भाजपा के पुर्व सांसद सुशील कुमार सिंह ने किया प्रेस कांफ्रेंस
भाजपा के पूर्व सांसद ने कहा कि पुल जो ठेकेदार बनाता है वह पुल के ऊपर भाग में चोरी नहीं करता बल्कि नीचे के बने पीलर में ठेकेदार चोरी करता है. जहां 100 फुट पीलर का निर्माण करना है वहां मात्र 50 फुट का ही पिलर निर्माण करता है. यहीं पर गुणवता की चोरी होती है.
अजय कुमार पाण्डेय:
औरंगाबाद: (बिहार) औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र के पूर्व भाजपा सांसद, सुशील कुमार सिंह ने अपने जिला मुख्यालय स्थित सिंह कोठी आवास पर सोमवार दिनांक - 22 जुलाई 2024 को एक प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया. जिसमें उपस्थित संवाददाताओं द्वारा कई मुद्दों पर पूछे गए सवालों का भी जवाब दिया. इसी आयोजित कार्यक्रम में जब संवाददाता ने भाजपा के पूर्व सांसद, सुशील कुमार सिंह से सवाल पूछा कि बिहार में अभी भी एन.डी.ए. की सरकार है.
विपक्ष लगातार हमलावर है कि 17 पुल धंस गया. इसलिए इस मुद्दे पर आप क्या कहेंगे. तब भाजपा के पूर्व सांसद ने संवाददाता द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए कहा कि 17 पुल धंसा है ना. सब राजद के कार्यकाल में बना हुआ है. और समय से पूर्व अभी बहुत सारा पुल धंसा है. तो इसके लिए राजद के लोग लोग जिम्मेवार है. और सबसे बड़ी घटना जो घटी थी. पुल धंसने की. वो पुल अगुवानी का पुल जब धंसा था. उस समय तेजस्वी यादव जी सरकार में ही नहीं थे. बल्कि पथ निर्माण विभाग के मंत्री भी वही थे. उस समय का उनका कोई बयान आप निकालिए जरा. कि पुल धंसने की उन्होने निंदा की हो. मात्र एक इंजीनियर बली का बकरा बना. जिसको की उस समय निलंबित किया गया. जब वो मंत्री थे. हजारों करोड़ रूपये से निर्मित होने वाला पुल अगुवानी पुल गिरा. तब तेजस्वी जी की जुबान बंद थी. और अब चूंकि वो ये समझते हैं कि जनता को कुछ पता नहीं है. मीडिया के लोग कोई रिकॉर्ड नहीं रखते. अगर उनको ये जानकारी होती कि मीडिया के लोगों के पास पीछे का रिकॉर्ड भी होता है. जनता को भी पता होता है तो नही बोलते. लेकिन उनको लग रहा है कि इन लोगों को तो कुछ याद नही रहता.
ये 17 पुल जो गिरे हैं. सबके बनने का जरा समय देख लीजिए. सब राजद के कार्यकाल में बना है. क्वालिटी से कंपरमाइज किया गया. गुणवत्ता से समझौता किया गया. और पुल गिर रहा है. इसके लिए आर.जे.डी. और आर.जे.डी. की सरकार जिम्मेवार है.
तब संवाददाता ने भाजपा के पूर्व सांसद से सवाल पूछा कि जब इंडिया गठबंधन के बैनर तले 20 जुलाई 2024 को गांधी मैदान परिसर से मुख्य बाजार होते हुए समाहरणालय मुख्य द्वार तक आक्रोश मार्च रैली निकाला गया था. तब हमने उसी वक्त राष्ट्रीय जनता दल के लोगों से भी सवाल पूछा था कि आप भी तो बिहार के मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार के साथ ही सरकार में थे. और आप लोगों के टाईम में ही पुल बना है. और पुल लगातार ध्वस्त हुआ. इसलिए आप इस मुद्दे पर क्या कहना चाहेंगे. तब राष्ट्रीय जनता दल के लोगों ने मेरे द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब कहा था कि पुल किनके कार्यकाल में बना. नीतीश कुमार के कार्यकाल में ही बना. और इनके कार्यकाल में ही धंस गया इसलिए राजद लोई जिम्मेवार है.
तब भाजपा के पूर्व सांसद ने संवाददाता द्वारा पुछे गए सवालों का जवाब देते हुए कहा कि जितने पुल धंसे हैं. वो पुल कब बने हैं. पहले डेट वार / तिथि वार इसका विवरण देख लीजिए. तब आपको पता चलेगा कि इसके लिए जिम्मेवार कौन है. हां कुछ पुल ऐसे भी गिरे हैं. जो तकनीकी कारणों से गिरे हैं. कहीं-कहीं गुणवत्ता से समझौता भी हुआ. अब आपको बता दें कि जांच यदि होगी तो औरंगाबाद के दो नेशनल हाईवे पर बने पुल / निर्मित पुल उनके ऊपर भी खतरा है. और हो सकता है कि भविष्य में ऐसी कोई ख़बर आप लोगों को मिले. इस जिले के अंदर दो बड़े - बड़े पुल दोनों नेशनल हाईवे पर है. उनकी भी स्थिति बहुत अच्छी नहीं है.
और जहां तक आक्रोश मार्च का सवाल है. ये फेलियर मार्च था. आक्रोश मार्च निकालने वाली जो पार्टियां थी. मोरल अल्लाऊ उनका नहीं किया कि आक्रोश मार्च में वो भी रहें. अब बता दीजिए कि पटने में जो आक्रोश मार्च निकला आर.जे.डी. का. कांग्रेस का कोई बड़ा नेता. अगर उनके पास इतना मोरल था. उनके पास इतना नैतिक बल था. और इस विषय का विरोध करना था. तो फिर आर.जे.डी. का / कांग्रेस का / इंडिया एलाइंस का / बाकी दलों के कोई बड़ा नेता क्यों नहीं उसमें शामिल हुआ.
इसलिए ये सब जनता को बरगलाने का / ठगने का जिस तरह से अभी लोकसभा के चुनाव में झूठ फैलाकर / भोली-भाली जनता को ठग लिया गया. उसी तरह से आगे भी ये लोग प्रयास में हैं. कि जनता को मूर्ख बना सके.
अंत में उपस्थित सभी संवाददाताओं के समक्ष ही बातचीत के क्रम में भाजपा के पूर्व सांसद, सुशील कुमार सिंह ने कहा कि दाउदनगर - नासरीगंज पुल मामले में एक इंजीनियर की हत्या भी हुई थी. एक साल से डेढ़ किलोमीटर तक लेन बंद है.
इसके बाद औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र के पूर्व भाजपा सांसद ने कहा कि पहले जो पुल बनती थी. उस पर सर्वप्रथम वाहन का स्पीड चेक होता था कि बाने पुल पर कितनी स्पीड तक गाड़ी चलाई जा सकती है. लेकिन अब तो ऐसा पुल बनता है कि एक लेवल में आपका वाहन चल ही नहीं सकता. क्योंकि बीच में पुल अप - डाउन होता है. गुणवत्ता में कटौती होती है. फिर भाजपा के पूर्व सांसद ने कहा कि पुल जो ठेकेदार बनाता है. वह पुल के ऊपर भाग में चोरी नहीं करता है. बल्कि नीचे के बने पीलर में ठेकेदार चोरी करता है. जहां 100 फुट पीलर का निर्माण करना है. वहां मात्र 50 फुट का ही पिलर निर्माण करता है. यहीं पर गुणवता की चोरी होती है.