सूतापट्टी की बदहाल स्थिति, ग्राहकों के आवागमन में गिरावट, चिंता में व्यवसायी
त्तर बिहार के प्रमुख शहरों दरभंगा, मधुबनी, चंपारण, सीतामढ़ी, शिवहर, समस्तीपुर वैशाली के व्यवसायी यहां से माल ले जाकर कारोबार करते हैं. यहां मुख्य रुप से रेडिमेड,साड़ी,सूट, होजियरी और शुटिंग-शरटिंग के कपड़ों का व्यवसाय होता है,
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ग़ज़नफर इकबाल :
मुजफ्फरपुर : उत्तर बिहार के सबसे बड़े कपड़ा मंडी सूतापट्टी की हालत इन दिनों काफी ख़राब है, कीचड़ और दलदल के कारण कारोबार चौपट हो गया है. व्यापारियों को आने जाने में काफी मुश्किल हो रही है,यही स्थिति करीब एक महीने से बनी हुई है. यहां करीब 700 थोक कपड़े की दुकानें है जहां अधिकतर सूरत और लुधियाना के कारखानों से सीधे माल पहुंचता है और उत्तर बिहार के प्रमुख शहरों दरभंगा, मधुबनी, चंपारण, सीतामढ़ी, शिवहर, समस्तीपुर वैशाली के व्यवसायी यहां से माल ले जाकर कारोबार करते हैं. यहां मुख्य रुप से रेडिमेड,साड़ी,सूट, होजियरी और शुटिंग-शरटिंग के कपड़ों का व्यवसाय होता है, करीब पांच हजार वयवसायी यहां प्रतिदिन पहुंचते हैं जिससे करोड़ों रुपए का कारोबार होता है, परंतु एक महीने से यहां का कारोबार बाधित है, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत सड़क और नाले का निर्माण कराया जा रहा है, जिसमें नगर निगम की संयुक्त रुप से भुमिका रहती है.
नगर आयुक्त और महापौर भी इसके क्रियान्वयन में शामिल रहते हैं. निर्माण कार्य के दौरान सड़कों की खुदाई की गई तथा नालों की भी उड़ाही हुई. बरसात के कारण मिट्टी कीचड़ में तब्दील हो गया और अब यह दलदल बन चुका है, जिससे न तो लोगों का आवागमन हो पा रहा है और न ही छोटी गाडियां और ठेले वाले माल गोदाम से और ट्रांसपोर्ट एजेंसी से ला पा रहे हैं. ट्रांसपोर्टेशन बाधित हो गया है. कई बार संतुलन खोने के कारण दुर्घटनाएं भी हो चुकी है. ट्रांजेक्शन पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है,यह स्थिति करीब एक महीने से बनी हुई है, अभी त्योहारों का सीजन है,लगन भी करीब है, जिस कारण वयवसायी काफी चिंतित हैं, जल्द ही प्रमुख मार्गों और गलियों का निर्माण नहीं हो पाया तो व्यवसायियों के लिए मुश्किल हो जाएगा.
समाधान के लिए कारोबारियों का प्रतिनिधिमंडल वार्ड पार्षद संजय केजरीवाल की अगुवाई में नगर आयुक्त और महापौर से मिलकर समाधान के लिए तत्काल कदम उठाने को एक पत्र सौंपा है. वहां से आश्वासन तो मिला है फिर भी दुर्गा पूजा, दीपावली और छठ पर्व करीब होने के कारण काफी चिंतित हैं. व्यवसायियों में रोष है और काम न होने पर आंदोलन की तैयारी में हैं.