प्राकृत भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने पर भारत सरकार का धन्यवाद ज्ञापित: जैन समाज का ऐतिहासिक समारोह
भारतीय जैन संघटना और सकल जैन समाज ने प्राकृत भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने पर भारत सरकार का धन्यवाद किया। समारोह में जैन समुदाय के नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया और प्राकृत के महत्व पर प्रकाश डाला।
नई दिल्ली, 10 दिसंबर 2024: श्री श्वेतांबर स्थानकवासी जैन कॉन्फ्रेंस भवन, गोल मार्केट, नई दिल्ली में भारतीय जैन संघटना (BJS) दिल्ली और सकल जैन समाज ने प्राकृत भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने के लिए भारत सरकार का आभार व्यक्त किया। इस समारोह में विशेष रूप से माननीय श्री धन्य कुमार जिनप्पा गुंडे जैन, जैन सदस्य अल्पसंख्यक आयोग एवं अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन श्री इकबाल सिंह लालपुरा जी के सुपुत्र श्री अजय वीर लालपुरा जी ने अपनी उपस्थिति से इस समारोह को गरिमा प्रदान की।
समारोह में जैन समाज के अनेकों प्रतिष्ठित व्यक्तित्वों ने अपने-अपने तरीके से भारत सरकार और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का धन्यवाद किया। इस महत्वपूर्ण घटना के सम्मान में आयोजित कार्यक्रम का स्वागत अध्यक्ष डॉ. कमल सेठिया थे। उन्होंने दीप प्रज्वलन का सौभाग्य प्राप्त किया। साथ ही, डॉ. नीरज जैन को भी इस अवसर पर जैन समाज के अन्य प्रतिनिधियों द्वारा सम्मानित किया गया।
प्रमुख अतिथियों का समागम और उनके विचार
समारोह में श्री आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर सुंदर विहार दिल्ली के अध्यक्ष श्री प्रदीप जैन, श्री पारसनाथ दिगंबर जैन मंदिर पश्चिम विहार के अध्यक्ष डॉ. राकेश जैन, भारतीय जैन संगठन के उत्तर भारत के प्रभारी श्री विजय जैन, दिल्ली जैन महासंघ के अध्यक्ष श्री नरेश आनंद प्रकाश जैन, और माननीय श्री संपत लाल जी नाहटा जैसे महानुभावों ने मंच की गरिमा को बढ़ाया।
कार्यक्रम के दौरान बहन सुनंदा जैन, समाजसेवी ने अपने संयुक्त रूप से इस जिम्मेदारी को निभाया। उन्होंने भी अपने वक्तव्य में प्राकृत भाषा के महत्व पर चर्चा की और भारत सरकार द्वारा इस भाषाई धरोहर को शास्त्रीय दर्जा देने की सराहना की।
शास्त्रीय भाषा के रूप में प्राकृत की अहमियत
अखिल भारतीय श्रावक समिति के महामंत्री श्री मुन्नालाल जी जैन ने अपने वक्तव्य में प्राकृत को न केवल जैन धर्म की, बल्कि संपूर्ण देश की भाषा बताया और इस निर्णय को समाज के लिए एक ऐतिहासिक अवसर माना। श्रीमति संतोष जैन, महिला उपाध्यक्षा, ऑल इंडिया जैन कांफ्रेंस ने भी अपने चंद शब्दों में सरकार का आभार व्यक्त किया।
इसके अलावा, भाई रूपक जैन और दीपक जैन ने भजन प्रस्तुत कर धन्यवाद किया और विशेष रूप से माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का धन्यवाद भजन के रूप में व्यक्त किया।
मंच का संचालन और धन्यवाद
समारोह का कुशल संचालन भारतीय जैन संगठन के दिल्ली के महामंत्री श्री नरेंद्र जैन जी ने किया। उन्होंने कार्यक्रम के समापन पर सभी उपस्थित महानुभावों और समाज के साथ इस ऐतिहासिक अवसर पर आभार व्यक्त किया।
श्री ऑल इंडिया श्वेतांबर स्थानकवासी जैन भवन के प्रभारी श्री जे पी एस लालवानी जी ने जैन कॉन्फ्रेंस की ओर से भारत सरकार और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का धन्यवाद ज्ञापित किया।
जैन समाज के भविष्य में लाभ और आश्वासन
कार्यक्रम में श्री इकबाल सिंह लालपुरा जी के सुपुत्र श्री अजय वीर सिंह लालपुरा जी ने जैन समाज के लिए भारत सरकार द्वारा किए गए प्रयासों का आभार व्यक्त किया और यह आश्वासन दिया कि जैन समाज को अल्पसंख्यक आयोग में उचित लाभ मिलेगा।
प्राकृत भाषा का सांस्कृतिक योगदान
समारोह में मुख्य अतिथि श्री धन्य कुमार जिनप्पा गुंडे जैन जी ने प्राकृत भाषा की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्वता पर प्रकाश डाला। उन्होंने जैन धर्म को एक पुरातन धर्म बताते हुए प्राकृत भाषा के महत्व को रेखांकित किया। साथ ही, उन्होंने भविष्य में जैन समाज को और अधिक अवसर मिलने की उम्मीद जताई और बताया कि जैन तीर्थयात्राओं और धार्मिक स्थलों को बढ़ावा देने के लिए सरकार गंभीर प्रयास कर रही है।
समापन
अंत में, बहन सुनंदा जी ने पधारे हुए सभी महानुभावों का धन्यवाद ज्ञापित किया और समारोह की सफलता पर खुशी व्यक्त की। इस ऐतिहासिक घटना ने प्राकृत भाषा के प्रति जैन समाज की जागरूकता और सम्मान को बढ़ाया है, और भारतीय संस्कृति के संरक्षण में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ है।
समारोह का आयोजन गौतम प्रसादी द्वारा की गई सुंदर व्यवस्था के तहत सफलतापूर्वक संपन्न हुआ, जिसमें श्री आदिनाथ दिगंबर जैन सुंदर विहार के महामंत्री भाई मनोज जी जैन का विशेष योगदान रहा।