35 मिनट की समीक्षा बैठक में क्या समाधान करेंगे मुख्यमंत्री जी: सांसद

What solution will the Chief Minister give in the 35-minute review meeting

35 मिनट की समीक्षा बैठक में क्या समाधान करेंगे मुख्यमंत्री जी: सांसद
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अजय कुमार पाण्डेय :

औरंगाबाद: ( बिहार ) यह कथन उस वक्त की है. जब जिला मुख्यालय स्थित सांसद आवास पर रविवार दिनांक - 12 फरवरी 2023 को बिहार - सरकार के पूर्व मंत्री व गया शहर से 09 बार विधायक बने डॉक्टर प्रेम कुमार के साथ औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र के भाजपा सांसद, सुशील कुमार सिंह भी सभी लोगों की मौजूदगी में ही प्रेस कॉफ्रेंस कर रहे थे. जिसमें माननीय प्रधानमंत्री, नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा किए जा रहे लगातार प्रयासों की जमकर सराहना भी की गई. 

इस बार लोकसभा में पेश किए गए बजट की भी उपस्थित भाजपा नेताओं ने प्रेस कॉफ्रेंस में जमकर तारीफ की. जिसमें बिहार - सरकार के पूर्व मंत्री व गया शहर से 09 बार विधायक बन चुके डॉक्टर प्रेम कुमार, औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र के भाजपा सांसद, सुशील कुमार सिंह, बिहार प्रदेश भाजपा नेता योगेंद्र पासवान, औरंगाबाद भाजपा जिलाध्यक्ष, मुकेश शर्मा, अश्विनी तिवारी, औरंगाबाद विधान पार्षद, भाजपा नेता विनय सिंह, औरंगाबाद सांसद के भाजपा मीडिया प्रभारी, मितेंद्र कुमार सिंह, भाजपा जिला मंत्री, आलोक कुमार सिंह, अरविंद पासवान, सिकंदर पासवान, विवेक कुमार इत्यादि लोग भी मौजूद रहे. 

इस कार्यक्रम में जब उपस्थित संवाददाताओं ने औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र के भाजपा सांसद, सुशील कुमार सिंह से सवाल पूछा कि कल सोमवार दिनांक - 13 फरवरी 2023 को बिहार के माननीय मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार औरंगाबाद जिले में समाधान यात्रा पर आने वाले हैं. 

इस कार्यक्रम में आपको आमंत्रित किया गया है. या नहीं. तब पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए कहा कि अधिकारिक तौर पर मुझे सांसद होने के नाते आमंत्रित किया गया है. लेकिन अब आप ही लोग बताइए कि माननीय मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार जी जो औरंगाबाद जिले में समाधान यात्रा के नाम पर आ रहे हैं. और मात्र 35 मिनट ही समीक्षा बैठक करेंगे. निर्धारित समयानुसार 2.55 में माननीय मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार समीक्षा बैठक में पहुंचेंगे, और 3:30 बजे औरंगाबाद से प्रस्थान ही कर जाना है. 

इस समीक्षा बैठक में वो औरंगाबाद जिला का क्या समाधान कर पाएंगे. यदि माननीय मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार जी को सचमुच में समीक्षा ही करनी है, तो एक दिन का पूरा समय दें. तभी तो सचमुच में औरंगाबाद जिला का समाधान होगा. क्योंकि 10 - 15 मिनट तो कम से कम एक दूसरे के परिचय में ही चला जाता है. बाकी बचा 20 मिनट. तो ऐसी परिस्थिति में क्या समीक्षा हो पायेगी. इसलिए यह सिर्फ कोरम पूरा करने की ही बात है, और सिर्फ समाधान यात्रा के नाम पर मोटी सरकारी राशि का दुरुपयोग किया जा रहा है. हालांकि ऐसे भी मेरा सोमवार दिनांक - 13 फरवरी 2023 तक लोकसभा का सत्र चल रहा है, जिसमें सभी सांसद को रहना अनिवार्य होता है. यह समीक्षा बैठक तो एक औपचारिक बैठक है. 

