जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने संयुक्त रूप से किया विधिक जागरूकता रथ को रवाना
अजय कुमार पाण्डेय :
औरंगाबाद: (बिहार) व्यवहार न्यायालय परिसर, औरंगाबाद में आगामी 12 नवंबर 2022 को लगने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत को लेकर औरंगाबाद के माननीय, जिला एवं सत्र न्यायाधीश, रजनीश कुमार श्रीवास्तव ने अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार सचिव, प्रणव शंकर, दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक के अग्रणी बैंक प्रबंधक, उपेंद्र चतुर्वेदी तथा क्षेत्रीय प्रबंधक के साथ संयुक्त रूप से हरी झंडी दिखाकर विधिक जागरूकता रथ को रवाना किया. रथ रवाना करते समय मीडिया प्रभारी अधिवक्ता, सतीश कुमार स्नेही के साथ अन्य लोग भी मौजूद रहे.
इस अवसर पर उपस्थित मीडिया कर्मियों ने जब माननीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश, रजनीश कुमार श्रीवास्तव से सवाल पूछा, तो पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए कहा कि दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक की तरफ से मैक्सिमम लोगों को बहुत जगह नोटिस नहीं पहुंच पा रहा है, लोक अदालत का. इसलिए लोगों को पहुंचे घर घर तक, कि 12 नवंबर 2022 को यहां सिविल कोर्ट प्रांगण में राष्ट्रीय लोक अदालत लगाया जा रहा है. मैक्सिमम लोग आकर बैंक से संबंधित जितना भी वाद है. अन्य विवाद है. बात विवाद है. सबका निपटारा यहां हो जाए, और इस सब के माध्यम से लोग सुनेंगे. उसमें स्पीकर लगा है. लोगों को जानकारी हो जाएगी, और जागरूकता होगी, और 12 नवंबर 2022 को हम उम्मीद करते हैं कि मैक्सिमम हमारे यहां डिस्पोजल होगा, और ज्यादा से ज्यादा लोग आएंगे.
इसके बाद दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक के पदाधिकारी ने उपस्थित मीडिया कर्मियों को जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत को लेकर पहल की गई है. चुकी लोक अदालत ने सिर्फ बैंक नहीं, और सभी आयामों का और बहुत सारी चीजों का निपटारा होता है, तो हम लोगों ने प्रचार रथ माननीय, डिस्ट्रिक्ट जज महोदय के सलाह अनुसार इसको हम लोगों ने यहां से रथ की रवानगी की हैं. ये पूरे एरिया में प्रचार प्रसार, लोगों को जागरूक करेगा, और कोरोना आदि किसी भी कारण से हमारे जो ऋणी ऋणकर्ता है. अगर किसी कारण से वो ऋण अदा नहीं कर पाए, और उनका ऋण एन0पी0ए0 हो गया है, तो एक सम्मानजनक समझौता हो, ताकि वो आकर समझौता करें.
बैंक के नियमानुसार छूट भी दी जाएगी, और सम्मानजनक समझौता करके वे सम्मानजनक अपनी जिंदगी जिएं, और ऋण से मुक्ति. यही हम लोगों का उद्देश्य है. इसके बाद जब उपस्थित मीडिया कर्मियों ने बैंक पदाधिकारी से ग्रामीण लोगों की जागरूकता के संबंध में सवाल पूछा, तो पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए कहा कि ग्रामीण लोगों को नोटिस जाता है, तब सम टाइम्स तो ये समझते हैं कि नॉर्मल नोटिस है, तो इसका क्या है, तो इसको ये जागरूक करेगा. इसमें हम लोगों ने ऑडियो क्लिप भी डाला है. सारे गांव में गांव गांव में घूम घूम कर लोगों को जागरूक करेगा, की ये लोक अदालत का एक अलग व्यवस्था है, और जेनरल नोटिस जो हम लोग भेजते हैं मांग पत्र . वह एक अलग व्यवस्था है.
अंत में इसी बात की जानकारी रिटेनर अधिवक्ता, अभिनंदन कुमार ने भी प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दी.