आस्था और सूर्य उपासना के महापर्व छठ पूजा की धूम, व्रतियों ने डूबते सूर्य को अर्पित की पूजा
Chhath Puja, the festival of faith and sun worship, celebrated with fervour, devotees offered worship to the setting sun
गया (बिहार): मगध क्षेत्र के औरंगाबाद, गया, जहानाबाद, नवादा, अरवल और आसपास के ग्रामीण इलाकों में आज आस्था और सूर्य उपासना का महापर्व छठ पूजा धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर छठ व्रतियों ने डूबते सूर्य को अपनी श्रद्धा अर्पित करते हुए पूजा अर्चना की। बिहार के औरंगाबाद स्थित देव नगरी और अन्य ग्रामीण इलाकों में भी व्रतियों ने सूर्य देव की पूजा की।
आयोजन के दौरान, औरंगाबाद के प्रेस क्लब के पत्रकारों ने व्रतियों के बीच फल और फूल वितरित किए, जिससे इस पवित्र पर्व की भावना को और भी बढ़ावा मिला।
प्रशासन का सहयोग और सुरक्षा इंतजाम
इस दौरान जिला प्रशासन और पुलिस ने भी व्रतियों और श्रद्धालुओं को हर संभव मदद प्रदान की। प्रशासन द्वारा श्रद्धालुओं को उपयोगी जानकारियां दी गई, जिससे उन्हें राहत मिली। वहीं, औरंगाबाद के सूर्य मंदिर के पास भक्तों ने डूबते सूर्य की पूजा अर्चना की। कई स्थानों पर विद्वान पंडितों द्वारा मंत्रोच्चारण कर पूजा कराई गई।
गया के प्रसिद्ध फल्गु नदी और अन्य तालाबों में भी श्रद्धालुओं ने सूर्य देव की पूजा की। टिकारी में छठ व्रतियों ने पंचदेवता घाट पर पूजा अर्चना की। सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस बल और प्रशासनिक अधिकारी चौक-चौराहों पर तैनात थे।
शांति और सद्भाव की अपील
प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे इस पवित्र पर्व के दौरान शांति बनाए रखें और प्रशासन का सहयोग करें। जहानाबाद के ठाकुरबाड़ी स्थित नदी तट पर भी व्रतियों ने डूबते सूर्य की पूजा अर्चना की।
आस्था और पवित्रता की भावना
व्रतियों ने कहा कि छठ पूजा का उद्देश्य भगवान सूर्य देव और छठी मैया से सुख, शांति, समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य की प्राप्ति है। इस दौरान श्रद्धालुओं ने घाटों और सड़कों को स्वच्छ रखा, ताकि इस पर्व की पवित्रता बनी रहे।
कई स्थानों पर भगवान भास्कर की प्रतिमा स्थापित की गई, जहां श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना की। शहर के प्रमुख चौक-चौराहों पर व्रतियों की मदद के लिए फल स्टॉल लगाए गए, जो आकर्षण का केंद्र बने। साथ ही, रंग-बिरंगे बल्ब और कागजों से सजावट की गई, जिससे वातावरण और भी रंगीन हो गया।
स्वर्गीय शारदा सिन्हा को श्रद्धांजलि
इस अवसर पर स्वर्गीय शारदा सिन्हा की तस्वीर भी कई स्थानों पर लगाई गई, जहां श्रद्धालुओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। शारदा सिन्हा के गीतों के माध्यम से छठी मैया के प्रति श्रद्धा का संदेश आज भी लोगों के दिलों में गूंजता है।
इस महापर्व में बड़ी संख्या में पुरुष, महिलाएं और बच्चे भागीदारी करते हुए दिखे, जिन्होंने अपनी आस्था और समर्पण के साथ सूर्य देव की पूजा की।
-- विश्वनाथ आनंद