चंडीगढ़ मेयर चुनाव में धांधली पर कोर्ट का इतिहासिक फैसला
प्रिय पाठको, चुनाव अधिकारी अनिल मसीह ने भारत के संविधान और भारत की न्याय पालिका को जो ठेंगा दिखाने का काम किया है वह भारत के इतिहास में हमेशा याद रखा जाऐगा। जब अनिल मसीह कांग्रेस और आम आदमी पार्टी गठबंधन के 8 वोट इनवैलिड कर रहे थे तब भारत की जनता ने पहली ही नज़र में अनिल मसीह की इस घटना को अनैतिक और गैरकानूनी समझ लिया था। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी गठबंधन ने इस घटना का पूरजोर विरोध किया था। फिर सुप्रीम कोर्ट ने इस घटना का संज्ञान लिया और चुनाव अधिकारी की इस वारदात के लिए मतपत्रों से छेड़छाड़ करने का दोषी करार दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नियमों के मुताबिक, वोटिंग के वक्त हर मेंबर को बैलट पेपर के दाहिनी ओर उस कैंडिडेट के सामने क्रॉस का निशान लगाना था, जिसे वो मेयर चुनना चाहते हैं। पूरा मामला 8 बैलट पेपर्स का है, जिन्हें अवैध करार दिया गया। इन सभी 8 बैलट में आम आदमी पार्टी के कैंडिडेट का नाम ऊपरी हिस्से में और भाजपा कैंडिडेट का नाम नीचे था।
कोर्ट में लगातार झूठ बोला
जांच के बाद पता चला कि इन बैलट पेपर्स में आम आदमी पार्टी कैंडिडेट के पक्ष में वोट दिया गया था। चुनाव अधिकारी मसीह ने इन पर स्याही से निशान लगाया। चुनाव अधिकारी ने जानबूझकर 8 बैलट पेपर को खराब करने का काम किया। कोई भी बैलट पेपर खराब नहीं था। अपनी हरकत से अनिल मसीह ने मेयर इलेक्शन के नतीजों को बदला है। उन्होंने कोर्ट में लगातार झूठ बोला, जिसके लिए वो जिम्मेदार हैं।
मामला क्या है?
आप की जानकारी के लिए बता दें कि 30 जनवरी को चंडीगढ़ में मेयर का चुनाव हुआ था। इस चुनाव में पहली बार कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने मिलकर चुनाव लड़ा था। मेयर के इस चुनाव में एक सांसद और 35 पार्षदों ने वोटिंग किया। भाजपा के लिए बीजेपी के 14 पार्षद, चंडीगढ़ से बीजेपी की सांसद किरण खेर का एक वोट और अकाली दल का एक वोट शामिल था। वहीं आम आदमी पार्टी के 13 पार्षद और कांग्रेस के 7 पार्षदों ने वोटिंग किया। इस तरह कांग्रेस और आम आदमी पार्टी गठबंधन के 20 और भाजपा अकाली गठबंधन के 16 हुए। इस तरह आम आदमी पार्टी गठबंधन की जीत होनी चाहिए था मगर इस चुनाव अधिकारी अनिल मसीह ने कांग्रेस और आम आदमी पार्टी गठबंधन के 8 वोट इनवैलिड करार दे दिए थे और भाजपा के मेयर को चुनाव जीता दिया गया। इस पर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने आरोप लगाया की मसीह ने इन वोटों पर गलत नियत से निशान लगाकर इनवैलिड किया है।
सुप्रीम कोर्ट ने अनिल मसीह पर मत पत्रों से छेड़छाड़ करने का दोषी पाया है और आरोप लगाया कि अधिकारी ने जान बूझकर आठ मतपत्रों को खराब करने का प्रयास किया ताकि भाजपा के उम्मीदवार को शहर का मेयर चुना जा सके।
कोर्ट ने अनिल मसीह पर अदालत की अवमानना का कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। कोर्ट ने तीन सप्ताह के भीतर पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में जवाब दाखिल करने निर्देश किया है।
चंडीगढ़ मेयर चुनाव में धांधली को लेकर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 20 फरवरी को आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के कैंडिडेट कुलदीप कुमार को चंडीगढ़ का मेयर घोषित किया था। इसे लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार 21 फरवरी को विधानसभा में कहा ऐसा लग रहा था जैसे सुप्रीम कोर्ट में भगवान कृष्ण मौजूद हैं और वे चीफ जस्टिस के जरिए फैसला सुना रहे हैं।
केजरीवाल ने कहा
केजरीवाल ने कहा कि यह भगवान कृष्ण ही थे जिन्होंने भाजपा का असली चेहरा सबके सामने लाया। उन्होंने दावा किया कि चंडीगढ़ मेयर चुनाव पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला देश में बढ़ती तानाशाही के लिए एक कड़ा संदेश है।
केजरीवाल ने कहा- चंडीगढ़ में जैसी धांधली हुई है, वैसी ही पाकिस्तान में भी हुई थी। भाजपा ने हमारे देश को पाकिस्तान बना दिया है। इसके अलावा उन्होंने भगवद्गीता का जिक्र करते हुए कहा- राम, कृष्ण, शिव-पार्वती सभी भगवानों के भक्त हमारे देश के साथ हैं। भाजपा का अधर्म जल्द ही खत्म होगा और देश में धर्म कायम होगा।
प्रजातंत्र पर सवालिया निशान
हम अंत में माजूदा हालत को देखते हुए यह कह सकते हैं जब पार्षदों के साथ यह हो सकता है वह भी खुलेआम तो फिर देश के प्रजातंत्र पर सवालिया निशान लगना तय है। जो सरकारें बन रही है वे सब शक के दायरे में हैं। सब चुनावों में धांधली से नेता चुनकर आ रहे हैं और जनता के साथ वोट के नाम पर मजाक हो रहा है। धन्यवाद,
-एडीटर, मोहम्मद इस्माइल