हिन्दू मुसलमानों के बीच अब विवाद नहीं सिर्फ संवाद होगा: डॉ० राजीव श्रीगुरुजी

हिन्दू मुसलमानों के बीच अब विवाद नहीं सिर्फ संवाद होगा:  डॉ० राजीव श्रीगुरुजी

सोहराब ख़ान :

खेतासराय (जौनपुर), 11 दिसम्बर। : जैसे-जैसे लोग अपने पूर्वजों से जुड़ते चले जायेंगे, वैसे-वैसे भावनात्मक रिश्तों का विकास होता रहेगा। विशाल भारत संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं बीएचयू के प्रोफेसर डॉ० राजीव श्रीगुरुजी ने पूर्वी उत्तर प्रदेश में जड़ों से जुडो का अभियान चलाकर हिन्दुओं और मुसलमानों के सोचने का ढंग ही बदल दिया। कल तक हिन्दू मुसलमान बनकर सोचते थे और जब पूर्वजो का पता चला तो नाना, मामा, बुआ, फूफा, बड़े बाबूजी, मौसा, मौसी के रिश्ते निकलने लगे। जब रिश्ते मिले तो व्यवहार बदलने लगा।

खेतासराय कस्बा में विशाल भारत संस्थान द्वारा संचालित हिन्दू मुस्लिम संवाद केंद्र का उद्घाटन विशाल भारत संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ० राजीव श्रीगुरुजी एवं केंद्र की नेशनल कोऑर्डिनेटर आभा भारतवंशी ने नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीपोज्वलन कर किया। इस अवसर पर पूर्वजों और परम्पराओं से हिन्दू मुस्लिम रिश्तों का विश्लेषण विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी खेतासराय कस्बे में आयोजित की गई। 
विशाल भारत संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ० राजीव श्रीगुरुजी का मुस्लिम समुदाय के लोगों ने केराकत, बकुलिया, सरायख्वाजा में भव्य स्वागत किया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि विशाल भारत संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ० राजीव श्रीगुरुजी ने कहा कि अपने पूर्वजों की तलाश से जड़ों से जुड़ने का मौका मिलेगा। गिरमिटिया मजदूर के रूप में अंग्रेजों द्वारा विदेश ले जाये लोगों को आज भी अपने पूर्वजों और परम्पराओं की तलाश है। बंटवारे के समय जो पाकिस्तान चले गए वो आज भी अपने पूर्वजों की मिट्टी से मिलने को तरस रहे है। हिन्दू और मुसलमान भारतीय है तो इनकी जड़े एक ही है। पूर्वजो का पता चलते ही दोनों रिश्तो में बंध रहे है। जहाँ एक दूसरे को देखना पसंद नही करते थे आज घर के हर काम में, न्योता हकारी में एक दूसरे को लोग बुला रहे है। पूर्वजों की विरासत से सम्बन्धो का संसाधन और रिश्तो की पूंजी मिली है। यही अंत तक काम आने वाला है। पूर्वजों से जाति मिली है, गोत्र मिला है और भारतीय होने की पहचान मिली है, इसे मिटने न दे। अपने महान पूर्वजो की संस्कृति को अक्षुण्ण रखने के लिए आपसी सामंजस्य और एकता जरूरी है। हिदू मुसलमान बैठकर संवाद करें और नफरत को खत्म करने के लिए पूर्वजों के ही नाम का सहारा ले।

हिन्दू मुस्लिम संवाद केंद्र की नेशनल कोऑर्डिनेटर आभा भारतवंशी ने कहा कि रिश्ते सभी धर्म और जातियों से ऊपर है। भारतीय संस्कृति में एकता के ही बीज है। कुछ समय का नफरत भी हिंसा के लिए प्रेरित करता है। इससे सम्बन्धो का नुकसान होता है। पूर्वजों की ओर से हम सब एक ही है।
संगोष्ठी की अध्यक्षता विशाल करते हुए मुस्लिम महिला फाउंडेशन की नेशनल सेक्रेटरी डॉ० नजमा परवीन ने कहा कि जो जड़ों से नहीं जुड़ेगा उसकी इज्जत कहीं नहीं होगी। धर्म बदलने से जाति और गोत्र तो वही रहेंगे जो पूर्वजो की ओर से मिला है। भारतीय होने का गर्व है तो यही का गांव और मिट्टी भी यही की है। संस्कृति तो हिंदुस्तानी ही रहेगी। हजारो सालो से हमारे पूर्वज यहीं के है तो उनकी परम्पराओ से हम अलग कैसे हो सकते है।
संगोष्ठी का संचालन विशाल भारत संस्थान की राष्ट्रीय महासचिव डॉ० अर्चना भारतवंशी ने किया एवं धन्यवाद जौनपुर के जिला चेयरमैन नौशाद अहमद दुबे ने दिया।
इस अवसर पर अलाउद्दीन भुल्लन, राशिद खान, अक्सम सिद्दीकी, नौशाद अख्तर, सलमान खान, इरशाद खान, नोमान खान, सैय्यद उरूज़, मन्नू नेता, आकाश यादव आदि लोग मौजूद रहे।