मोदी सरकार’’ द्वारा एक ‘‘तुगलकी फैसले’’ से देष की अर्थव्यवस्था को तबाह और बर्बाद किया जा रहा है, Pramod Tiwari Congress MP.

मोदी सरकार’’ द्वारा एक ‘‘तुगलकी फैसले’’ से देष की अर्थव्यवस्था को तबाह और बर्बाद किया जा रहा है, Pramod Tiwari Congress MP.

श्री प्रमोद तिवारी, सांसद, उप नेता, राज्य सभा एवं सदस्य कांग्रेस स्टीयरिंग कमेटी ने कहा है कि भारत का इतिहास जब याद किया जाता है तो याद आता है कि एक समय गयासुद््दीन तुगलक शाह ने दिल्ली स्थित अपनी राजधानी तुगलकाबाद लाये, और आर्थिक तथा प्रषासनिक तबाही एवं बर्बादी के बाद उसने अपनी राजधानी दक्षिण के औरंगाबाद जिले के दौलताबाद देवगिरी में स्थानांतरित किया किन्तु वहांॅ भी तमाम तरह की परेषानियों एवं जनसाधारण की गम्भीर समस्याओं के कारण दोबारा फिर वह दिल्ली वापस लौट आया, और उसने अपनी राजधानी दिल्ली को बनाया, उसकी सल्तनत  की जनता ने भारी आर्थिक और प्रषासनिक परेषानी उठायी ।


यही नहीं गयासुद््दीन तुगलक शाह ने उस चलन में रहे सोने एवं चांॅदी के सिक्के को बन्द करके ‘‘तांॅबा का सिक्का’’ चलाया किन्तु बाद में उसे ‘‘तांॅबा का सिक्का’’  बन्द करना पड़ा । इसीलिये आज भी बिना किसी आधार के, बिना किसी तर्क के जो फैसले लिये जाते हैं उन्हें ‘‘तुगलकी फरमान’’ कहा जाता है ।
आज एक बार फिर देष का इतिहास दोहराते हुये ‘‘मोदी सरकार’’ द्वारा एक ‘‘तुगलकी फैसले’’ से देष की अर्थव्यवस्था को तबाह और बर्बाद किया जा रहा है, आने वाला इतिहास मोहम्मद बिन तुगलक को भूल जायेगा, और ‘‘मोदी सरकार’’ को याद रखेगा, क्योंकि जिस तरह मोहम्मद बिन तुगलक ने अपनी भूल को मानते हुये पुनः अपनी राजधानी दिल्ली वापस लाया, तथा अपने ही द्वारा जारी किये गये ‘‘तांॅबे के सिक्के’’ को बन्द करना पड़ा, उसी तरह आज ‘‘मोदी सरकार’’ पहले तो 1000 रुपये (एक हजार) और 500 रुपये (पांॅच सौ) के नोट बन्द करके 2000 का नोट लायी, और फिर उसने 2000 रुपये (दो हजार) के नोट बन्द करने का फैसला ले लिया ।
नवम्बर, 2016 में ‘‘मोदी सरकार’’ ने उस समय के 1000 (एक हजार) और 500 (पांॅच सौ) के नोट बन्द करके आर.बी.आई. ऐक्ट 1934 की धारा 24 (1) के तहत नवम्बर, 2016 में 2000 रुपये (दो हजार रुपये) के नोट जारी किये गये थे ।
श्री तिवारी ने कहा है कि 6 साल 6 माह में ही मांेदी सरकार ने नवम्बर, 2016 के अपने फैसले को पलटते हुये अपने ही कार्यकाल में कल दिनांक- 19 मई, 2023 को अपना फैसला बदल दिया, और अपने ही कार्यकाल में नवम्बर, 2016 में जारी की गयी 2000 रुपये की नोट को वापस ले लिया, ओर 30 सितम्बर, 2023 के बाद ये ‘‘लीगल टेण्डर’’ नहीं रहेंगे, यानी ‘‘मोदी सरकार’’ ने मान लिया है कि नवम्बर, 2016 का उसका निर्णय गलत था अथवा फिर आज का उसका निर्णय गलत है । आज एक बार फिर अनिष्चितता का दौर शुरू हो गया है, देष में पंूूॅजी.....

(2)
निवेष खतरे में पड़ जायेंगे, जिस किसी ने योजना बनायी होगी अपने उद्योग, व्यापार या निवेष के लिये उसका क्या होगा ? और उन्हें कितनी परेषानी होगी ?
श्री तिवारी ने कहा है कि पहले तो ‘‘मोदी सरकार’’ ने ताल ठोंकी थी और जुमला बोला था कि जो लोग गद््दे में नोट रखकर सोते हैं, या जिनके पास ब्लैक मनी/ कालाधन है, वह सब नोट बन्दी से बाहर निकल आयेगी । किन्तु जब 99ण्26ः से अधिक धनराषि बैंकों में डिपाॅजिट हो गयी तो यह स्पष्ट हो गया कि देष में ब्लैक मनी/ कालाधन नहीं है । और यदि है तो उसे सरकार, बैंक या बिचैलियों के गठबन्धन ने ‘‘ब्लैक’’ से व्हाईट (सफेद) बना लिया है, यानी पंूूॅजीपतियों, बिचैलियों और सरकार के गठबन्धन ने उसे ‘‘व्हाईट’’ बना दिया ।
‘‘मोदी सरकार’’ की नीति या तो तब गलत थी या फिर अब गलत है । इन 6 साल 6 माह में ही आदरणीय मोदी जी की आर्थिक नीति का फैसला पूरी तरह गलत साबित हो गया ।
श्री तिवारी ने कहा है कि मैं विनम्रता के साथआदरणीय मोदी जी को याद दिला दंूूॅ कि गोवा की जनसभा में उन्होंने कहा था कि ‘‘मुझे सिर्फ 50 दिन दे दो, यदि मैं इन 50 दिनों में सही नहीं साबित हुआ तो जिस चैराहे पर कहोगे मैं सजा भुगतने को तैयार हंूूॅ ।’’
आदरणीय मोदी जी! आपका निर्णय आपके ही द्वारा गलत साबित हो गया, आज आप स्वयं फैसला कीजिये कि क्या आप नैतिकता के आधार पर पूरे देष से क्षमा मांगेगे या फिर क्या करेंगे ?
आदरणीय मोदी जी! क्या आप कर्नाटक के चुनाव परिणाम से इतने क्षुब्ध अथवा दिषाहीन हो गये हैं ? कि एक बार फिर आपने देष की अर्थ व्यवस्था को दांॅव पर लगा दिया । यह फैसला पंडित जवाहर लाल नेहरू जी, या स्व. इन्दिरा गांॅधी जी अथवा स्व. राजीव गांॅधी जी अथवा डा. मनमोहन सिंह जी का नहीं था, बल्कि यह फैसला स्वयं आपका था, और आपने ही अपने फैसले को बदला भी है । यदि आप से बात करना चाहें तो आज आप देष में नहीं है जापान में हैं । देष की अर्थ व्यवस्था को तबाही और बर्बादी में डालकर आप जापान चले गये।
आदरणीय मोदी जी आपसे देष की अर्थ व्यवस्था संभल नहीं रही है, मेहरबानी करके आप विष्व के जाने- माने अर्थषास्त्री और पूर्व प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह जी की शरण में जाइए, और जिस अंधेरी गुफा में आपने देष को पहंुॅचा दिया है उस अंधेरी गुफा से निकलने का उनसे रास्ता पंूूॅछिए ।