इसके बाद औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र के भाजपा सांसद, सुशील कुमार सिंह ने उपस्थित पत्रकारों के समक्ष बिहार के माननीय मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार से मांग करते हुए कहा कि यदि वास्तव में मुख्यमंत्री जी को औरंगाबाद जिला में समाधान करना है. तो मुख्य रूप से 05 बिंदुओं पर विशेष ध्यान देकर समाधान करते हैं. जिसमें इन 05 बिंदुओं में से नंबर वन पर औरंगाबाद जिले में मेडिकल कॉलेज, नंबर टू 13 वर्षों से औरंगाबाद जिले में केंद्रीय विद्यालय खुला हुआ है. लेकिन अभी तक बिहार - सरकार केंद्रीय विद्यालय के लिए अपना जमीन उपलब्ध नहीं कराई है. जिसके वजह से विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा पाने हेतु दूसरे जगह पर जाना पड़ता है. यदि बिहार सरकार 05 एकड़ जमीन दे देती. तो बहुत होती. जबकि केंद्रीय विद्यालय में वहां 99% बच्चे औरंगाबाद जिला या बिहार के ही हैं. नंबर थ्री स्टेट हाईवे - 101 अंबा - गया. 

कई वर्ष पहले स्टेट हाईवे के रूप में अधिसूचित है. लेकिन आज तक सिंगल ही है. सुनने में आ रही है कि अंबा से मदनपुर तक ही आधी दूरी तक सड़क बनेगी. बाकी छोड़ दिए जाएंगे. नंबर फोर जिले की दक्षिणी भाग में सिंचाई हेतु बटाने जलाशय परियोजना, बतरे जलाशय परियोजना का खास्ताहाल है. सिंचाई समस्या से निजात पाने के लिए मुख्यमंत्री जी से जनता चाहती है. दक्षिणी जंगली, पहाड़ी क्षेत्रों में छोटे - छोटे डैम बनाकर जलाशय की सुविधा दी जा सकती है. लोग इससे भी निजात चाहते हैं, कि मुख्यमंत्री जी कोई घोषणा करेंगे. जनता टकटकी लगाए हुए हैं. यदि ऐसा होता है. तब माना जाएगा कि सचमुच में औरंगाबाद जिले के लिए माननीय मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार का समाधान यात्रा है. और औरंगाबाद जिले की जनता माननीय मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार का दिल से स्वागत भी करेगी. नहीं तो व्यवधान यात्रा ही है. तब संवाददाता ने औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र के भाजपा सांसद, सुशील कुमार सिंह से सवाल पूछा कि माननीय मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार का औरंगाबाद जिले में जब भी प्रोग्राम हुआ है. 

तब विभाग द्वारा कई मीडियाकर्मियों को कार्यक्रम में प्रवेश करने हेतु पास से भी वंचित कर दिया जाता है. या देव सूर्य महोत्सव जैसे कार्यक्रम भी होते हैं. तब उसमें भी विभाग द्वारा कई मीडिया कर्मियों को प्रवेश पाने के लिए पास से वंचित कर दिया जाता है. साथ ही यदि कोई पब्लिक भी माननीय मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार से कार्यक्रम में मिलकर अपनी समस्याओं से संबंधित मुद्दों पर अवगत कराना चाहता है. 

तब उससे भी बिहार के माननीय मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार मिलना मुनासिब नहीं समझते हैं. और हमेशा मीडिया कर्मियों तथा जनता से दूर रहना ही पसंद करते हैं. और सिर्फ अधिकारियों के बीच ही घिरकर रह जाते हैं. जिसका मुद्दा पूर्व में भी कई बार प्रमुखता से उठा है. इसलिए आप इस मुद्दे पर क्या कहना चाहेंगे. तब औरंगाबाद सांसद, सुशील कुमार सिंह ने संवाददाता द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए कहा कि अभी तो बांके बाजार में पत्रकार को भी बंद कर दिया गया था. बांके बाजार में पत्रकार पिटाए भी. कटिहार में भी विरोध हुआ. ऐसी परिस्थिति में क्या कहा जाए. इसलिए यह अलोकतांत्रिक एवं तानाशाह रवैया की ही सरकार चल रही है. 

