दिल्ली के नरेला इलाके में गैस लीक से दो मंजिला मकान में ब्लास्ट, 6 लोग घायल
नरेला, दिल्ली में गैस लीक से एक दो मंजिला मकान में हुए ब्लास्ट में 6 लोग घायल हो गए हैं। धमाके के बाद मकान की छत गिर गई। पुलिस और दमकल विभाग ने तुरंत राहत कार्य शुरू किया। घटनास्थल पर जांच जारी।
नई दिल्ली, 10 दिसंबर 2024: दिल्ली के आउटर नॉर्थ डिस्ट्रिक्ट के नरेला इलाके में रविवार सुबह एक भयंकर गैस लीक हादसा हुआ, जब दो मंजिला मकान में जोरदार ब्लास्ट हुआ। धमाका इतना तीव्र था कि मकान की छत गिर गई और एक कमरे की दीवार भी ढह गई। इस विस्फोट में एक ही कमरे में मौजूद छह लोग गंभीर रूप से घायल हो गए, जिनमें तीन बच्चे भी शामिल हैं। घायलों में से एक की हालत नाजुक बताई जा रही है, और बाकी की हालत भी चिंताजनक है। घटना के तुरंत बाद दमकल विभाग और पुलिस की टीम राहत कार्य के लिए मौके पर पहुंची। सभी घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है।
गैस लीक के कारण हुआ ब्लास्ट, घर में मच गई अफरा-तफरी
यह घटना रविवार सुबह करीब 7:53 बजे सनी बाजार स्थित पंजाबी कॉलोनी के एक मकान में हुई। पुलिस को सूचना मिली कि एक मकान में जोरदार ब्लास्ट हुआ है, जिससे आस-पास के इलाके में अफरा-तफरी मच गई। सूचना मिलते ही पुलिस और दमकल विभाग की टीम मौके पर पहुंची। घटनास्थल पर पहुंचने पर पता चला कि विस्फोट राजू नामक व्यक्ति के घर में हुआ था। घर में खाना बनाने के दौरान गैस लीक होने के कारण यह दुर्घटना घटी।
आशंका जताई जा रही है कि घर के सदस्य गैस चूल्हे पर खाना बना रहे थे, और जैसे ही माचिस जलाने के लिए किसी ने किटली से माचिस की तीली निकाली, गैस का विस्फोट हो गया। इस धमाके के बाद घर की छत और दीवारें पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गईं, जिससे परिवार के छह सदस्य घायल हो गए। हादसे के बाद घर में आग भी लग गई, जिसे दमकल कर्मियों ने तुरंत बुझा दिया।
घायलों की पहचान और उनकी हालत
इस हादसे में घायल हुए छह लोगों की पहचान राजू (40 वर्ष), उनकी पत्नी राजेश्वरी (35 वर्ष), उनके बेटे राहुल (18 वर्ष), बेटी मोहिनी (15 वर्ष), छोटी बेटी वर्षा (5 वर्ष) और माही (3 वर्ष) के रूप में हुई है। इनमें से राजू को 5% जलने की चोटें आई हैं, जबकि उनकी पत्नी को लगभग 45% जलने की गंभीर चोटें आई हैं। राहुल और मोहिनी के शरीर के 45% और 50% हिस्से में जलने की चोटें आई हैं। छोटी बच्चियों, माही और वर्षा को भी जलने की चोटें आई हैं, हालांकि उनकी हालत ज्यादा गंभीर नहीं है।
अस्पताल में इलाज चल रहा है, और डॉक्टरों के अनुसार राजेश्वरी की हालत नाजुक बनी हुई है, जबकि अन्य घायलों का इलाज चल रहा है। सभी घायल मरीजों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज किया जा रहा है।
घटनास्थल पर दमकल और पुलिस विभाग की त्वरित कार्रवाई
घटना की जानकारी मिलते ही दमकल विभाग ने तुरंत तीन गाड़ियों को मौके पर भेजा। दमकलकर्मियों ने आग को बुझाने के बाद घायलों को बाहर निकाला और उन्हें अस्पताल भेजा। पुलिस और दमकल कर्मियों ने मौके पर पहुंचकर पूरी स्थिति को नियंत्रित किया। एकदम से कार्रवाई करने के कारण ही ज्यादा नुकसान होने से बचा।
