राव IAS स्टडी सर्किल में हुई घटना दिल्ली के लिए बड़ी चेतावनी की तरफ इशारा
देश की राजधानी होने के कारण देश के हर कोने से यहां कैरियर और रोजगार के लिए लोग आते हैं और यहां मिलता है उन्हें कष्ट, परेशानी, गंदगी, बीमारी, उल्झनों से लड़ने का सही अवसर.
नई दिल्ली, 29 जुलाई 2024: शनिवार 27 जुलाई 2024 की देर शाम देश की राजधानी दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर इलाके में एक नामी गिरामी कोचिंग सेंटर राव आईएएस स्टडी सर्कल में के बेसमेंट में अचानक से बारिस का रूका पानी घुस गया और बड़ा हादसा हो गया जिसमें तीन बेकसूर बच्चों की जान चली गयी. अब इस घटना को लेकर शासन और प्रशासन के अन्दर हलचल मची है.
इतनी बड़ी घटना क्यूं और कैसे हुई?
राव IAS स्टडी सर्किल में हुई यह घटना बड़ी चेतावनी है. पूरी दिल्ली अवैध निर्माण के कारण खोखली है. प्रशासन के लोग, नेता गण चाहे मेयर, विधायक, एमपी एक्स वाई जेड़ कोई भी हो खाना पूर्ति या लेपा पोथी के लिए हैं. इतना भ्रष्टाचार है कि अब कह सकते हैं कि राम के भरोषे है दिल्ली. पूरी दिल्ली में बेसमेंटों के अंदर दुकानें और ऑफिस बगैरा चल रहे हैं जिन्हें हम हादसों की जगह नही समझ रहें हैं. मेरी राय तो यह है कि निचले इलाकों में जितने भी बेसमेंट हैं सबके अंदर मिट्टी डाल कर बंद कर देना चाहिए.
लोगों का क्या कहना है:
लोगों का कहना है कि यहां चारो तरफ से पानी आकर जमा होता है और यहां हल्की वारिस में भी पानी जमा हो जाता है. बताया जा रहा है कि इस कोचिंग सेंटर में पहले भी पानी गया था. छात्रों ने पहले भी इसकी शिकायत की थी.
युवा श्रेया यादव, नेविन डालविन और तान्या सोनी IAS ऑफिसर बनने के लिए दिल्ली आए थे. पॉलिथीन में पैक हुई लाश बनकर वापस घर जा रही हैं. दिल्ली में बहुत ही बदतर ड्रेनेज सिस्टम है.
एक ट्वीटर ने अपने कमेंट में लिखा है “मोन पड़े शब्दों अब, कुछ कहने वाली आजादी; शांति पूर्ण अपने घर, एक रहने वाली आजादी; क्या उन शहीदों ने तुमको दी, हदपार वाली आजादी; ऐसी दिखती है जब, भ्रष्टाचार वाली आजादी.”
एक दूसरे ट्वीटर ने लिखा है कि “कोई भी इस घटना के लिए दोषी को नही देख रहा है. जिला प्रशासन, कोचिंग सेंटर मालिक, MCD और NCT सरकार के साथ-साथ मेयर भी इसके लिए ज़िम्मेदार हैं.”
छात्र सवाल कर रहे हैं कि दिल्ली में UPSC छात्रों की मौत पर विकास दिव्यकीर्ति और अवध ओझा चुप क्यों हैं?
एक और ट्वीटर ने कहा कि “मैंने कई दफा कंप्लेन किया, बेसमेंट में गलत तरह से कोचिंग चल रही है लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया. किशोर सिंह कुशवाह नाम के व्यक्ति ने RAU IAS कोचिंग द्वारा बेसमेंट का कमर्शियल उपयोग करने के खिलाफ 26 जून को कंप्लेन की थी.
एक और ट्वीटर ने लिखा कि “बेसमेंट हर शहर में है ये कभी सेफ नहीं है जब रोड पर पानी भरा हो तो बेसमेंट की सुरक्षा क्या, इतनी घनी बस्तियां, बाजार हो गये है पानी जाए कहां शहर तो डूबेंगे ही. इस तरफ इंसान और प्रशासन का बिल्कुल ध्यान नहीं है. बेतहाशा शहरीकरण बर्बादी का कारण ही बनेगा.”
एक और ट्वीटर ने लिखा कि “कोचिंग और उसके तथाकथित महान दिखने वाले शिक्षकों के लिए आप बच्चे नहीं हैं, आप उनके लिए सिर्फ एक ग्राहक हैं. आप लोगों ने ऐसे शिक्षकों को इतना चढ़ा दिया है वो फालतू के मोटिवेशन की दुकान खोल सबको ज्ञान देने लगते हैं.”
गंदा है पर धंधा है और जो कानून है वो अंधा है, न्यायिक प्रणाली का सिस्टम उलझा है क्योकि युवा बेरोजगारी की मार मे झुलसा है.
अंत में यह कहा जा सकता है जो सभी दिल्लीवासी जानते हैं और जिन्होंने दिल्ली में अपनी जवानी, अपनी जिन्दगी दी है कि यहां क्या अच्छा है. वह ढूंढ़ने की चीज है. देश की राजधानी होने के कारण देश के हर कोने से यहां कैरियर और रोजगार के लिए लोग आते हैं और यहां मिलता है उन्हें कष्ट, परेशानी, गंदगी, बीमारी, उल्झनों से लड़ने का सही अवसर.
आशा कम ही है कि दिल्ली की कभी काया पलट होगी, सड़कों का नवीनीकरण दिल्ली को बीमारियों और हादसों से नहीं बचा सकता. इसके लिए प्रशासन के साथ-साथ यहां के प्रोपर्टी मालिक हैं जो दिल्ली की तुलना दुबई से करते है. मैं संजय गांधी का नाम इस लिए ले रहा हूं कि उन्होंने दिल्ली को साफ सुथरा रखने लिए जो काम किया था उसके लिए उन्हें आज भी याद किया जाता है मगर अब ऐसा नेता कोई नज़र नही आता जो ईमानदारी से दिल्ली और देश के भविष्य के लिए बढि़या प्लान बनाए.
-मोहम्मद इस्माइल, संपादक