बसडीहा गांव फुटबॉल मैच में पहुंचकर क्या बोले लोजपा (रामविलास) सुप्रीमो, चिराग पासवान

बसडीहा गांव फुटबॉल मैच में पहुंचकर क्या बोले लोजपा (रामविलास) सुप्रीमो, चिराग पासवान
Chirag Paswan in Basdiha village football match

अजय कुमार पाण्डेय:

औरंगाबाद: (बिहार) फेसर थाना क्षेत्र अंतर्गत बसडीहा हाई स्कूल के खेल मैदान में पोखराहां एवं नरची गांव के बीच खेले गए फाइनल फुटबॉल टूर्नामेंट मैच के दिन खेल समाप्ति पश्चात लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह जमुई सांसद, माननीय चिराग पासवान ने पहुंचकर 1 - 0 गोल से विजेता बनी टीम पोखराहां तथा उपविजेता बनी टीम नरची को भी मंच पर उपलब्ध कराए गए शिल्ड प्रदान करते हुए खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाया.

सर्वप्रथम इस कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे लोजपा (रामविलास) सुप्रीमो सह जमुई सांसद, माननीय चिराग पासवान ने बसडीहा हाई स्कूल के खेल मैदान में पहुंचते ही सभा में मौजूद सभी लोगों का हाथ जोड़कर अभिवादन किया. इसके बाद मंच पर पहुंचे. तब निर्धारित कार्यक्रम अनुसार मंच पर ही पार्टी पदाधिकारियों ने अपने आदरणीय नेता, चिराग पासवान को अंग वस्त्र प्रदान कर, चांदी का मुकुट पहनाकर, हनुमान जी का गदा एवं तलवार सौंपकर सम्मानित किया, और बड़ी माला पहनाकर स्वागत किया.

इसके बाद तुरंत बिना किसी स्थानीय, प्रखंड स्तरीय या जिला स्तरीय नेताओं का संबोधन कराए हुए ही मंच पर सीधा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह जमुई सांसद, माननीय चिराग पासवान को बोलने हेतु आमंत्रित कर दिया गया. तब पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह जमुई सांसद, माननीय चिराग पासवान ने भी माईक थामकर जनसभा को संबोधित करते हुए बिहार सरकार एवं खासकर बिहार के मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार तथा अप्रत्यक्ष रूप से राजद सुप्रीमो की पिछली सरकार पर भी जमकर हमला बोला. मंच से संबोधित करते हुए कहा लोजपा (रामविलास) सुप्रीमो सह जमुई सांसद, माननीय चिराग पासवान ने कहा कि एक-एक करके कितने ऐसे पांच साल बर्बाद किए. जिसका परिणाम है कि आजादी के 75 साल बाद भी बिहार को उस तरीके से आगे नहीं कर पाया. जिस प्रकार से बाकी राज्य तीव्र गति से आगे बढ़ने का काम किया. आज भी बिहार को पिछड़े राज्यों में गिना जाता है.

आज भी जन जन की आवाज सबसे बड़ी समस्या बना हुआ है. आज दूसरे राज्यों में चले जाइए. लोग मल्टीप्लेक्सेस की बात करते हैं. लोग आई0टी0 सेक्टर की बात करते हैं. लोग उधोगों की बात करते हैं. मेट्रो की बात करते हैं. बुलेट ट्रेनों की बात करते हैं. आप लोग‌ आज भी अपने बिहार में मूलभूत जरूरतों के आधार पर जूझते हैं. आज भी कैसे हमारे आंगन में एक ओर चापाकल गड़े. ये सबसे बड़ी समस्या है. आज भी कैसे हमारे गांव में एक ट्रांसफार्मर आए. ये सबसे बड़ी चिंता है. कैसे हमारे घर में जाके एगो नाली - गली बन जाए. ये सबसे बड़ी चिंता है.

सोचिए जब अपने अधिकार की मांग करने के लिए खोते हैं. इसी लिए आज भी हमारे युवाओं को पलायन कर कर दूसरे राज्यों में जाना पड़ता है. ऐसे ही बंबई में मैंने काम किया. लेकिन आज तक मैंने कभी नहीं सुना कि कोई दिल्ली का लड़का बिहार आता हो शिक्षा के लिए. कोई लड़का या लड़की आया क्या बिहार? लेकिन हम बिहारी हर साल कभी दिल्ली जाएंगे, कभी बेंगलुरु जाएंगे, कभी गुरुग्राम जाएंगे, कभी मुंबई जाएंगे. चिराग पासवान चाहता है कि अपने ही बिहार में युवाओं को रोजगार मिले. शिक्षा के लिए जाएंगे. स्वास्थ्य लाभ के लिए जाएंगे. परंतु आज तक बिहार विकसित राज्य बने. यहां पर दूसरे प्रदेशों से लोग आएं. इसकी चिंता कभी नहीं की गई. आज भी हम ये चाहते हैं कि जो लोग बिहार से बाहर हैं, और आज चिराग पासवान उन बिहारियों की आवाज बनता है. आज चिराग पासवान चाहता है, कि भैया जितने लोग पलायन कर कर दूसरे राज्यों में गए हैं. वो सब वापस अपने घर आ जाएं.