दमकल विभाग के अधिकारियों के अनुसार, विस्फोट इतना तेज था कि घर के एक कमरे की छत गिर गई और कमरे के चारों ओर मलबा फैल गया। इसके अलावा, घर के अंदर सामान और दीवारों को भी भारी नुकसान हुआ। दमकल विभाग ने बताया कि घटना के बाद स्थिति को काबू में करने के लिए उन्हें काफी मशक्कत करनी पड़ी, लेकिन राहत कार्य सफल रहा।
पुलिस ने शुरू की जांच, एफएसएल टीम और क्राइम टीम को बुलाया
घटना के बाद, पुलिस ने एफएसएल (Forensic Science Laboratory) और क्राइम टीम को मौके पर भेजा। टीम ने घटनास्थल से साक्ष्य इकट्ठा किए और जांच शुरू कर दी। प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि यह धमाका गैस सिलेंडर में लीक होने के कारण हुआ, हालांकि पुलिस इस मामले की गहराई से जांच कर रही है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि कहीं किसी ने लापरवाही तो नहीं बरती।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में किसी भी प्रकार की साजिश का संकेत नहीं मिला है, लेकिन फिर भी सभी पहलुओं पर जांच की जा रही है। पुलिस ने राजू और उनके परिवार के अन्य सदस्यों से पूछताछ की है और यह जानकारी ली है कि क्या घर में किसी प्रकार की अवैध गतिविधियाँ हो रही थीं।
गैस सिलेंडर सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने की जरूरत
इस घटना ने गैस सिलेंडर से जुड़े सुरक्षा मानकों की अहमियत को एक बार फिर से उजागर किया है। गैस लीक की घटनाएं घरों और कार्यस्थलों पर बड़ी दुर्घटनाओं का कारण बन सकती हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि गैस सिलेंडर का उचित रख-रखाव, नियमित जांच और सुरक्षा मानकों का पालन करना बेहद जरूरी है।
सरकार और सुरक्षा एजेंसियों को चाहिए कि वे लोगों को गैस सिलेंडर के सुरक्षित उपयोग के बारे में जागरूक करें। साथ ही, नागरिकों को यह भी बताया जाए कि गैस लीक होने की स्थिति में तुरंत क्या करना चाहिए। इससे ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता है।
राहत कार्य और प्रशासन की तत्परता
घटना के बाद प्रशासन ने तुरंत राहत कार्य शुरू किया और इलाके की सुरक्षा सुनिश्चित की। पुलिस और दमकल विभाग की तत्परता को देखकर यह कहा जा सकता है कि समय रहते बचाव कार्य शुरू हुआ, जिसके कारण और अधिक जान-माल का नुकसान नहीं हुआ।
इस दुर्घटना ने यह भी दिखाया कि जब प्रशासन और सुरक्षा विभाग मिलकर काम करते हैं, तो किसी भी संकट से निपटने में सफलता मिल सकती है। अब प्रशासन इस घटना के बाद गैस सिलेंडर के सुरक्षा मानकों पर विशेष ध्यान देगा, ताकि भविष्य में इस प्रकार की दुर्घटनाएं न हों।
निष्कर्ष
नरेला इलाके में गैस लीक से हुआ यह ब्लास्ट एक बड़ी दुर्घटना थी, जिसमें छह लोग घायल हो गए। यह घटना हमें गैस सिलेंडर की सुरक्षा के प्रति अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता का संदेश देती है। साथ ही, यह भी दिखाती है कि जब प्रशासन और राहत टीम पूरी तत्परता से काम करती हैं, तो बड़ी से बड़ी दुर्घटना को भी नियंत्रित किया जा सकता है।
--शहाबुद्दीन अंसारी.