शराब सप्लायर या विक्रेताओं पर उचित कारवाई क्यों नहीं करते हैं बिहार के मुख्यमंत्री
शराब सप्लायर या विक्रेताओं पर उचित कारवाई क्यों नहीं करते हैं बिहार के मुख्यमंत्री, क्या शराब का धंधा करने वाला से अधिक दोषी है शराब पीने वाला व्यक्ति - सुधीर शर्मा
औरंगाबाद: (बिहार) लोक स्मृति मंच के जिलाध्यक्ष, सुधीर शर्मा ने बिहार के मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार सवाल पूछा है कि जब बिहार में पूर्ण शराबबंदी है. तब फिर बगल में बिहार से सटे हुए झारखंड की सीमा या अन्य राज्यों से बिहार में शराब की खेत कैसे पहुंच जा रही है. जब बिहार झारखंड, उत्तरप्रदेश का बॉर्डर सील है. तो फिर आखिर बिहार की सीमा में इतनी बड़ी मात्रा में अवैध रूप से शराब की सप्लाई कैसे हो जा रही है. इसका मतलब की बिहार के मुख्यमंत्री, नितीश कुमार का शराबबंदी पूर्ण रूप से फेल है, और पुलिस - प्रशासन की मिलीभगत से ही बिहार में इतनी बड़ी शराब की सप्लाई हो रही है.
इसके बाद लोक स्मृति मंच के जिलाध्यक्ष, सुधीर शर्मा ने कहा है कि नीति आयोग के मुताबिक राजस्व के मामले में बिहार पिछड़ा राज्य है. बिहार में शराब की धंधा से मिलने वाला राजस्व का नुकसान तो बिहार सरकार को हो रहा है. लेकिन इसी राजस्व का फायदा शराब का धंधा करने वाला माफिया अवश्य उठा रहा है.
जिलाध्यक्ष, सुधीर शर्मा का कहना है कि यदि मार्केट में कहीं भी शराब बिकेगी. तो पीने वाले लोग अवश्य पिएंगे ही. इसे कोई भी नहीं रोक पायेगा. यदि बिहार सरकार को कार्रवाई ही करनी है. तो अवैध रूप से शराब सप्लाई करने वाला / कराने वाला / बेचने वाला दोषी व्यक्ति पर नियमानुकूल तरीके से उचित कार्रवाई करें, ना कि मार्केट से शराब खरीद कर पीने वाला व्यक्ति ही सबसे बड़ा दोषी है. और शराब पीने वाला व्यक्ति को ही सजा दिलवाया जा रहा है. जो बिल्कुल अनुचित है.
इसके बाद लोक स्मृति मंच के जिलाध्यक्ष, सुधीर शर्मा ने बिहार के मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार पर प्रहार करते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री ने विगत दिनों ब्यान दिया था कि यदि बिहार में दलित समाज की हत्या होती है. तो हम उसके आश्रित परिवार के एक सदस्य को नौकरी तथा सरकारी मुआवजा की राशि भी देंगे. जो गरीबों के लिए सिर्फ हवा हवाई घोषणा है, और गरीब दलित परिवारों को मुख्यमंत्री द्वारा सिर्फ गुमराह किया जा रहा है. जो अब बिहार की जनता भी जान चुकी है.
-अजय कुमार पाण्डेय