चिराग पासवान चाहता है कि हमको अपने ही प्रदेश में रोजगार मिले. चिराग पासवान सबकी बातें करता है, तो षड्यंत्र रचा जाता है. चिराग पासवान को समाप्त करने का. षड्यंत्र रचा जाता है. चिराग पासवान को राजनीतिक हत्या करवा देने का. क्या कसूर है भैया चिराग पासवान का? क्या कसूर है? सिर्फ इतना ही ना की चिराग पासवान युवाओं की अधिकार की बात करता है. महिलाओं की सम्मान की बात करता है. बुजुर्गों के बेहतर भविष्य की बात करता है. किसान, मजदूरों के अधिकार की बात करता है. तेरह करोड़ बिहारियों को साथ लेकर चलने की बात करता है. चिराग पासवान को समाप्त करने के लिए बड़ी-बड़ी ताकते एक जुट हो रही है. जो लोगों ने पसंद किया था, कि जो चिराग पासवान पुरे 13 करोड़ बिहारियों की बात करता है. जो चिराग पासवान पूरे युवाओं की बात करता है. चुकी ये लोग चाहते हैं कि हमारे प्रदेश के युवा, हमारे प्रदेश की महिलाएं, हमारे प्रदेश के लोग जात-पात, धर्म के नाम पर बंटी रहे. इसलिए इन लोग चाहते हैं की जाति की राजनीति की जाए. धर्म की राजनीति की जाए. विकास नहीं की जाए. विकास की बात इन लोग नहीं करेंगे. कभी लोग दलित, कभी पिछड़ा, कभी अगड़ा - पिछड़ा, कभी हिंदू, कभी मुस्लिम, कभी महिला, कभी पुरुष, कभी जाति - धर्म सबमें बांटेंगे. लेकिन जब हम लोग रोजगार मांगनें जाएंगे. तब इनके दरवाजे बंद रहेंगे. अगर हम लोग बेहतर शिक्षा की बात करेंगे. शिक्षकों की बात करेंगे.

बिहार की बात करेंगे, तो इनके दरवाजे बंद हो जाएंगे, और जब अपनी मांगों को लेकर हम लोग सड़क पर उतरते हैं, तो क्या चलाई जाती है? आप पर लाठी? सिर्फ और सिर्फ लाठी? शिक्षक सड़क पर उतरेंगे तो लाठी? छात्र सड़क पर उतरेंगे तो लाठी? साथियों आज ये हम लोगों को समझने की जरूरत है. जो सरकार आज बिहार में बैठी हुई है. ये सरकार पिछले 33 सालों से बिहार पर शासन कर रही है. 18 साल से मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार जी सता में हैं. उसके पहले इन्हीं के गठबंधन के घटक दल सत्ता में रहे. जो लोग 33 सालों में बिहार का विकास नहीं कर पाये. उन लोग आज विकास की बात करते हैं.

आप लोगों को विश्वास होता है क्या? हमें जरूरत है एकजुट होने की, और ये आवाज़ की मांग चिराग पासवान तमाम नौजवान युवा साथियों से करता है, कि एकजुट होकर चिराग पासवान, चिराग पासवान बने. मैं बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट. खिलाड़ियों को हर सुविधा देने का वादा रखता हूं. हर प्रखंड में खिलाड़ियों के लिए खेल मैदान की व्यवस्था हो.

ध्यातव्य हो कि इस आयोजित कार्यक्रम में पार्टी के प्रदेश महासचिव, रफीगंज विधानसभा क्षेत्र के पूर्व लोजपा प्रत्याशी व गया जिला सह प्रभारी, मनोज कुमार सिंह, पार्टी के प्रदेश महासचिव, रफीगंज विधानसभा क्षेत्र के पूर्व लोजपा प्रत्याशी, समाजसेवी व वरीय नेता प्रमोद कुमार सिंह, जिला संयोजक एवं प्रदेश संसदीय बोर्ड उपाध्यक्ष, चंद्रभूषण कुमार सिंह उर्फ सोनू सिंह, महिला मोर्चा प्रदेश सचिव व कुटुंबा विधानसभा क्षेत्र की पूर्व लोजपा प्रत्याशी, कुसुम देवी उर्फ कुसुम पासवान, एस0सी0 / एस0टी0 प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष, जितेंद्र पासवान, संगठन मंत्री, रणधीर कुमार सिंह, वर्तमान पार्टी के प्रदेश सचिव व पूर्व औरंगाबाद जिलाध्यक्ष, अनूप कुमार ठाकुर, नबीनगर विधानसभा क्षेत्र के पूर्व लोजपा प्रत्याशी, विजय कुमार सिंह उर्फ विजय यादव, प्रदेश उपाध्यक्ष एवं ओबरा विधानसभा क्षेत्र के पूर्व लोजपा प्रत्याशी, डॉक्टर प्रकाश चंद्रा, पूर्व जिला परिषद सदस्य, अजय पासवान, पार्टी के प्रधान महासचिव, विभीषण गहलौत, प्रदेश महासचिव व औरंगाबाद जिला के सह प्रभारी, दशरथ पासवान, सौरव सिंह, राजू पासवान, दलित सेना महासचिव, अखिलेश पासवान, चिकित्सा प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष, डॉक्टर रामविलास पासवान, जिला प्रवक्ता, रोहित कुमार सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष व प्रवक्ता, अशरफ अंसारी सहित अन्य लोग भी मौजूद रहे.