्दा लेकर जाएंगे. इसीलिए हम लोग आपसे भी राय जानना चाहते हैं कि आपका क्या सोच है. तब लोजपा (रामविलास) के वरीय नेता, प्रमोद कुमार सिंह ने उपस्थित मीडिया कर्मियों को पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए कहा कि सत्ता पक्ष के लोग तो यही कहेंगे ना. लेकिन कोई भी व्यक्ति सच बात को कितना छिपा पायेगा.

यह हकीकत है कि बिहार के मुख्यमंत्री से जो काम 17 वर्षों में नहीं हुआ. वह मात्र 35 मिनट की समीक्षा बैठक में ही औरंगाबाद जिले का क्या समीक्षा कर लेंगे. संभव नहीं है. इसके बाद लोजपा (रामविलास) के वरीय नेता, प्रमोद कुमार सिंह ने उपस्थित मीडिया कर्मियों के समक्ष बातचीत के क्रम में ही कहा कि बिहार में मात्र अब एक ही नेता बचे हुए हैं. जिन पर पूरे बिहार की जनता विश्वास कर रही है.

जो मेरे पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह जमुई सांसद, माननीय चिराग पासवान हैं. जिनका वास्तव में बिहार को तरक्की के रास्ते पर ले जाने की सोच भी है. फिर लोजपा (रामविलास) के वरीय नेता, प्रमोद कुमार सिंह ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार अब सिर्फ कुर्सी नेता के नाम से ही जाने जाते हैं. जो हम ही नहीं. बल्कि पूरे बिहार वासी भी कहने लगे हैं. इसलिए अब बिहार की जनता को भी मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार से मोहभंग हो चुका है. इसलिए आने वाले दिनों में बिहार की जनता भी सिर्फ समय का ही इंतजार कर रही है, और मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार को करारा जवाब भी देगी.

अंत में लोजपा (रामविलास) के वरीय नेता, प्रमोद कुमार सिंह ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार सामंतवादी सोच के हैं. जो सबको पता है. यही वजह है कि   समाधान यात्रा के नाम पर जब बिहार के मुख्यमंत्री औरंगाबाद पहुंचे. तब भी बिहार विधान परिषद, शिक्षाविद व राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त करने वाले डॉक्टर शंकर दयाल सिंह के आदमकद मूर्ति एवं स्मृति परिसर अनावरण कार्यक्रम में भी भाग लेना मुनासिब नहीं समझे. और इसी रास्ते से अपने वाहन में सवार होकर चलते भी बने. जो पूरे औरंगाबाद जिले वासियों के लिए भी अपमान की ही बात है.

इसके अलावे बिहार के मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार ने दानी बिगहा स्थित रूरल हाट का भी उद्घाटन नहीं किया. जबकि मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार को ही उद्घाटन करना था. आखिर क्या वजह थी कि मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार ने रूरल हाट का भी उद्घाटन नहीं किया. इसलिए ऐसे कई सवाल है. जो औरंगाबाद जिले वासियों के जेहन में भी कौघ रही है.