बाबा साहेब की संविधान को बदलकर मनू का संविधान लागू करना चाहती है मोदी सरकार - डॉक्टर सुरेश पासवान
केंद्र सरकार संविधान के अस्तित्व को समाप्त करने पर तुली हुई है. अगर संविधान का अस्तित्व समाप्त हो गया, तो आने वाले समय में सभी का भविष्य अंधकारमय हो जाएगा.
अजय कुमार पाण्डेय:
औरंगाबाद: ( बिहार ) राष्ट्रीय जनता दल कुटुंबा प्रखंड द्वारा प्रखंड स्तरीय अंबेडकर परिचर्चा का आयोजन किया गया, जिसका उद्घाटन विहार - सरकार के पूर्व मंत्री एवं राष्ट्रीय जनता दल प्रदेश उपाध्यक्ष, डॉक्टर सुरेश पासवान द्वारा किया गया. इस परिचर्चा में प्रदेश महासचिव, कौलेश्वर प्रसाद यादव , जिलाध्यक्ष, अमरेंद्र कुशवाहा, दिवाकर चंद्रवंशी बतौर वक्ता के रूप में शामिल हुए.
सम्पूर्ण कार्यक्रम की अध्यक्षता सत्यनारायण शर्मा एवं मंच संचालन नंदकुमार सिंह यादव ने की. परिचर्चा के दौरान बिहार सरकार के पूर्व मंत्री डॉक्टर सुरेश पासवान ने कहा कि केंद्र सरकार संविधान के अस्तित्व को समाप्त करने पर तुली हुई है. अगर संविधान का अस्तित्व समाप्त हो गया, तो आने वाले समय में सभी का भविष्य अंधकारमय हो जाएगा.
देश फिर से गुलामी की ओर अग्रसर हो जाएगा. बिहार सरकार के पूर्व मंत्री व राजद प्रदेश उपाध्यक्ष, डॉक्टर सुरेश पासवान ने कार्यकर्ताओं से आह्वान करते हुए सजग रहने हेतु कहा, और संगठन को गांव स्तर पर मजबूत कर आने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा को करारा जबाब देने को तैयार रहने को भी कहा है. पूर्व मंत्री डॉक्टर सुरेश पासवान ने कहा कि बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर जी के दर्शन एवं उनके संघर्षों को लेकर समाज के अंतिम व्यक्ति तक अंबेडकर परिचर्चा के माध्यम से पहुंचने की जरूरत है, ताकि अंबेडकरवादी और समाजवादी लोग मिलकर संविधान, लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता को बचाने में कामयाब हो सके. आज भी 75%लोग संविधान के बारे में नहीं जानते कि उनको क्या - क्या अधिकार दिया गया है. इसलिए खासकर दलित / महादलित, शोषित / पीड़ित, मजदूर / किसान एवं महिलाओं को संविधान की एक एक प्रति भेंट स्वरूप दें, ताकि वे संविधान को पढ़ सकें.
केंद्र की सरकार आपसी लोकतंत्र, इन्सानियत, प्रेम, भाईचारा आपसी सद्भाव को तहस - नहस कर दिया है. धर्म को सियासत का सीढ़ी बनाकर समाज के अंदर नफ़रत का माहौल बनाया जा रहा है, ताकि धुर्वीकरण के बदौलत सता में बने रहें. महंगाई, बेरोजगारी पर कोई बात नहीं हो रही है. आम आदमी को महंगाई की मार से जीना मुश्किल हो गया है. पढ़ें - लिखे इंजीनियर, डाक्टर, ग्रेजुएट, पी0एच0डी0 डिग्री धारी रोजगार की तलाश में भटक रहे हैं. इस परिचर्चा में प्रोफेसर अरूण कुमार सिंह, मंजीत यादव, मुखिया जगनारायण यादव, यासिन अंसारी, जसमूदीन अंसारी, सुर्यमल यादव, अरूण पासवान, गौरव पासवान, बाबूलाल यादव, उपेंद्र यादव, सुर्यदेव राम, राम प्रवेश दास, लखन भुइंया, नरेंद्र मेहता, बबन चंद्रवंशी, अमित कुमार, सरयु प्रजापति सहित सभी 20 पंचायत के पंचायत अध्यक्ष सहित सैकड़ों लोगों ने परिचर्चा में भाग लिया.