देव सूर्य महोत्सव के कार्यक्रम में कुव्यवस्था को लेकर प्रशासन एवं पत्रकारों में हुई काफी झड़प
देव सूर्य महोत्सव के ड्यूटी में तैनात पुलिसकर्मियों ने मीडिया पास से वंचित कई पत्रकारों को मेन गेट पर ही अंदर प्रवेश करने से काफी देर रोक दिया. इसके बाद पुलिस एवं मीडियाकर्मियों से जब बहस हो रही थी. तब उसी वक्त औरंगाबाद के जिला पदाधिकारी, सौरभ जोरवाल एवं पुलिस अधीक्षक, स्वप्ना जी मेश्राम भी पहुंचे. तब जिला पदाधिकारी ने उपस्थित मीडिया कर्मियों से बात करने के बाद कहा कि आप लोग कितने लोग हैं. जिनको विभागीय पास नहीं मिला है. तब उपस्थित पत्रकारों ने कहा कि वर्तमान हम लोग लगभग आठ - दस की संख्या में है. तब मौके पर उपस्थित पत्रकारों को जिला पदाधिकारी, सौरभ जोरवाल ने कहा कि जिन्हें भी मैं पहचान रहा हूं. उन्हें कोई परेशानी नहीं होगी.
अजय कुमार पाण्डेय:
औरंगाबाद: ( बिहार ) देव सूर्य महोत्सव कार्यक्रम में उद्घाटन के दिन ही शनिवार दिनांक - 28 जनवरी 2023 को प्रशासन व पत्रकारों के बीच भी काफी झड़प हो गई. इसका मुख्य वजह है कि एक तो कई मीडियाकर्मियों को भी जिला सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा कार्यक्रम में प्रवेश हेतु मीडिया पास नहीं दिया गया था, और कार्यक्रम स्थल पर भी बार-बार ड्यूटी में तैनात पुलिसकर्मी मंच के सामने आगे आ जा रहे थे. जिसके वजह से किसी भी मीडिया कर्मियों को ना तो सही ढंग से फोटो खींचा पा रहा था, और ना ही सही ढंग से वीडियोग्राफी हो पा रहा था. नतीजतन ड्यूटी में लगे पुलिस से काफी बहस होने के बाद भड़के पत्रकारों ने वरीय पदाधिकारियों से दोषी पुलिस वाले को निलंबित करने की भी मांग करने लगे.
ज्ञात हो कि देव सूर्य महोत्सव के ड्यूटी में तैनात पुलिसकर्मियों ने मीडिया पास से वंचित कई पत्रकारों को मेन गेट पर ही अंदर प्रवेश करने से काफी देर रोक दिया. इसके बाद पुलिस एवं मीडियाकर्मियों से जब बहस हो रही थी. तब उसी वक्त औरंगाबाद के जिला पदाधिकारी, सौरभ जोरवाल एवं पुलिस अधीक्षक, स्वप्ना जी मेश्राम भी पहुंचे. तब जिला पदाधिकारी ने उपस्थित मीडिया कर्मियों से बात करने के बाद कहा कि आप लोग कितने लोग हैं. जिनको विभागीय पास नहीं मिला है. तब उपस्थित पत्रकारों ने कहा कि वर्तमान हम लोग लगभग आठ - दस की संख्या में है. तब मौके पर उपस्थित पत्रकारों को जिला पदाधिकारी, सौरभ जोरवाल ने कहा कि जिन्हें भी मैं पहचान रहा हूं. उन्हें कोई परेशानी नहीं होगी.
इसके बाद बारी - बारी से जिला पदाधिकारी ने सभी लोगों को पहचाना भी, और कहा कि हां मैं आप लोगों को तो पहचान ही रहा हूं. आप लोग अभी मेरे साथ ही कार्यक्रम में आ जाइए. लेकिन और पत्रकार तो नहीं है ना. तब उपस्थित पत्रकारों ने जिला पदाधिकारी, सौरभ जोरवाल से कहा कि वर्तमान तो हम लोग इतने ही लोग हैं. लेकिन यदि बाद में और कोई पत्रकार लोग आएंगे. तब उनका क्या होगा. वे कार्यक्रम में अंदर प्रवेश कैसे करेंगे.
इसके अलावे स्थानीय मुखिया, पंचायत समिति एवं कई जनप्रतिनिधियों को भी प्रवेश पत्र नहीं दिया गया था. तब उन लोग भी उसी वक्त जिला पदाधिकारी, सौरभ जोरवाल से अपनी समस्या सुनाने लगे. तब जिला पदाधिकारी ने उपस्थित जनप्रतिनिधियों से पूछा कि आप लोग कितने जनप्रतिनिधि हैं. तब उपस्थित जनप्रतिनिधियों ने कहा कि हम लोग लगभग 15 जनप्रतिनिधि ऐसे हैं. जिन्हें प्रवेश पत्र नहीं मिला है. तब जिला पदाधिकारी ने कहा कि पहले मीडिया बंधु मेरे साथ आ जाएं. इसके बाद आप लोगों से बात करता हूं. इसलिए यह देव सूर्य महोत्सव 2023 में कार्यक्रम का मंच सीधा - सीधी राजनीतिक व प्रशासनिक ही बनकर रह गया. इसके अलावे बिहार के उपमुख्यमंत्री, तेजस्वी प्रसाद यादव द्वारा देव सूर्य महोत्सव का उद्घाटन करने के पश्चात तुरंत पूरा कार्यक्रम स्थल भी खाली हो गया. कार्यक्रम स्थल में लगाई गई सभी कुर्सियां भी खाली ही दिखाई पड़ने लगी. यानी कि किसी भी कुर्सी पर कोई पब्लिक नजर नहीं आ रही थी.
तब ऐसे में सवाल तो उठता है कि आखिरी इतनी मोटी रकम खर्च करके प्रत्येक वर्ष देव में सूर्य महोत्सव का आयोजन ही क्यों कराया जाता है. इसके स्थान पर यदि भगवान भास्कर की नगरी देव में इसी सरकारी पैसे को खर्च करके पर्यटकों के लिए बेहतर सुविधा हेतु धर्मशाला का निर्माण, रोड लाइट, पेयजल की समुचित व्यवस्था, शौचालय व्यवस्था, सुंदर पार्क, वाहन पार्किंग की व्यवस्था, पर्यटकों के लिए सरकारी कमरा निर्माण, सरकारी होटलों का निर्माण करा दिया जाता है. ताकि देव पहुंचने वाले पर्यटकों को भी बेहतर सुविधा मिल सके. और सरकार को भी अच्छी राजस्व की प्राप्ति हो सके. ज्ञात हो कि देव सूर्य महोत्सव कार्यक्रम में ही पूर्व में जब उदित नारायण, उदित नारायण की पत्नी दीपा नारायण, अक्षरा सिंह, मनोज तिवारी या गजल गायक अनूप जलोटा जैसे कलाकार भी आए थे. तब उस वक्त भी कई बार काफी बवाल हो चुका है. इसलिए देव सूर्य महोत्सव के कार्यक्रम में बार-बार इसी प्रकार का बवाल होना गंभीर मामला तो है ही.