प्रथम चरण का पैक्स चुनाव संपन्न, हालांकि कुछ स्थानों पर विवाद और हिंसा की घटनाएं सामने आईं

देव प्रखंड अंतर्गत बनूआ गांव ( पंचायत ) के बूथ पर अध्यक्ष पद प्रत्याशी, कामता सिंह तथा विपक्षी प्रत्याशी, सुधीर सिंह के बीच मारपीट हो गई, और एक दूसरे के समर्थक भी उलझ पड़े. हालांकि कुछ ही देर में पुलिस - प्रशासन ने भी सक्रियता दिखाते हुए झगड़ा को कंट्रोल कर लिया, और अंतिम समय तक शांतिपूर्ण तरीके से पैक्स चुनाव मतदान कराने में भी सफल रहा.

प्रथम चरण का पैक्स चुनाव संपन्न, हालांकि कुछ स्थानों पर विवाद और हिंसा की घटनाएं सामने आईं
First phase of PACS election concluded

बिहार के औरंगाबाद जिले में चार प्रखंडों में शांतिपूर्वक हुआ मतदान, लेकिन सोनौरा पंचायत में झड़पों ने दी प्रशासन की परीक्षा

औरंगाबाद (बिहार), 26 नवंबर 2024: मंगलवार को औरंगाबाद जिले के चार प्रखंडों में पैक्स (Primary Agricultural Credit Society) चुनाव का प्रथम चरण सफलतापूर्वक संपन्न हो गया। चुनाव प्रक्रिया में मतदान शांतिपूर्वक होते हुए दिखाई दी, लेकिन कुछ स्थानों पर विवाद और झड़पों के कारण प्रशासन को अपनी सक्रियता दिखानी पड़ी। चुनाव में शामिल प्रखंडों में नवीनगर, कुटुंबा, देव और मदनपुर शामिल थे। हालांकि मतदान के दौरान कुछ विवाद और झड़पों की घटनाएं भी हुईं, लेकिन जिला और पुलिस प्रशासन की तत्परता से स्थिति को नियंत्रण में किया गया और मतदान शांतिपूर्वक संपन्न हुआ।

सोनौरा पंचायत में प्रत्याशियों के बीच झड़प, प्रशासन ने स्थिति को संभाला

प्रथम चरण के मतदान में सबसे अधिक विवाद सोनौरा पंचायत में देखने को मिला। यहां पैक्स अध्यक्ष पद के लिए प्रत्याशी ब्रजेश मेहता और उनके विरोधी प्रत्याशी नीरज कुमार सिंह के समर्थकों के बीच जमकर बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला। मतदान से एक दिन पूर्व रात में ही दोनों पक्षों के समर्थकों के बीच झड़प की सूचना मिली। हालांकि, प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए स्थिति को काबू में किया और मतदान को शांतिपूर्वक संपन्न कराया।

पुलिस और जिला प्रशासन की मुस्तैदी के कारण, मंगलवार को चुनाव शांतिपूर्वक हुए। मतदान केंद्रों पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी थी और मतदाताओं को अपने मतदान अधिकार का प्रयोग करने में कोई रुकावट नहीं आई।

कुटुंबा और मदनपुर प्रखंडों में भी शांतिपूर्ण मतदान

कुटुंबा और मदनपुर प्रखंडों में भी मतदान शांतिपूर्वक संपन्न हुआ। कुटुंबा के परता पंचायत स्थित बूथ पर मतदान सुबह से ही सुचारू रूप से चलता रहा और 1:00 बजे तक स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में रही। यहां के मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की भीड़ देखी गई, और मतदान के कार्य में प्रशासन पूरी तरह सक्रिय रहा।

वहीं मदनपुर प्रखंड के डुमरी पंचायत स्थित महसू बूथ पर अपराहन लगभग 3:45 बजे तक मतदान जारी रहा। यहां भी मतदान शांतिपूर्वक हुआ और किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी नहीं हुई। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने मतदान प्रक्रिया को निष्पक्ष और शांतिपूर्वक संपन्न कराने के लिए पूरे समय निगरानी रखी।