इसके बाद औरंगाबाद भाजपा सांसद, सुशील कुमार सिंह ने प्रेस कॉफ्रेंस के दौरान ही बिहार - सरकार पर प्रहार करते हुए कहा कि बांके बाजार में पहले तक तो लोगों को बाहर से कुंडी चढ़ा दी गई थी. कि मोरहर नदी से टेंडर बिहार - सरकार ने कर दिया है. जो नहीं होना चाहिए. किसान मेहनत करके पईन बनाकर खेती करने हेतु पानी खेत में ले जाते हैं. आप यदि नाहर से पानी लेते हैं. तो सरकार टैक्स लेती है. मगर पईन से पानी ले जाने में टैक्स नहीं लगती है. मोरहर नदी से लगातार काफी मात्रा में बालू उठाव जारी है. आज महीनों से क्षेत्र के लोग अनशन भी कर रहे हैं. जिसमें मैं भी जाकर समर्थन दिया हूं. इतना ही नहीं क्षेत्रीय जनता द्वारा विरोध करने पर सरकार उन पर मुकदमा करके जेल में भी डाल रही है. जो नहीं होना चाहिए. सरकार उस टेंडर को अविलंब रद्द करे. अन्यथा पीने के लिए भी क्षेत्रीय जनता को पानी नहीं रहेगा. 

इसके बाद औरंगाबाद भाजपा सांसद, सुशील कुमार सिंह ने उपस्थित पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि आप लोग जो सवाल पूछेंगे. उसका मैं पहले ही जवाब दे दे रहा हूं. बिहटा - औरंगाबाद नई रेलवे लाइन परियोजना 122 किलो मीटर का था. विरोधी दुष्प्रचार कर रहे हैं. पहले टोकन रखा था. अभी दोबारा सर्वे हुआ. सर्वे, डी0पी0आर0 बढ़ाने के लिए भारत - सरकार ने सहमति दी है. जमीन के लिए राज सरकार से अधियाचना दी भारत - सरकार ने रेलवे लाइन निर्माण हेतु राशि कोई मतलब नहीं है. 20 करोड़ के जगह यदि 200 करोड़ रुपए की भी जरूरत पड़ेगी. तो केंद्र सरकार देगी. जैसे - जैसे रेलवे लाइन का काम आगे बढ़ेगा. वैसे वैसे केंद्र - सरकार राशि भी देगी. 

इसके बाद औरंगाबाद भाजपा सांसद ने संबोधित करते हुए कहा कि वाराणसी - कोलकाता नई सड़क पर भी 7,478 करो रुपए खर्च होंगे. भूमि अधिग्रहण का काम चलेगा. अंत में उपस्थित पत्रकार बंधुओं ने औरंगाबाद सांसद, सुशील कुमार सिंह से सवाल पूछा कि आपको एवं गोह विधानसभा क्षेत्र के पूर्व जनता दल यूनाइटेड विधायक रणविजय सिंह को नक्सलियों द्वारा पोस्टर चिपकाकर धमकी दिया गया है. 

इस मुद्दे पर आप क्या कहना चाहेंगे. पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए औरंगाबाद भाजपा सांसद ने कहा कि अब नक्सलियों की भावना और मन: स्थिति भी बदल रही है. इस तरह नाहर के मुद्दे पर धमकी देकर जनता के बीच सुर्खियां भी बटोरना चाह रहे हैं. इसलिए मैंने तो इस मामले में बिहार - सरकार से भी मांग किया हूं कि चिपकाए गए पोस्टर की सत्यता जांच करे. कि हकीकत क्या है. किसने सबसे पहले पोस्टर को देखा. उसका भी सही तरीके से जांच कर पूछताछ करे. हो सकता है कि नक्सलियों के नाम पर यह पर्चा चिपकाने में शरारती तत्व का भी हाथ हो. कुछ कहा नहीं जा सकता है. इसलिए हकीकत की जांच अवश्य होनी चाहिए. 

इसके अलावे इस कार्यक्रम में बिहार प्रदेश भाजपा के नेता, योगेंद्र पासवान, भाजपा जिलाध्यक्ष, मुकेश शर्मा एवं भाजपा नेता अश्विनी तिवारी ने भी अपने अपने तरीके से केंद्र - सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की.