हरदोई, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में हाल ही में एक घटना ने पूरे देश का ध्यान खींचा, जब एक युवती, अरीबा खान, ने बिलग्राम क्षेत्र के एक CNG पंप पर कर्मचारी रजनीश कुमार के सीने पर अपने पिता की लाइसेंसी रिवॉल्वर तान दी। यह घटना 15 जून 2025 को हुई, जब CNG भरवाने के दौरान सुरक्षा नियमों को लेकर हुए विवाद ने हिंसक रूप ले लिया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद व्यापक चर्चा हुई, और अब एक नया मोड़ तब आया जब ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) उत्तर प्रदेश इकाई ने अरीबा खान को सम्मानित करने का फैसला किया। इस कदम ने न केवल विवाद को और हवा दी है, बल्कि इसे राजनीतिक रंग भी दे दिया है।

घटना की शुरुआत तब हुई जब अरीबा अपने पिता एहसान खान और मां हुस्नबानो के साथ बिलग्राम के संडी रोड पर स्थित एक HP CNG पंप पर पहुंची थी। पंप कर्मचारी रजनीश कुमार ने सुरक्षा प्रोटोकॉल के तहत परिवार को गाड़ी से उतरने को कहा, जो कि CNG भरवाने के दौरान अनिवार्य है। परिवार ने इस अनुरोध को नजरअंदाज कर दिया, जिसके बाद बहस शुरू हो गई। बहस इतनी बढ़ गई कि अरीबा ने अपने पिता की रिवॉल्वर निकालकर कर्मचारी के सीने पर तान दी और कथित तौर पर धमकी दी, “इतनी गोलियां मारूंगी कि परिवार वाले पहचान नहीं पाएंगे।” इस घटना का CCTV फुटेज वायरल होने के बाद पुलिस ने अरीबा, उनके पिता और मां के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (BNS) की धारा 115(2), 352, 351(3) और आर्म्स एक्ट की धारा 30 के तहत मामला दर्ज किया। पुलिस ने रिवॉल्वर और 25 जिंदा कारतूस भी जब्त किए।
अरीबा ने बाद में एक साक्षात्कार में दावा किया कि कर्मचारी ने उनके पिता, जो एक वरिष्ठ नागरिक हैं, के साथ बदतमीजी की और उन्हें धक्का दिया, जिसके कारण वह भावनाओं में बह गईं और आत्मरक्षा में रिवॉल्वर उठाई। उन्होंने यह भी कहा कि वह NEET की तैयारी कर रही हैं और मानसिक तनाव से गुजर रही हैं। इस घटना ने जहां कुछ लोगों ने अरीबा के पक्ष में सहानुभूति जताई, वहीं अधिकांश ने उनके इस कृत्य की निंदा की।
हालांकि, AIMIM उत्तर प्रदेश ने इस मामले में अरीबा को सम्मानित करने का फैसला किया, जिसने एक नया विवाद खड़ा कर दिया। AIMIM का कहना है कि अरीबा ने अपने परिवार की सुरक्षा के लिए कदम उठाया और यह एक साहसी कदम था। पार्टी ने एक बयान में कहा, “अरीबा ने उस समय अपने पिता की रक्षा के लिए जो कदम उठाया, वह एक बेटी की भावनाओं को दर्शाता है। हम उनके साहस की सराहना करते हैं।” इस सम्मान समारोह का आयोजन लखनऊ में किया गया, जहां अरीबा को एक प्रशस्ति पत्र और सम्मान चिह्न प्रदान किया गया।
इस कदम की सामाजिक और राजनीतिक हलकों में तीखी आलोचना हो रही है। कई लोगों का मानना है कि हिंसा को बढ़ावा देने वाले कृत्य को सम्मानित करना गलत संदेश देता है। वहीं, कुछ लोग इसे AIMIM की ओर से वोट बैंक की राजनीति का हिस्सा मान रहे हैं। पुलिस जांच अभी भी जारी है, और यह देखना बाकी है कि इस मामले का कानूनी परिणाम क्या होगा।
Farhan Siddiqui Exec. Editor