कर्मा बसंतपुर में लंबी कतारों के बीच मतदान हुआ शांतिपूर्वक

कर्मा बसंतपुर बूथ पर भी मतदान की प्रक्रिया बहुत ही व्यवस्थित और शांतिपूर्वक रही। संवाददाता के मुताबिक, 3:00 बजे के बाद जब वे मतदान केंद्र पर पहुंचे, तो वहां पर लंबी कतारें लगी हुई थीं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि मतदाताओं में काफी उत्साह था। प्रशासन और पुलिस की मुस्तैदी के कारण यहां कोई अप्रिय घटना नहीं घटी।

4:00 बजे तक कर्मा बसंतपुर के सभी मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की लाइन लगी रही। सभी मतदाता बारी-बारी से मतदान करने के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे। हालांकि, जब मतदान समाप्ति का समय करीब आया, तो पुलिस ने सुनिश्चित किया कि विद्यालय कैंपस के अंदर कोई और मतदाता प्रवेश न करे। मतदान केंद्र के पास तैनात पुलिसकर्मियों ने यह भी सुनिश्चित किया कि किसी मतदाता को मतदान करने में कोई परेशानी न हो।

प्रशासन की तत्परता पर सवाल, फिर भी चुनाव शांतिपूर्वक संपन्न

हालांकि चुनाव के दौरान कुछ स्थानों पर हिंसा और विवाद की घटनाएं हुईं, लेकिन प्रशासन और पुलिस प्रशासन की सक्रियता के कारण चुनाव अंततः शांतिपूर्वक संपन्न हो गया। खासकर, सोनौरा पंचायत में हुए विवाद के बाद प्रशासन की भूमिका काफी महत्वपूर्ण रही। इस घटना ने यह भी साबित किया कि पैक्स चुनाव के दौरान स्थानीय नेताओं और उनके समर्थकों के बीच हिंसा की घटनाएं न केवल मतदाताओं के लिए समस्या पैदा करती हैं, बल्कि चुनावी प्रक्रिया को भी प्रभावित कर सकती हैं।

हालांकि, प्रशासन ने इन घटनाओं पर त्वरित प्रतिक्रिया दी और चुनाव को शांतिपूर्वक चलवाने में सफल रहे। पुलिस और प्रशासन के अधिकारी चुनाव के दौरान लगातार निगरानी बनाए हुए थे और किसी भी असामाजिक गतिविधि को समय रहते नियंत्रित किया।

शांतिपूर्वक और निष्पक्ष चुनाव की आवश्यकता

पैक्स चुनाव बिहार में किसानों और ग्रामीण समुदाय के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माने जाते हैं। ये चुनाव न केवल कृषि वित्तीय प्रणाली में पारदर्शिता और कार्यकुशलता को बढ़ावा देते हैं, बल्कि ग्रामीण समाज में भी बेहतर विकास की दिशा में कदम बढ़ाते हैं।

हालांकि, जैसे-जैसे चुनावी प्रक्रिया आगे बढ़ेगी, ऐसे में प्रशासन और पुलिस को अधिक सतर्कता बरतने की आवश्यकता होगी, ताकि पैक्स चुनावों में किसी भी प्रकार की हिंसा या विवाद की संभावना न हो। मतदाताओं को भी मतदान के दौरान शांति बनाए रखने की जिम्मेदारी लेनी होगी, ताकि चुनाव की प्रक्रिया सुचारू रूप से चल सके और किसी प्रकार की कोई विघ्न बाधा उत्पन्न न हो।

निष्कर्ष:
औरंगाबाद जिले के चार प्रखंडों में हुआ पैक्स चुनाव भले ही हिंसा और विवाद से मुक्त न रहा हो, लेकिन प्रशासन की सक्रियता और तत्परता से मतदान शांतिपूर्वक संपन्न हुआ। आगामी चुनावों में भी इसी तरह की निगरानी और नियंत्रण की आवश्यकता होगी, ताकि लोकतांत्रिक प्रक्रिया को किसी भी प्रकार का नुकसान न हो।

-- अजय कुमार पाण्डेय