दोगलापन: सिर्फ सत्ताधारी विधायकों के लिए है BMC का फंड
16 फरवरी 2023 को बीएमसी ने एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें कहा गया कि शहर का विकास करने के लिए फंड मुंबई के 36 विधायकों के जरिए अलॉट किया जाएगा
BMC ने BJP-शिंदे सेना को दिए 500 करोड़, विपक्ष को कुछ भी नहीं
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में पिछले दो सालों ने नगर निगम के चुनाव नहीं हुए हैं, ऐसे में यहां विभिन्न इलाकों का विकास काफी हद तक इस बार पर निर्भर करता है कि आपका विधायक किस पार्टी से है। द इंडियन एक्सप्रेस की इन्वेस्टिगेशन से पता चला है कि, बीएमसी के खजाने का ताला तब खुलता है, जब विधायक रूलिंग पार्टी से होता है और जब विधायक विपक्षी दलों से संबंध रखता है तो यह बंद हो जाता है।
मुंबई में कुल 36 विधायक हैं। इन विधायकों में से 21 विधायक सत्ताधारी बीजेपी और शिंदे शिवसेना गठबंधन से हैं जबकि 15 विधायक विपक्षी दलों से संबंध रखते हैं। द इंडियन एक्सप्रेस को RTI और इन्वेस्टिगेशन से मिली जानकारी के मुताबिक, फरवरी 2023 की पॉलिसी के तहत BMC विधायकों को विकास कार्यों के लिए फंड मांगने की अनुमति देती है। इस नीति के तहत रूलिंग गठबंधन के 21 विधायकों ने फंड मांगा है और उन्हें दिसंबर 2023 तक यह अलॉट भी किया गया है।
ठीक इसके उलट 15 विपक्षी विधायकों को मांगने पर भी एक भी पैसा नहीं दिया गया है। द इंडियन एक्सप्रेस ने इन सभी 15 विपक्षी विधायकों में स्वतंत्र रूप से बात करके यह वेरिफाई किया कि क्या उन्होंने फंड के लिए अप्लाई किया है और क्या प्रभारी मंत्रियों ने इसे मंजूरी दे दी। अगर पैसा अलॉट कर दिया जाता तो इसका इस्तेमाल विकास की विभिन्न योजनाओं में किया जाता। इनमें धारावी में एक नाले की मरम्मत से लेकर सेवरी में एक पार्क के सौंदर्यीकरण और सत्यनारायण चॉल में पेवर ब्लॉक की स्थापना शामिल है। इस संबंध में बीएमसी कमिश्नर आई एस चहल से बात करने की कई बार कोशिश की गई लेकिन वो उपलब्ध नहीं हो सके।
बीएमसी आमतौर पर 227 चुने हुए पार्षदों के जरिए काम करता है। अगर बीएमसी चुनाव होते तो यह काम पार्षदों के जरिए ही करवाया जाता। लेकिन दो सालों से चुनाव न होने की वजह से 16 फरवरी 2023 को बीएमसी ने एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें कहा गया कि शहर का विकास करने के लिए फंड मुंबई के 36 विधायकों के जरिए अलॉट किया जाएगा। यह प्रस्ताव पास करने से पहले 4 फरवरी को बीएमसी में बजट पेश किया गया था।
फरवरी 2023 के प्रस्ताव के बाद अप्रूवल नोट में कहा गया, “विधायकों / सांसदों से उनके संबंधित निर्वाचन क्षेत्रों में विभिन्न विकास कार्यों, बुनियादी ढांचे के कार्यों, सौंदर्यीकरण कार्यों आदि के लिए धन उपलब्ध कराने के लिए बड़ी संख्या में पत्र प्राप्त हुए हैं। इसलिए, 16 फरवरी, 2023 को प्रशासक द्वारा इस नए प्रावधान के लिए मंजूरी दी गई है।”
प्रावधान के अनुसार, बीएमसी ने अपने क्षेत्र में आने वाले 36 विधायकों के निर्वाचन क्षेत्रों में किए जाने वाले काम के लिए अपने 52,619 करोड़ रुपये के बजट में से करीब 2.5 प्रतिशत – 1,260 करोड़ रुपये अलग रखे। इस हिसाब से हर विधायक ज्यादा से ज्यादा 35 करोड़ रुपये मांगने का हकदार था। हालांकि फरवरी 2023 से 31 दिसंबर 2023 तक 10 महीनों के अंदर म्युनिसिपल कमिश्नर और प्रशासन आई एस चहन ने BJP – एकनाथ शिंदे की सेना के 21 विधायकों को 500.58 करोड़ रुपये जारी किए जबकि जबकि विपक्षी विधायकों को कोई पैसा नहीं दिया गया।
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