क्या धीरेन्द्र शास्त्री शैतानी काम करता है? 

तुम्हें तुम्हारा धर्म मुबारक, मुझे मेरा धर्म. नफरत, हिंसा, ख़ून ख़राबा, अशांति और घृणा सिर्फ एक शैतान ही कर सकता है. इंसान बनो, शैतान नहीं. क्या धीरेन्द्र शास्त्री शैतानी काम करता है? यह जांच का विषय है यह हमारा काम नही है.

क्या धीरेन्द्र शास्त्री शैतानी काम करता है? 

प्रिय पाठको,

आजकल एक और समाचार की बहुत चर्चा हो रही है जिधर देखो बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेन्द्र शास्त्री. सभी टीवी चैनलों पर उनके बयानों को लेकर चर्चा हो रही है. सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियां हो रही है. हर कोई बाबा धीरेन्द्र शास्त्री के बारे में जानना चाहता है कि वह दरअसल क्या चीज है.

जहां तक हमें समाचारों से मालूम हुआ है कि बाबा घीरेन्द्र शास्त्री का जन्म 4 जुलाई 1996 को मध्य प्रदेश के छतरपुर स्थित गांव गढ़ा में हुआ. इनके पिता रामकृपाल गर्ग, मां सरोज शास्त्री, भाई का नाम शालिग्राम गर्ग है. जहां तक पढ़ाई का सवाल है इनकी प्रारंभिक शिक्षा, हाई स्कूल, हायर सेकेंडरी शिक्षा गांव में हुई. बीए की डिग्री भी पास में है.

अब सोचने वाली बात यह है कि इनके अंदर कथा वाचक के गुण आए कहां से जबकि इनकी मां दूध बेचती थी, पिता लोगों को सत्यनारायण की कथा सुनाते थे. यह कहा जा रहा है कि बाबा धीरेन्द्र शास्त्री अपने दादा को इसका श्रेय देते हैं. शास्त्री नौ साल की उम्र से ही अपने दादा के साथ दरबार में शामिल होते थे.

बाबा धीरेन्द्र शास्त्री पर जब अंधविश्वास फैलाने का आरोप लगा तो उन्हांेने यह कहा कि मैं कभी यह नहीं कह रहा हूं कि मैं भगवान हूं और संविधान के अनुच्छेद 25 का हवाला देते हुए कहा कि उन्हें धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार प्राप्त हैं. बिल्कुल सही है.

दरअसल बाबा धीरेन्द्र शास्त्री 18 जनवरी से विवादों में तब आये जब उन्होंने धर्मान्तरण को लेकर विवादित बयान दिया. ईसाई और मुस्लिम धर्मगुरूओं पर धर्मान्तरण कराने का आरोप लगाया. आॅल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी ने कहा कि धीरेन्द्र शास्त्री भारत में नफरत फैला रहे हैं. धीरेन्द्र शास्त्री ने भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने के लिए साथ मांगा है. धीरेन्द्र बाबा कहते हैं कि हम बहुत से टोपी वालों का धर्म बदल देंगे. फिलहाल धीरेन्द्र शास्त्री को लेकर धर्मयुद्ध चल रहा है और उत्तराखंड की यात्रा पर हैं. कहा जा रहा है कि यहां संतों का आशीर्वाद लेने और यज्ञ के लिए आमंत्रण देकर वापस मध्य प्रदेश बागेश्वर धाम आने का है. इनका यज्ञ का मिशन सनातन और हिन्दू राष्ट्र है. अब सवाल यह उठता है कि क्या यह जो हो रहा है वह सही है इसी बात को लेकर पूरे देश में बहस और विवाद बढ़ रहा है.

जहां तक हमारी राय और सोच है वह यह कहती है कि जो संभव ही नही है उसके लिए पूरे देश को नफरत की आग में डालना कहा तक उचित है. अगर धर्म का प्रचार करना है जरूर हो. यह संविधान ने सबको अधिकार दे रखा है. आज भाईचारा, सदभावना, एकता के लिए काम होना चाहिए था मगर हमारी मीडिया और सरकार नाकारा हो गई है जो यह फर्क नही कर पा रही है कि क्या उचित है क्या अनुचित. क्या देश के लिए उचित है क्या उचित नहीं?

धर्म को लेकर कोई भी आचार्य, प्राचार्य, धर्मगुरू, आलिम दूसरे धर्म के बारे में अपशब्द नही कह सकता और यह उचित भी नही है. हरेक को अपने धर्म पर चलने का अधिकार है. हां अगर कोई दूसरा धर्म की अच्छाई को पसन्द करता है और दूसरा धर्म अपनाना चाहता है तो उसे पूरी छूट और संरक्षण मिलना चाहिए.

हमें किसने अधिकार दिया, हम क्यूं दूसरों की जिन्दगी में दखल देते हैं? मैं गांरटी देता हूं मैं और मेरा धर्म तुम्हें कभी नुकसान नहीं देगा तो फिर क्यूं अपनी गंदी सोच को नहीं बदलते. फिर क्यूं रोटियां सेकने का काम करते हो. तुम्हें तुम्हारा धर्म मुबारक, मुझे मेरा धर्म. नफरत, हिंसा, ख़ून ख़राबा, अशांति और घृणा सिर्फ एक शैतान ही कर सकता है. इंसान बनो, शैतान नहीं. क्या धीरेन्द्र शास्त्री शैतानी काम करता है? यह जांच का विषय है यह हमारा काम नही है.

धन्यवाद!

-मोहम्मद इस्माइल, एडीटर