सैय्यदतिना आयशा (रदी अल्लाहु अन्हा) का ऊर्स मुबारक
रमज़ान का 17 वां दिन मोमिनो की माँ, सैय्यदतिना आयशा (रदी अल्लाहु अन्हा) के विसाल का दिन है।
आप सैय्यदीना अबू बक्र सिद्दीक (रदी अल्लाहु अन्हु) की साहब्ज़ादि और रसूलल्लाह ﷺ की प्यारी ज़ोहजा थीं।आप अपने वक़्त की सभी औरतों में से सबसे अधिक ज्ञानी थीं। आप आत्मविश्वासी और फसीह थी। आपने कई सालों तक मुस्लिम समुदाय को शिक्षित किया, और 2,000 से अधिक हदीसों को सुनाने के लिए आप जानी जाती हैं।
रसूलल्लाह ﷺ को आपसे बहुत मोहब्बत थी और रसूलल्लाह ﷺ ने पर्दा आपकी गोद में फरमाया। जब हज़रत अमर इब्न अल-आस (रदी अल्लाहु अन्हु) ने रसूलल्लाह ﷺ से पूछा, "कौन सा इन्सान आपको सबसे प्यारा है?" रसूलल्लाह ﷺ ने फ़रमाया, "आयशा।" (सहीह अल-बुखारी 3462)।
आप इतनी पाक थीं कि एक बार रसूलल्लाह ﷺ ने आपसे फरमाया कि फरिश्ते हज़रत जिब्रील अलेह सलाम ने आपको सलाम पेश किया है । आपने जवाब दिया "वा अलैहिस सलाम-उ-वा रहमतुल्लाही वा बरकातुहु ।" (अल-बुखारी और मुस्लिम)।
दुआ:
इश्क दे महबूब का हम को या इलाहुल आलमीन,
सैय्यदतिना मासूमा हज़रत फ़ातिमा ( रदी अल्लाहु अन्हा) के वास्ते
सिलसिला-ए-आलिया ख़ुशहालिया !!
(संदर्भ: डॉ. अराफात के. अल-आशी द्वारा इस्लाम के प्रकाशक, पृष्ठ 57-60)