आर्य समाज नोएडा के वार्षिकोत्सव का भव्य समापन: स्वामी दयानंद की राष्ट्रवादी अवधारणा पर जोर
आर्य समाज नोएडा का त्रिदिवसीय वार्षिकोत्सव सोल्लास संपन्न हुआ। स्वामी दयानंद के राष्ट्रवाद और गुरुकुल शिक्षा पर महत्वपूर्ण विचार प्रस्तुत किए गए। समारोह में प्रमुख नेताओं और समाजसेवियों ने भाग लिया।
आर्य समाज नोएडा ने त्रिदिवसीय वार्षिकोत्सव का सफल समापन किया, राष्ट्रवाद और गुरुकुल शिक्षा पर महत्वपूर्ण विचार-विमर्श
समारोह में महर्षि दयानंद की योगदान को सराहा गया, समाज के समग्र विकास और राष्ट्र निर्माण में आर्य समाज के योगदान पर चर्चा की गई।
नई दिल्ली, 8 दिसम्बर 2024: आर्य समाज नोएडा का त्रिदिवसीय वार्षिकोत्सव रविवार को शानदार तरीके से सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर 51 कुण्डीय विश्वशांति सौहार्द महायज्ञ का आयोजन हुआ, जिसे वैदिक विद्वान डा. जयेंद्र आचार्य के ब्रह्मत्व में संपन्न किया गया। इस महायज्ञ में हरिशंकर सिंह, अशोक अरोड़ा, पुनीत निरुपमा मल्होत्रा, वंदना एवं दीपक खोसला सहित कई प्रतिष्ठित व्यक्तित्व उपस्थित रहे।
समारोह का मुख्य आकर्षण रहे केंद्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य, जिन्होंने अपने उद्घाटन भाषण में स्वामी दयानंद की राष्ट्रवाद पर विशेष भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, "स्वामी दयानंद ने राष्ट्रवाद की जो अवधारणा दी थी, वह आज भी देश में प्रासंगिक है। स्वामी जी के विचारों से प्रेरित होकर हजारों नौजवान स्वतंत्रता संग्राम में कूद पड़े थे। आज हमें उनकी सोच को आगे बढ़ाने की आवश्यकता है।"
समारोह में शिरकत करने वाले प्रमुख अतिथि:
समारोह में विशेष रूप से नवाब सिंह नागर (पूर्व विधायक) और प्रांतीय अध्यक्ष प्रवीण आर्य ने अपने विचार साझा किए। नवाब सिंह नागर ने कहा, "गुरुकुल शिक्षा प्रणाली के माध्यम से समाज को संस्कारित किया जाता है। यज्ञ का महत्व समझाते हुए उन्होंने कहा कि यज्ञ ही मानवता और समाज का निर्माण करता है। सत्यार्थ प्रकाश स्वामी दयानंद की राष्ट्र को दी गई अनुपम देन है।"
डा. वेदपाल ने महर्षि दयानंद के योगदान को सराहा और कहा, "महर्षि दयानंद ने नारी शिक्षा, स्वराज्य और समाजिक उत्थान के क्षेत्रों में अमूल्य योगदान दिया। गुरुकुल शिक्षा प्रणाली में राष्ट्र के प्रति समर्पण की भावना को प्रमुखता दी जाती है।"
नरेन्द्र वेदालंकार ने महर्षि दयानंद को युग प्रवर्तक बताते हुए कहा, "महर्षि दयानंद ने स्वराज के उद्घोषक के रूप में देश की आजादी की दिशा में अहम भूमिका निभाई थी।"
भजन और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां:
समारोह में भानु प्रकाश शास्त्री और गुरुकुल के ब्रह्मचारियों ने महर्षि दयानंद के यशोगान पर भव्य भजन प्रस्तुत किए। इस अवसर पर श्रोताओं ने आनंदपूर्वक भजन गाए और महर्षि दयानंद के विचारों को आत्मसात किया।
समाज के प्रमुख हस्तियों की उपस्थिति:
समारोह में प्रमुख रूप से वीरप्रताप अरोड़ा, गायत्री मीना, कर्ण सिंह शास्त्री, अग्निदेव, ब्रह्मचारी हर्ष, शिवम् सोनी, अमित और कई अन्य ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए।
कार्यक्रम का संचालन डा. जयेंद्र आचार्य और मंत्री गायत्री मीना ने किया। अंत में, प्रधाना मधु भसीन और कैप्टन अशोक गुलाटी ने सभी का आभार व्यक्त किया।
समारोह का समापन शांतिपाठ और ऋषिलंगर के साथ हुआ।
इस अवसर पर उठाए गए महत्वपूर्ण मुद्दे:
समारोह में प्रांतीय अध्यक्ष प्रवीण आर्य ने बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे अत्याचारों की निंदा की और भारतीय सरकार से बांग्लादेश पर दबाव डालने की मांग की, ताकि वहां के हिंदू समुदाय को सुरक्षा मिल सके।
इस प्रकार, आर्य समाज नोएडा का वार्षिकोत्सव न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण था, बल्कि यह देश की एकता, राष्ट्रवाद और समाजिक उत्थान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था। महर्षि दयानंद के योगदान को याद करते हुए, सभी उपस्थितजनों ने उनके विचारों को जीवन में उतारने का संकल्प लिया।