औरंगाबाद में पानी की किल्लत से कब मिलेगी आम लोगों को मुक्ति | बना सस्पेंस का विषय
अजय कुमार पाण्डेय :
औरंगाबाद: ( बिहार ) कहने के लिए औरंगाबाद तो जिला मुख्यालय अवश्य है. लेकिन यह भी बात सत्य है की यदि यह कहा जाए की औरंगाबाद जनप्रतिनिधि विहिन या अधिकारी विहिन हो गया है, तो इसमें भी कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी, क्योंकि औरंगाबाद मुख्यालय के विभिन्न क्षेत्रों में जैसे: कर्मा रोड स्थित महावीर नगर वार्ड नंबर 02, आदर्श कॉलोनी, पठान टोली इत्यादि कई मोहल्ला में विगत जून माह से ही यानी कि एक माह से अधिक दिनों से ही पानी पीने के लिए लोगों में हाहाकार मचा हुआ है. जैसे तैसे लोग कहीं कहीं से अपना अपना पानी का जुगाड़ कर काम चला रहे हैं. पानी का लेवल काफी नीचे चले जाने की वजह से प्रत्येक स्थानों पर समरसेबल बोरिंग भी फेल हो चुका है.
इसी मामले में संवाददाता ने पूर्व में भी काफी प्रमुखता से न्यूज़ को प्रकाशित किया था. इसके बावजूद भी अभी तक न तो मुख्यालय में किसी जनप्रतिनिधियों ने या न ही किसी अधिकारियों ने ही मामले को गंभीरता से लिया. नतीजतन मुख्यालय में रहने वाले लोग अपने घर के पढ़ने वाले छोटे छोटे बच्चों के साथ साथ खुद अभिभावक भी मुख्यालय छोड़कर अपने गांव की ओर काफी दिनों से प्रस्थान कर चुके हैं. जिसके कारण बच्चों की पढ़ाई भी बाधित हो रही है. ज्ञात हो कि मुख्यालय में रहने वाले लोगों का कहना है कि खासकर औरंगाबाद मुख्यालय में जो इतनी बड़ी पानी की समस्या उत्पन्न हुई है. उसके पीछे मुख्य वजह यही है कि श्री सीमेंट फैक्ट्री में लिमिट से बाहर अंधाधुंध समरसेबल बोरिंग किया गया है.
इसके पूर्व भी औरंगाबाद मुख्यालय में पानी की समस्या उत्पन्न हो रही थी. मगर जब औरंगाबाद में जिला पदाधिकारी कंवल तनुज कार्यरत थे, तो कुछ दिनों के लिए श्री सीमेंट फैक्ट्री को बंद करा दिया था. तब जाकर पानी की स्थिति में काफी सुधार हुआ था. इसलिए खासकर औरंगाबाद मुख्यालय में तो सबसे पहले श्री सीमेंट फैक्ट्री में पानी को बंद कराना होगा. अन्यथा जो वर्तमान औरंगाबाद में स्थिति उत्पन्न हो गई है. उससे तो यही लगता है कि अब लोग आगामी दिनों में औरंगाबाद में पानी पीने के लिए भी तड़प तड़प कर मर जाएंगे. इसलिए सर्वप्रथम औरंगाबाद में पानी की व्यवस्था कराना अति आवश्यक है.